बिना अनुमति के नहीं बनाया जा सकता नाबालिक बच्चों का वीडियो, अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन ने की सख्त कार्रवाई की माँग
जबलपुर (जयलोक)। विगत दिवस रक्षा इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के सामने कुछ असामाजिक तत्वों ने विद्यालय परिसर में घुसकर पहले तो छोटे-छोटे नाबालिक छात्र-छात्राओं से जबरदस्ती बातचीत करते हुए उनका वीडियो बनाने का प्रयास किया, जैसे ही इस बात की भनक वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों और गार्ड को लगी तो उन्होंने इस हरकत के लिए असामाजिक तत्वों को रोका तो वह धक्का-मुक्की पर उतारू हो गए। जबकि नाबालिक छात्राओं का बिना उनके अभिभावकों की अनुमति के इस प्रकार से वीडियो बनाना गैरकानूनी है। असामाजिक तत्वों को जब मना किया गया तो उन्होंने देख लेने की धमकी दी, जिसके कारण अभिभावकों के और विद्यालय के शिक्षकों के बीच में डर का माहौल व्याप्त है। हाल ही में शहर के कॉलेज में हुए इसी प्रकार के कांड को लेकर सनसनी फैली हुई है, इसी बीच कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा ऐसा कृत किए जाने से और अधिक तनाव का माहौल निर्मित हो गया है।
अभिभावकों, छात्रों एवं प्रिंसिपल ने की सुरक्षा की माँग-
रक्षा इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के अभिभावक संघ अध्यक्ष कपिल जैन, सचिव एडवोकेट विद्या शंकर मिश्रा, एडवोकेट दीपक विश्वकर्मा, धर्मेंद्र मिश्रा एवं प्रिंसिपल श्रीमती नीना रस्तोगी तथा स्वाति तिवारी एवं छात्र व छात्राओं ने लिखित शिकायत प्रशासन को की है। विगत दिवस 6 तारीख को कुछ असामाजिक तत्वों ने विद्यालय में घुसने व गार्ड के साथ धक्का-मुक्की करने का प्रयास किया था एवं नाबालिक छात्रा एवं छात्राओं के बिना अभिभावक की आज्ञा के वीडियो बनाए गए, वीडियो लेने से मना करने पर उन्हें धमकाया गया एवं उन्हें घर में घुसकर आकर देख लेने की धमकी दी, जिस कारण विद्यालय प्रशासन व स्कूल के अभिभावक संघ ने लिखित शिकायत प्रशासन को दी।अभिभावक दीपक विश्वकर्मा ने कहा कि जिस प्रकार से विद्यालय में असामाजिक तत्वों द्वारा आए दिन विद्यालय प्रशासन व छात्रों के साथ अभद्रता की जा रही है, उससे छात्रों एवं महिला शिक्षकों में डर का माहौल है, ऐसे में प्रशासन से विद्यालय में सुरक्षा मुहैया कराने की माँग की गई है। एडवोकेट विद्या शंकर मिश्रा ने कहा, विद्यालय में इस प्रकार की घटना घोर निंदनीय है और आए दिन असामाजिक तत्वों का हौंसले बढ़ रहे है अगर ऐसी स्थिति में प्रशासन द्वारा मामले में संज्ञान नहीं लिया जाता तो छात्रों में डर का माहौल बनेगा। जबकि सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय समय-समय पर विद्यालय की सुरक्षा व व्यवस्था के लिए प्रशासन को गाइडलाइन जारी कर चुका है। अभिभावकों ने और स्कूल प्रबंधन ने प्रशासन से माँग की है कि विद्यालय की सुरक्षा व छात्रों की सुरक्षा का ध्यान ध्यान रखा जाए, अन्यथा अभिभावक संघ व प्रबंधन विद्यालय बंद करने का निर्णय लेगा।