
जबलपुर (जयलोक)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज प्रस्तावित जबलपुर दौरा रद्द कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अब छिंदवाड़ा जिले के परासिया जाएंगे, जहां वे विषाक्त कफ सिरप कोल्ड्रिफ सिरप प्रभावित परिवारों से मिलकर उनके दु:ख में सहभागी बनेंगे। छिंदवाड़ा जिले में कथित तौर पर विषाक्त कफ सिरप सेवन से 14 बच्चों की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। राज्य सरकार ने घटना की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल का गठन किया है। यह दल तमिलनाडु स्थित कंपनी स्रेसन फार्मास्युटिकल्स के कारखाने में भी जांच के लिए जाएगा। जांच के दौरान यह सामने आया है कि कोल्ड्रिफ सिरप में डाइइथिलीन ग्लाइकॉल (48.6 प्रतिशत 2/1) पाया गया है, जो एक अत्यंत जहरीला रासायनिक तत्व है और स्वास्थ्य के लिए घातक माना जाता है। मध्यप्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही, कंपनी द्वारा बनाए गए अन्य उत्पादों को भी जांच के लिए बाजार से हटाने के निर्देश दिए गए हैं। तमिलनाडु सरकार ने भी शुक्रवार को इस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है, वहीं राजस्थान में भी तीन बच्चों की मौत के मामले दर्ज किए गए हैं।
पीडि़त परिवारों को 4-4 लाख रुपये की सहायता
छिंदवाड़ा के अपर कलेक्टर धिरेन्द्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा घोषित प्रत्येक मृतक बच्चे के परिवार को 4 लाख रुपये की सहायता राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित कर दी गई है। फिलहाल आठ बच्चे नागपुर में उपचाराधीन हैं, जिनमें चार सरकारी अस्पताल, एक एम्स और तीन निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। इस प्रकरण में डॉ. प्रवीण सोनी को लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार कर सेवा से निलंबित कर दिया गया है। उन पर और सिरप निर्माता कंपनी पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैरइरादतन हत्या), 276 (दवा मिलावट) और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 27्र के तहत मामला दर्ज किया गया है। छिंदवाड़ा के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. कल्पना शुक्ला ने चेतावनी दी है कि यदि डॉ. सोनी को रिहा नहीं किया गया तो सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
Author: Jai Lok







