हत्याकांड की सूचना भी परिजनों ने नहीं एम्बुलेंस चालक ने 1 घंटे बाद दी
हत्यारे-मृतक पक्ष पर भी दर्ज हो चुके हैं पूर्व में पुलिस के मामले
जबलपुर (जय लोक)। पाटन थाना क्षेत्र के अंतर्गत टिमरी गाँव में हुए इस सामूहिक हत्याकांड के कई पहलू हैं। केवल जुआँ का विवाद इस की असली वजह नहीं है। हमला करने वाले और मृतकों में से कई लोगों पर पूर्व से आपराधिक मामले दर्ज थे। कुछ समय पहले इन्होंने भी दूसरे पक्ष के व्यक्ति पर जानलेवा हमले किए थे और उसे भी 17 टांके आए थे बड़ी मुश्किल से उसकी जान बची थी। इसके अलावा गांव की अंदर से गुजरने वाली सडक़ों के चौड़ीकरण को लेकर भी इन दोनों पक्षों के बीच में विवाद था। दुबे पाठक और दूसरी ओर साहू समाज के कुछ लोग बहुत छोटी-छोटी सी बातों पर एक दूसरे से लंबे अरसे से रंजिश रखते चले आ रहे थे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक लोगों में से एक पाठक और एक साहू समाज का व्यक्ति इतनी घनिष्ठ मित्रता निभाने थे कि उन्होंने मिलकर दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला भी किया था उसके घर के बाहर खड़ी मोटरसाइकिल में आगजनी भी की थी। इस पूरे मामले की रिपोर्ट पुलिस ने पहले ही दर्ज कर ली थी और उनके खिलाफ कार्यवाही भी की गई थी।
पुलिस ने जब जानकारियाँ एकत्रित करना प्रारंभ किया तो यह पाया गया कि मृतक पक्ष के लोगों और हमला करने वाले पक्ष के लोगों के खिलाफ पूर्व में कई प्रकार के अपराधिक प्रकरण दर्ज हैं।
लेकिन यह बात भी सामने आई है कि उनके बीच में पुरानी कोई ऐसी बहुत ठोस विवाद की वजह सामने नहीं आई है जिससे यह माना जाए की भविष्य में इन दोनों पक्षों के बीच में इतना बड़ा नरसंहार जैसा कांड हो सकता है या तनाव की स्थिति अपने चरम सीमा पर आ सकती है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जब पुलिस के समक्ष यह जानकारी आई और पूर्व में जो शिकायतें प्राप्त हुई थीं उसके खिलाफ कार्यवाही की गई थी। जिस खेत में जुआ खिलवाने की शिकायत पूर्व में प्राप्त हुई थी वहां पुलिस ने दबिश भी दी थी लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले सभी लोग फरार हो गए थे। जो अपराधिक प्रवृत्ति के लोग थे उनके खिलाफ पुलिस ने 117/116 की कार्यवाही भी निष्पादित की थी।
रह रहकर भडक़ रही थी चिंगारी
इस पूरे जघन्य हत्याकांड के बाद यह बात भी सामने आई है कि दोनों पक्षों के बीच में यह नरसंहार का पूरा घटनाक्रम अचानक उत्पन्न नहीं हुआ है। इनके बीच में लंबे अरसे से छोटी-छोटी सी बातों पर रंजिश चली आ रही थी। कभी गांव की गुजरने वाली सडक़ के चौड़ीकरण को लेकर विवाद होता था, तो कभी ट्रैक्टर के गुजरने को लेकर विवाद होता था, तो कभी खेत में जुआ खिलाने की बात को लेकर विवाद होता था, तो कभी शराब खोरी को आधार बनाकर यह आपस में उलझ जाते थे।
चौकी प्रभारी हुए लाइन अटेच
सूत्रों के अनुसार इस पूरे संघर्ष की दास्तान में स्थानीय चौकी प्रभारी गणेश सिंह तोमर बलि का बकरा बन गए। मरने वालों के खिलाफ भी आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। हमलावरों और जो मृतक पक्ष उनमें से भी कई लोगों के खिलाफ पूर्व में आपराधिक प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। बात तो स्पष्ट है कि यह संघर्ष केवल किसी एक विषय को लेकर नहीं हुआ है बल्कि छोटे-छोटे से कई विषयों को लेकर इन दोनों पक्षों के बीच में लंबे समय से मनमुटाव चल रहा था। पुलिस के समक्ष जब यह मामला पहुंचा तो पुलिस ने इस मामले में शिकायत पर कार्यवाही करते हुए मामला भी दर्ज किया। पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने बताया कि पूर्व में 307 के भी मामले दर्ज हुए हैं और 117 और 116 की कार्यवाही भी पुलिस ने की है। पुलिस का कहना है कि उसे सूचना मिली उसने कार्यवाही कर दी लेकिन किसी के मन में भविष्य में क्या अपराध करने की भावनाएं पनप रही है यह ज्ञात करना संभव नहीं है।
डेढ़ घंटे बाद पुलिस को पता चला हत्याओं का
बड़े आश्चर्य की बात है कि इस नरसंहार जैसी बड़ी घटना का स्थानीय पुलिस को भी डेढ़ घंटे बाद तब पता नहीं चला था। जब मृतक के परिजनों ने एंबुलेंस बुलाने के लिए फोन कर जानकारी दी तो एंबुलेंस के ड्राइवर ने जब मौके पर पहुंचा और घटनास्थल का दर्दनाक दृश्य देख घायलों की स्थिति का अनुमान लगाया तो प्रथम दृष्टिया उसे गंभीर आपराधिक घटना घटित होने का एहसास हुआ और पुलिस केस मानते हुए उसने तत्काल डायल 100 को फोन कर सूचना दी। यह पूरा घटनाक्रम एक से डेढ़ घंटे बाद पुलिस की जानकारी में आया। इसका मतलब स्पष्ट है कि पुलिस को भी घटना की जानकारी काफी देर से मिली।
