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सिक्के का दूसरा पहलू: 8 साल बाद बहू को याद आया जबरिया धर्म परिवर्तन, नीयत पर उठ रहे सवाल, मेबिन परिवार किसकी रडार पर ?

प्रेम विवाह बदला घरेलू विवाद में, जेल नहीं जाते इसलिए लगाया गया धर्म परिवर्तन का मामला -परिजन

जबलपुर (जयलोक)। जॉय सेकेंडरी स्कूल के संचालक अखिलेश मेबिन तथा उनके परिवार के विरूद्ध लगातार षडयंत्र का सिलसिला चल रहा है।  इस बार जो मामला पूरे मेबिन परिवार पर पुलिस द्वारा दर्ज किया गया है उस पर उनके परिजनों द्वारा सवाल उठाए गए हैं। जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते हैं इस तरह हर घटना के भी दो पहलू होते हैं। यहां सबसे विचित्र बात यह है कि पारिवारिक घरेलू विवाद के मामले को पूरी तरीके से धर्म परिवर्तन का गंभीर मामला बना दिया गया। परिजनों ने इसलिए सवाल उठाए हैं कि शादी के 8 साल बाद कैप्टन रह चुकी बहू को उसका जबरिया धर्म परिवर्तन करवाए जाने की पीड़ा अब जाकर हुई है। जबकि वह स्वयं पढ़ी-लिखी है और सैन्य सेवा में कार्यरत भी रह चुकी हैं।
परिजनों का आरोप है कि कानून की परिभाषा में केवल पारिवारिक विवाद के आधार पर अखिलेश मेंबिन, उनकी पत्नी नीतू और बेटे तनय मेबिन जो खुद भी सैन्य अधिकारी रहे हैं को जेल नहीं भेजा जा सकता था। इसलिए मामले को बड़ा बनाने और बड़ी धाराओं के तहत धर्म परिवर्तन का मामला बनाया गया है ताकि इन्हें जेल भेजा जा सके।

किसके निशाने पर

परिजनों ने इस बात के भी खुलकर सवाल उठाए है कि 40 सालों से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देता आ रहा मेबिन परिवार आखिर अचानक किसकी रडार में आ गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इस बात की चर्चा हो रही है कि आखिर यह मेबिन परिवार किसकी रडार पर आ गया है संघ की या फिर सरकार की? ईसाई जाति के लोग और मिशनरी संस्थान और उनके संचालक लाल घेरे में हैं यह तो सभी जानते हैं, लेकिन मेबिन परिवार के पीछे आखिर कौन और किस नियत से इनके पीछे पड़ा है यह भी चर्चाओं का विषय बन हुआ है।

यह एक तरह की ब्लैकमेलिंग है

मेबिन परिवार का कहना है कि यह एक तरह की ब्लैकमेलिंग है, झूठे मामले दर्ज करवा कर उन पर संपत्ति के बटवारे का दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में भी बहू को मेंटेनेंस के रूप में डेढ़ लाख रुपये न्यायालय के निर्देश पर प्रतिमाह दिए जा रहे हैं। अब बात संपत्ति में हिस्सा माँगने की है। यह पूरा पारिवारिक विवाद सम्पति और पैसे के बंटवारे पर आधारित है जिसे धर्म परिवर्तन पर केंद्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।

2021 में हो चुकी है एफआईआर, तब नहीं लिखवाई धर्म परिवर्तन की बात

बहू को हर महीने डेढ़ लाख रुपए दे रहा है मेंबिन परिवार

मेबिन परिवार के परिजनों ने बताया कि उनकी बहू मेजर आकांक्षा अरोड़ा ने 2021 में घरेलू हिंसा व अन्य आरोपी के तहत मामला दर्ज करवाया था वर्तमान में यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है न्यायालय के निर्देश पर बहू को डेढ़ लाख रुपए मेबिन परिवार के द्वारा मेंटेनेंस दिया जा रहा है 2021 में जब यह मामला दर्ज करवाया गया था उस वक्त क्यों बहू ने जबरिया धर्म परिवर्तन की बात नहीं लिखवाई थी क्योंकि ऐसा कुछ था नहीं अब इसलिए यह मामला बनाया गया क्योंकि उन पर दबाव बनाया जा सके और जेल भेजा जा सके।

फंसाने के लिए बनाया गया धर्म परिवर्तन का मामला

कानून के जानकारों का भी कहना है कि जब 2021 में मेबिन परिवार की बहू ने घरेलू हिंसा सहित अन्य आरोपी के तहत पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया था और अब यह न्यायालय में विचाराधीन है तो फिर इस पूरे प्रकरण के 8 साल बाद धर्म परिवर्तन के आरोपों के तहत मामला दर्ज कराना स्पष्ट रूप से फंसाने की नियत को दर्शाता है।

 

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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