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सारे ‘उपवासों’ का ठेका क्या सिर्फ  पत्नियों का ही है

साल भर में जितने त्यौहार आते हैं उनमें से कई तो सिर्फ  पत्नियों के लिए ही बने हैं। अभी हाल ही में तीजा, महालक्ष्मी, हरछट, संतान सप्तमी निकली है और करवा चौथ सर पर आकर खड़ा हो गया है। दरअसल ये मरद जात होती ही है बड़ी दुष्ट और निर्मम, बेचारी उनकी पत्नियां अपना घर छोडक़र उनके साथ जिंदगी बिताने आ जाती हैं, अपने माँ, बाप, भाई, बहन सबको छोडक़र इनके साथ चली आती हैं। एकदम नये घर और नए परिवेश में, अपने आप को जल्द से जल्द एडजस्ट करने की कोशिश करती हैं पतिदेव के तमाम  रिश्तेदारों नातेदारों को ही अपना समझने की कोशिश भी करती हैं और ऊपर से फिर अपने पति की सेहत के लिए, उसके अच्छे के लिए उसकी सलामती के लिए उपवास शुरू कर देती हैं, कभी ‘करवा चौथ’ करती हैं दिन भर भूखी प्यासी रहती हैं और जब तक चाँद नजर नहीं आ जाता पानी तक नहीं पीतीं,  इधर चाँद भी है तो मरद जात वो भी उस दिन पता नहीं किधर छिप जाता है। अरे भाई देख रहे हो कि पत्नियां भूखी प्यासी सुबह से उपवास करे बैठी हैं एकाध दिन जल्दी निकल आओगे तो ऐसा क्या गुनाह हो जाएगा लेकिन उस दिन तो चाँद भी अपनी मर्दांगनी दिखाता है और जब काफी रात बीत जाती तब कहीं जाकर दर्शन देता है। बेचारी पत्नियां उसके बाद अपने पति को छलनी की आड़ से देखकर पानी पी पाती हैं। ये ही हाल ‘तीजा’ का है उस दिन भी पत्नियां भूखी प्यासी रात भर जग जग कर अपने पतियों की सलामती के लिए ऊपर वाले से प्रार्थना करती हैं और पति देव भर पेट भोजन कर के खर्राटे भरते हैं। तीजा में तो इतना डरा दिया जाता कि यदि उपास नहीं किया तो वो सीधे नरक में जाओगी, यदि कुछ खा लिया तो ‘शूकरी’ बन जाओगी, फल खा लिया तो ‘बंदरिया’ बन जाओगी, पानी पी लिया तो अगले जनम में  ‘जोंक’ की योनि मिलेगी, दूध पिया तो ‘नागिन’ बन जाओगी, दही खा लिया  तो ‘बिल्ली’ के रूप में जन्म होगा, मीठा खाया तो चींटी बनोगी और यदि तीजा  की रात सो गई तो ‘अजगरी’ बनने से कोई नहीं रोक सकता, अब जब  ऐसी ऐसी भयानक बातें कही जाती हैं तो बेचारी बीबियाँ उपवास  करने में ही अपना भला समझती हैं। ‘महालक्ष्मी’ का व्रत भी इसी श्रेणी में आता है। इधर  ‘सोलह सोमवार’ का व्रत भी महिलाओं से ही करवाया पति का वैभव बना रहे सो ‘वैभव लक्ष्मी’ का उपवास भी महिलाओं के सर पर है। चलो पति तक  तो ठीक है, लेकिन बेचारी महिलाओं को फिर संतान के लिए भी उपवास करने पड़ते हैं ‘हरछट’ का व्रत हो या ‘संतानसातें’ का कुल मिलाकर पति और बच्चों की सलामती का ठेका महिलाओं के सर पर ही है। पति जुआ खेलकर आ जाये, सट्टे का नंबर लगाकर अपनी पूरी पूँजी उड़ा दे, दारू पीकर पड़ा रहे, संतान मां को कष्ट  देती रहे  लेकिन क्या मजाल की वो उफ़  कर दे, भैया  मर्दों एकाध उपवास आप लोग भी कर लिया करो अपनी अपनी बीबीयों की सलामती के लिए क्योंकि जब वो सलामत रहेगी तब आप भी सलामत रह पाओगे ये बात अच्छी तरह से समझ लेना।