देर से मिली जानकारी का अपराधियों को मिला फायदा
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि परिजनों ने और मृतकों के पक्ष के लोगों ने पुलिस को जानकारी देने में काफी देर कर दी। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने आने में बहुत देर कर दी। अगर यही जानकारी पुलिस को घटना के तत्काल बाद मिल जाती तो हत्या करने वाले आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सकता था उन्हें शहर की सीमा से बाहर निकलने से रोका जा सकता था इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी जल्द से जल्द गिरफ्तारी की संभावनाएँ थीं। लेकिन घटना के एक डेढ़ घंटे बाद पुलिस को जानकारी मिलने या पुलिस के देर से पहँुचने के कारण आरोपियों को इसका लाभ मिला और वह फरार हो गए।
कई टीमें लगी तलाश में
इस सामूहिक नरसंहार को अंजाम देने वाले साहू समाज के कुछ एक दर्जन से अधिक लोगों को तलाश करने के लिए कई पुलिस टीमों को मैदान में उतारा गया है। पुलिस को प्राप्त हो रही जानकारी के आधार पर अलग-अलग टीम गठित कर अलग-अलग स्थान पर छापामारी और दबिश की कार्यवाही कर रही है।
कल जो घटनाक्रम हुआ है उसे यह बात तो स्पष्ट है कि दोनों ही पक्ष के लोग एक दूसरे के खिलाफ बहुत भरे हुए बैठे थे और हिंसक परिणाम के माध्यम से ही इस मामले को सुलझाना चाहते थे। सुबह 9:30 के बीच में हुए इस हत्याकांड से यह बात भी स्पष्ट है कि दोनों पक्ष के लोग मानसिक रूप से हथियारों के साथ एक दूसरे पर हमला करने के लिए तैयार थे। हमलावर पक्ष के लोग अधिक संख्या में पहले पहुंच गए तो वह दूसरे पक्ष पर हावी हो गए।
राजनीतिक दृष्टिकोण
कल हुए इस सामूहिक हत्याकांड के बाद हंगामे की स्थिति निर्मित हुई जिसमें कुछ लोगों ने राजनीतिक दृष्टिकोण तलाशने का काम भी शुरू कर दिया। वहां घटनास्थल पर इक_े हुए जनमानस के बीच में यह चर्चाएं भी अधिक थी कि मरने वाला कौन से राजनीतिक दल का समर्थक है और मारने वाला कौन से राजनीतिक दल के समर्थक हैं। पुलिस का कहना यह है कि हत्यारे कोई भी हों पुलिस जल्द से जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लेगी।
देर रात पुलिस अधीक्षक ने बुलाई मीटिंग
पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने देर रात पुलिस कंट्रोल रूम में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक बैठक भी बुलाई जिसमें सभी महत्वपूर्ण मुद्दों के अलावा इस सामूहिक हत्याकांड के संबंध में भी चर्चा हुई और हत्या कर फरार हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए प्रभावी रूप से कार्यवाही करते हुए जल्द से जल्द परिणाम हासिल करने की भी बात हुई। पुलिस ने अलग-अलग कई टीमें बनाकर हत्या करने वाले लोगों को पकडऩे का जाल बिछाना शुरू कर दिया है।
सीसीटीवी कैमरे रिकवर के लिए क्या कर रहे
घटना के बाद अब पुलिस सीसीटीवी कैमरे की जाँच कर रही है। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है। साथ ही फुटेज से आरोपियों के भागने की लोकेशन भी देखी जा रही है। कुछ दुकानों पर लगे कैमरों में पूरी घटना रिकार्ड होने की बात कही जा रही है। लेकिन ये दुकानें बंद पाई गई थी। जिसके बाद पुलिस ने इनके बिजली मीटर का फ्यूज निकाल लिया था ताकि कोई भी फुटेज डिलीट न कर पाए।
महेश की दुकान में रखे हथियार, नहीं हुई जाँच
वहीं ग्रामीणों ने महेश साहू की दुकान में हथियार रखे होने की जानकारी पुलिस को दी थी। लेकिन अब तक दुकान की जाँच नहीं की गई है। पुलिस का कहना है कि जाँच जारी है दुकान की भी तलाशी ली जाएगी।
शव रखकर किया चकाजाम, फिर हुआ अंतिम संस्कार
आज सुबह परिवार वालों के साथ ग्रामीणों ने जबलपुर-पाटन मार्ग पर एम्बुलेंस से शव उतारने से मना कर दिया और चकाजाम कर विरोध जताया। आक्रोशित लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की माँग करते हुए मृतकों के परिवार वालों की सुरक्षा की माँग की है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती तो यह घटना टल सकती थी।
शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला परासिया एवं ग्राम पंचायत परासिया में ध्वज फहराया
