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संस्कृति विभाग के मास्टरमाइंड नाम का देव, करोड़ों की इवेंट में मोटी रकम की वसूली और नजर सरकार के कुंभ वाले हजार करोड़ के बजट पर

भोपाल (जयलोक)
संस्कृति विभाग में बैठे अधिकारी काफी संस्कारी हैं। इस बात का ताजा उदाहरण है कि सिर्फ चार कंपनियों के भरोसे ही विभाग चल रहा है। करोडों रुपए की मोटी रकम का बंदरबांट किया जा रहा है। सालों से संस्कृति विभाग में पैठ जमाए अधिकारी पूरा संरक्षण दे रहे हैं। अपनी 4 ठेकेदारों को सेट करके संस्कृति विभाग प्रदेश भर में जमकर इवेंट कर रहा है। विभाग में चर्चा है कि नामदेव पर किसी बड़े रसूखदार नेता का हाथ है। यही कारण है कि प्रदेश के बाहर की कोई भी एजेंसी संस्कृति विभाग में काम नहीं कर सकती है। भले ही केंद्र सरकार से लेकर मध्य प्रदेश के कई विभाग में काम करने वाली कंपनियां ज्यादा काबिल और भरोसेमंद है लेकिन संस्कृति विभाग को तो सिर्फ चार ठेकेदार ही पसंद आ रहे हैं। नई कंपनियों को इम्पेनमेंट ही नहीं करते। विभाग में चर्चा यह भी है कि नाम के देव ने मंत्रालय में बैठे एक अधिकारी को पूरी तरीके से हिप्नोटाइज कर रखा है और कह दिया है की रकम पहुंच जाएगी। शर्त यही है कि उनके मुताबिक ही विभाग में काम होगा, तो जब मोटी रकम समय से पहुंच रही है तो फिर बाकी कंपनी क्यों काम करेगी जो बेहतर चार ठेकेदार कर रहे हैं। खैर नई सरकार में ऐसा होना संभव नहीं है लेकिन संस्कृत में सब कुछ संभव हो रहा है। यही नहीं विभाग के मंत्री को भी सूचना है लेकिन क्या बिगाड़े नाम के देव का।।। जो पूरी तरह से भक्त हो मंत्रालय में बैठे अधिकारी का।
मंत्री से लेकर देश विदेश घूमने वाले अफसर भी मौज में
संस्कृति विभाग अधिकारी बताते हैं कि सबको सब कुछ पता है। नामदेव के बारे में लेकिन जब विदेश में घूमने वाले अफसर से लेकर मंत्री तक इस पूरे खेल में शामिल हो, तो फिर चार कंपनियां पर ही नामदेव की कृपा हो रही है। यह पूरा विवाद इसलिए निकल के सामने आया है की संस्कृति विभाग में पिछले 8 सालों से यही 4 कंपनियां काम कर रही है। अब सरकार की मंशा है कि बाकी के कंपनियों को भी मौका दिया जाए इंपैनल के लिए टेंडर निकला लेकिन मेहरबानी नामदेव की सारी कंपनियों पर रही, जो  लंबे समय से काम कर रही है। खानापूर्ति के लिए हालांकि एक कंपनी का नाम जोड़ दिया गया है।
जल्द खुलेगा मामला क्योंकि मुख्यमंत्री से लेकर सीबीआई और ईडी की नजर
संस्कृति विभाग में जो पक रहा है। वह किसी के नजर में ना आए। इसके लिए कोशिश बड़े स्तर पर नामदेव कर रहे हैं लेकिन यह चार कंपनियों को ही टेंडर देना दरअसल नामदेव की नजर मध्य प्रदेश में होने वाले कुंभ को लेकर है। कुंभ में अरब रुपए का बजट खर्च होना ऐसे में से चार कंपनी काम करेगी तो नामदेव को मुनाफा जरूर बड़ा होगा। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जल्द ही खुलासा हो जाएगा। क्योंकि मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी भी पड़ताल में जुट गई है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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