
पार्षदों का दर्द छलका भोपाल तक पहुँची पीड़ा,7 जोन के 43 वार्डों में कार्य विभाजन के बाद पटरी पर आएगी सफाई व्यवस्था
जबलपुर (जयलोक)। जबलपुर नगर निगम के 79 वार्डों में से 43 वार्ड में सफाई व्यवस्था का कलंक बन चुकी बर्फानी सर्विसेज को लंबे समय से की जा रही अनियमिताओं के बाद पिछवाड़े पर लात मार कर सफाई ठेके व्यवस्था से बाहर निकालने का बड़ा कदम उठाया गया है। ठेका निरस्त करने के लिए नगर निगम के अध्यक्ष रिकुंज विज ने कल बड़ा निर्णय लिया और उन्होंने सदन की स्वीकृति की प्रत्याशा में इस ठेके को निरस्त करने का पत्र आयुक्त को अग्रिम कार्रवाही के लिए भेज दिया है।
शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर लगातार पार्षदों का दर्द और समाचार पत्रों में बर्फानी सर्विसेस द्वारा 7 जोन के अंतर्गत आने वाले 43 वार्डों की सफाई व्यवस्था में अनियमिताओं की खबरें प्रकाशित हो रहीं थीं। नगर निगम प्रशासन ने भी अपने स्तर पर पूर्व में कई बार बर्फानी सर्विसेज के संचालक रितेश टंडन को नोटिस जारी किए थे। व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो 25 लाख 11 हजार रुपए का जुर्माना भी बर्फानी सर्विसेज पर लगाया गया था लेकिन उसके बावजूद भी कर्मचारियों की संख्या में हाजिरी का खेल बंद नहीं हो रहा था। इसके साथ ही कर्मचारियों को प्रोविडेंट फंड का अंशदान भी नहीं दिया जा रहा था। बर्फानी सर्विसेज के अंतर्गत कार्य करने वाले कर्मचारी भी समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण कई बार काम बंद कर चुके थे।
सफाई की व्यवस्था में अनिमितताओं और वार्डों में लगातार फैलती गंदगी को लेकर पार्षदों का दर्द भी खुलकर छलकने लगा था और यह बात भोपाल तक पहुँच गई थी। इसके बाद कड़े कदम उठाते हुए बर्फानी सर्विसेज का साथ वार्डों का ठेका निरस्त कर दिया गया है। जानकारों का कहना है कि जोन क्रमांक 1, 2 ,3, 4, 10 ,14 और 15 का सफाई ठेका बर्फानी सर्विसेज के संचालक रितेश टंडन के पास था।

शर्तों के अनुसार प्रत्येक वार्ड में औसत 40 कर्मचारी सफाई कार्य हेतु लगाए जाने थे। लेकिन लंबे अरसे से हाजिरी के खेल के कारण हर वार्ड में सफाई कर्मचारियों की कमी पाई जाती रही है।
शहर हित और स्वच्छता पर नेताओं ने नहीं किया समझौता- बर्फानी सर्विसेज के रितेश टंडन के बारे में यह अफवाह फैला कर रखी गई थी कि वह बड़े राजनेताओं से जुड़े हुए हैं इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती है।
सफाई व्यवस्था को बे-पटरी करने पर उसकी मनमानी के कारण इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही थी। लेकिन इस बार भोपाल से लेकर जबलपुर तक के नेताओं ने कड़े कदम उठाते हुए यह साफ संकेत दिया है कि सफाई व्यवस्था और शहर हित के विषय पर किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा।
आयुक्त ने स्वयं पड़ी थी चोरी-नगर निगम आयुक्त प्रीति यादव ने भी शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई बार अचानक सुबह 6 बजे ही शहर की सडक़ों पर हकीकत जानने के लिए निरीक्षण पर निकलती रही हैं। इसी दौरान उन्होंने इन वार्र्डोंं के अंतर्गत सफाई कर्मचारियों की कमी को पकड़ा था। इसके अलावा भी और कई अनियमितताओं का खुलासा भी हुआ था। इसके बाद आयुक्त ने सख्त कदम उठाते हुए उक्त कंपनी के खिलाफ बड़े जुर्माने की कार्यवाही की थी।
अगले 30 दिन की नोटिस समय अवधि- जानकारों का कहना है कि नगर निगम के स्वच्छता विभाग में लगे अधिकारी भी जी जान से प्रयास कर रहे थे लेकिन चूंकि ठेके कंपनी द्वारा सफाई कर्मचारियों की आपूर्ति नियम अनुसार नहीं की जा रही थी। सफाई कर्मचारियों के हित की अनदेखी कर उन्हें भी नुकसान पहुँचाया जा रहा था ।

इसलिए यह कदम उठाया गया है। अगले 30 दिन का नोटिस पीरियड ठेका निरस्त करने के आदेश में दिया गया है। उक्त समय सीमा समाप्त होने जाने के बाद नए सिरे से इन 43 वार्ड में सफाई व्यवस्था का कार्य विभाजन किया जाएगा। इसके बाद इस बात की पूर्ण आशा है कि इन वार्डों में सफाई व्यवस्था जल्दी पटरी पर लाई जा सकेगी।
विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के पार्षद थे परेशान– बर्फानी सर्विसेज की घटिया सेवाओं के कारण जो वार्ड प्रभावित हो रहे थे वहां के पार्षद चाहे विपक्ष के हों या सत्ता पक्ष के हों, सफाई व्यवस्था को लेकर बहुत परेशान थे और हर स्तर पर अपनी शिकायत प्रेषित कर रहे थे। स्थानीय स्तर पर कार्यवाही होने में समय लग रहा था इसके बाद यह पूरा मामला भोपाल में बैठे जिम्मेदारों के कानों तक पहुँचा।
आयुक्त के निर्देश पर ठेका निरस्त करने का प्रतिवेदन अनुमोदित होने के बाद आगे की ओर अग्रेषित हुआ। इसके बाद नगर निगम अध्यक्ष ने भी प्रेषित प्रस्ताव पर सहमति की मोहर लगाई और ठेका निरस्त करने की कार्यवाही हुई।
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Author: Jai Lok







