रंग पंचमी को भी लिया जा रहा है 6 हजार करोड़ का नया लोन
भोपाल (जयलोक)। प्रदेश सरकार इस माह धड़ाधड़ कर्ज ले रही है। अब चालू वित्त वर्ष में एक पखवाड़े से कम का समय बचा है, ऐसे में सरकार ने तय किया है कि वह बचे हुए समय में अपने कोटे का पूरा कर्ज लेकर लंबित बकायों का भुगतान करेगी। उधर, बीते एक पखवाड़े में रंग पंचमी के दिन एक बार फिर से इस माह का तीसरा कर्ज सरकार लेने जा रही है। यह कर्ज छह हजार करोड़ रुपए का है। वित्त विभाग की जानकारी के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार की कर्ज लेने की सीमा 64 हजार 700 करोड़ रुपए है। इसमें से प्रदेश सरकार अब तक 51 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। सरकार चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम 12 दिनों में 13,700 करोड़ रुपए का कर्ज और ले सकती है। माना जा रहा है कि दो दिन बाद छह हजार करोड़ का कर्ज लेने के बाद सरकार दो किश्तों में सात हजार करोड़ का और कर्ज लेगी। इसकी वजह है एक अप्रैल से शुरु होने वाले नए वित्त वर्ष के बाद इस साल की कर्ज लेने की सीमा समाप्त हो जाएगी। नए वित्तीय वर्ष में नए सिरे से कर्ज लेने के लिए एक बार फिर से राज्य सरकार को केन्द्र से अनुमति लेनी होगी। मप्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष का पहला लोन अगस्त में लिया था। अगस्त से दिसंबर के आखिर तक सरकार ने 35 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। वर्ष 2025 में सरकार अब तक 16 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। वर्तमान में सरकार पर 4.25 लाख करोड़ का कर्ज है। कर्ज के मामले में डिप्टी सीएम एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि हम नियम, प्रक्रिया के तहत निर्धारित सीमा के अंदर कर्ज ले रहे हैं और कर्ज की राशि पूंजीगत कार्यों पर खर्च की जा रही है।
तीन समयावधि के लिए होगा नया कर्ज
मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर 6 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। रंग पंचमी के दिन यानी 19 मार्च के दिन इसी महीने तीसरी बार बाजार से कर्ज लेगी। ये कर्ज सरकार तीन अलग-अलग किश्तों में अलग-अलग समय सीमा के लिए लेगी, जो 7 साल, 21 साल और 25 साल के लिए होगी। खास बात ये है कि एक बजट सत्र के दौरान मध्य प्रदेश सरकार दूसरी बार कर्ज लेने जा रही है। इसके पहले 12 मार्च को सरकार ने 6 हज़ार करोड़ का कर्ज लिया था और इससे भी पहले 5 मार्च को भी सरकार ने 6 हजार करोड़ का कर्ज लिया था।
विपक्ष ने साधा निशाना
मध्य प्रदेश सरकार के एक बार फिर कर्ज लेने पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश से ऐसा राज्य है,जहां जब बच्चा पैदा होता है, तो 60,000 का कर्जदार होता है। पटवारी ने कहा कि मुझे तो ये भी समझ में नहीं आता कि मध्य प्रदेश सरकार आखिर कर्ज किस लिए ले रही है? कर्ज लेकर जनहित की योजनाएं संचालित नहीं की जा रही, बल्कि मंत्रियों के बंगले चमकाने में इस राशि का प्रयोग किया जा रहा है।