दिल तो है दिल

पिछले दिनों ‘हार्ट डे’  यानी दिल दिवस मनाया गया। डाक्टरों का कहना है कि शरीर का सबसे मुख्य अंग हार्ट ही है जिस दिन उसने अपनी पंपिंग बंद कर दी उस दिन राम नाम सत्य तय है इसलिए अपने हार्ट को संभाल कर रखना चाहिए। लेकिन हार्ट यानी दिल इतना चंचल है कि उसको संभालना कठिन नहीं बल्कि नामुमकिन है। दिल पर तो कितनी कविताएं लिखी गई हैं कितने फिल्मी गाने लिखे गए हैं और क्यों ना लिखा जाए दिल का कोई भरोसा थोड़ी है कब किस पर आ जाए। लड़ती आंखें हैं लेकिन सारा बोझ दिल को उठाना पड़ता है, ये कब किसको देखकर धडक़ने लगे और गाना गाने लगे ‘धक-धक करने लगा’ डाक्टरों का क्या है उन्होंने तो कह दिया दिल को संभालो लेकिन यह दिल संभालें तो संभालें कैसे इसलिए तो गाना बना है ‘दिल संभाले संभालता नहीं आज कल, पास आने की दे दो इजाजत हमें’ वैसे भी किसी खूबसूरत महिला को देखकर अपने आप ये दिल जोर-जोर से धडक़ने लगता है और जब दिल धडक़ता है तो मोहब्बत की कहानी शुरू हो जाती है कई बार मोहब्बत की कहानी का अंत अच्छा होता है तो कई बार बुरा भी लेकिन इसमें दिल का क्या दोष दिल तो है ही धडक़ने के लिए। इसलिए तो ये भी एक बड़ा मशहूर गीत है ‘दिल की आवाज भी सुन मेरे फंसाने पे ना जा’ जब इंसान दिल की आवाज सुनता है तो फिर दिमाग अपना काम करना बंद कर देता है कि जाओ बेटा अब दिल से ही काम चलाओ और जब दिमाग काम करना बंद कर देता है तो फिर इंसान की लाई लुटना तय है अपना तो मानना यह है कि भैया दिल को दिल जैसा ही रहने दो उसके चक्कर में ना पड़ो वरना ये कब अलसेट दिलवा दे कोई भरोसा नहीं क्योंकि ये चुरा भी लिया जाता है इसलिए किसी गीतकार ने कहा है ‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को नजर नहीं चुराना सनम’

सरोवर चोरी हो गए

अभी तक तो अपन ने ये सुना था कि किसी का माल चोरी चला गया, किसी के जेवर चोरों ने चुरा लिए किसी की गाड़ी उड़ा ली गई लेकिन ये पहली बार पता लग रहा है कि ‘अमृत सरोवर’ भी चोरी जाने लगे हैं। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि रीवा जिले के चार घाट की पंचायत ने पुलिस में एक रिपोर्ट लिखवाई है कि उनके इलाके के कई अमृत सरोवर चोरी हो गए हैं। पुलिस  भारी हलाकान है कि अमृत सरोवर कहां ढूंढे जाएं ये कोई ऐसी चीज तो है नहीं कि उसे छुपा के रख दिया जाए। तालाब यानि सरोवर कोई चुरा के कैसे ले जा सकता है लेकिन पंचायत के सदस्य तो यही कह रहे हैं कि उनके सरोवर चोरी चले गए हैं। पुलिस को समझ में नहीं आ रहा कि वो चोरी गए अमृत सरोवर को कैसे ढूंढे। पुलिस के खबरियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं कि हम इन अमृत सरोवरों को नहीं ढूंढ सकते। अपने को तो लगता है कि ये सरोवर बने ही नहीं होंगे सरोवर के नाम पर जो माल आया होगा उसकी बंदरबांट हो गई है और जब जांच की बात आ रही होगी तो कह दिया होगा कि हमारे सरोवर चोरी चले गए। अब ढूंढते रहो अमृत सरोवरों को  उसके निर्माण का माल सबकी जेब में पहुंच चुका होगा।

सुपर हिट ऑफ द वीक

चित्रकार ने श्रीमान जी से कहा- ‘साहब, मैं बेगम साहिबा की ऐसी तस्वीर बनाऊंगा, जो बोल उठेगी’
‘माफ  करो भाई, उसने तो वैसे ही नाक में दम कर रखा है, अगर उसकी  तस्वीर भी बोलने लगेगी, तो जीना मुश्किल हो जाएगा’ श्रीमान जी ने हाथ जोडक़र कहा।

 

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Author: Jai Lok

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