जबलपुर (जयलोक)
जबलपुर के अलग-अलग हिस्सों में काम कर रही प्राइवेट लिमिटेड बिजली कंपनियों की हालत इतनी खराब है कि यह सामान्य रूप से जनता को दी जाने वाली सुविधाओं तक का मेंटेनेंस नहीं कर पा रही हैं। थोड़ी सा पानी और जरा सी तेज हवा शुरू होते ही लाइट गोल हो जाती है। दिन हो या रात कई बार बिजली ट्रिपिंग के कारण लोगों के विद्युत उपकरण खराब हो रहे हैं। इसकी कोई जवाबदारी लेने तैयार नहीं। लेकिन न जाने क्यों पूरी प्राइवेट लिमिटेड बिजली कंपनियां का जोर किसी तरीके से हर घर में स्मार्ट मीटर लगाने पर है। ये कंपनियां सिर्फ स्मार्ट मीटर लगाने पर ही आमादा हैं।
शिकायतों की सुनवाई नहीं
वर्तमान में हालात इतने खराब हैं कि अगर बारिश और रात के वक्त आपके घर की बिजली चली जाए तो आप बेबसी के आलम में घिर जाएंगे। शिकायत केंद्र के नाम पर कोई भी ऐसी ठोस व्यवस्था नहीं है जहां से आपको तत्काल राहत मिल सके। इससे पहले ज्यादा बेहतर व्यवस्था थी जब लोग लैंडलाइन नंबर पर या संबंधित क्षेत्र के जूनियर इंजीनियर को फोन कर सीधे तौर पर शिकायत दर्ज करवाते थे। तब एक समय सीमा में जवाबदारी के तहत फाल्ट को दूर कर दिया जाता था। आज की स्थिति में टोल फ्री नंबर पर बैठे लोग सिवाय बदतमीजी के कुछ नहीं कर रहे हैं। अगर आप अपनी शिकायत दर्ज करवाने में कामयाब हो गए तो भी यह मानकर चलिए की बिना शिकायत की संतुष्टि के ही उसे स्वयं अपने स्तर पर बंद करने के लिए ऑपरेटर पूरी तरीके से ट्रेनिंग लेकर बैठा है।
बेतहाशा बिल से लोग परेशान
स्मार्ट मीटर लगने के बाद से लगातार इस प्रकार की शिकायतें सार्वजनिक रूप से सामने आ रही हैं कि जिन लोगों के सामान्य राशि के बिजली के बिल आते थे अब उनके बिजली बिल दुगने और तिगने आने लगे हैं।
बिल जमा ना करने पर लाइट काटने की धमकी दी जाती है। बिजली विभाग में बैठे लोग आम आदमी की समस्या सुनने के बजाय उसके साथ गुंडागर्दी कर रहे हैं।
