
भोपाल। छिंदवाड़ा में खांसी के सिरप से कई बच्चों की जान चली गई। इस मामले में पुलिस ने देर रात डॉ प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया। डॉक्टर पर आरोप है कि इन्होंने जो दवा लिखी है उसी से अधिकांश बच्चों की जान गई है। यहां सवाल ये भी उठ रहा है कि डॉक्टर दवाएं लिखता है तो उसे पता नहीं होता है कि ये असली है या नकली। नकली दवाओं का नकेल कसना सरकार का काम है। यही बात डॉ सोनी ने गिरफ्तारी के दौरान गुस्से में कही, उन्होंने कहा कि डॉक्टर का काम दवा लिखना है। दवा असली है या नकली, यह देखना सरकार का काम है। उनका यह बयान विवाद को और हवा दे रहा है। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं और दवा वितरण प्रणाली में खामियों को उजागर किया है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है, और जनता में दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर चिंता बढ़ रही है। जांच के नतीजे और दोषियों पर कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है।
Author: Jai Lok







