
कोई घटना हुई तो कौन होगा जिम्मेदार, डीन नहीं दे रहे ध्यान
जबलपुर (जयलोक)
हमेशा सुर्खियों में रहने वाले मेडिकल के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का एक और नया कारनामा सामने आया है। यहां नर्स और टेक्नीशियन का काम चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी कर रहे हैं। जिसका ताजा मामला कल रात में सामने आया। इस दौरान यहाँ मौजूद एक कांगे्रस नेता की नजर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी पर पड़ी जो अस्पताल में भर्ती एक मरीज को यूरिन पाइप लगा रहा था। जब कांगे्रस नेता ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से उसकी योग्यता के बारे में पूछा तो पता चला कि कर्मचारी मात्र आठवी पास है और वह नर्स और टेक्नीशियन का काम भी अस्पताल में करता है।
इस संबंध में कांगे्रस नेता अभिषेक पाठक ने बताया कि वे कल शाम को किसी काम से मेडिकल अस्पताल गए हुए थे। इसी दौरान उनकी नजर वार्ड में यूरिन पाइप लगा रहे एक कर्मचारी पर पड़ी। उन्होंने कर्मचारी से उसकी योग्यता के विषय में पूछा तो कर्मचारी ने बताया कि वह चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है और ज्यादा पढ़ा-लिखा भी नहीं हैं। जबकि यूरिन पाईप लगाने, बॉटल लगाने, इंजेक्शन लगाने का काम हॉस्पिटल की नर्स, टेक्नीशियन या फिर डॉक्टर का है, लेकिन तीनों ही अपने काम से नदारत हैं। ऐसे में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को यह काम करना पड़ रहा है।
पूर्व में की जा चुकी शिकायत
इस संबंध में अभिषेक पाठक ने बताया कि पूर्व में मेडिकल डीन नवनीत सक्सेना से इस संबंध में शिकायत की जा चुकी है और अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं और मरीजों को हो रही परेशानी के बारे में जानकारी दी गई थी। लेकिन मेडिकल डीन ने ज्ञापन तो ले लिया लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ सकता है।
कौन होगा जिम्मेदार
अभिषेक पाठक का कहना है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से नर्स और टेक्निशियन का कार्य कराया जा रहा है। अगर इस दौरान कोई घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। जबकि शिकायत के बाद भी डीन इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
दूर-दूर से आते हैं मरीज
संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों के साथ किए जा रहे इस खिलवाड़ में गरीब मरीज ही पिस रहे हैं। जबकि काम से नदारत रहने वाले कर्मचारियों पर कोई कार्रवाही नहीं की जा रही है।
अधिकारी झाड़ रहे पल्ला
इस संबंध में जब मेडिकल डीन नवनीत सक्सेना और सुपर स्पेशलिटी के डायरेक्टर अवधेश प्रताप सिंह से जानकारी लेनी चाही तो दोनों जवाब देने से बचते नजर आए। डीन का कहना है कि इस पूरे मामले में प्रभारी अवधेश प्रताप सिंह को देखरेख के लिए बोला गया है जबकि प्रभारी अवधेश प्रताप सिंह का कहना है कि यह काम उनका नहीं हैं।

इनका कहना है
इस संबंध में सुपरस्पेशिलिटी के प्रभारी को कार्रवाही के आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में पूर्व में भी शिकायत आई थी। चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी यूरिन पाइप निकाल सकता है लेकिन लगा नहीं सकता। अगर चुर्तथ श्रेणी का कर्मचारी यूरिन पाइप लगाने, बॉटल लगाने का कार्य कर रहे हैं तो इस संबंध में जानकारी लेकर कार्रवाही की जाएगी।
नवनीत सक्सेना, मेडिकल डीन
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा किया जाने वाला कार्य मेरी जानकारी में नहीं है। इस संबंध में मेडिकल डीन को जानकारी दे सकते हैं।
अवधेश प्रताप सिंह, प्रभारी

Author: Jai Lok
