जबलपुर (जय लोक)। सिविल न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद भी बिल्डर द्वारा खरीदी गई भूमि पर पटवारी ने बिना नोटिस काटे और बिना मौके पर गए विवादित भूमि का विवादित बटांक कर दिया। न्यायालय के स्थगन आदेश की अवमानना करने के साथ-साथ भूमि का नामांतरण भी गलत तरीके से किया गया। यह आरोप पीडि़त पक्ष के अधिवक्ता द्वारा लिखित शिकायत के रूप में तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत किए गए हैं। जबलपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले मंगेली मानेगांव हल्के की महिला पटवारी मीना राय ने यह काम किया है जिसको लेकर राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं।
आवेदक राजेश यादव के अधिवक्ता देवाशीष यादव ने बताया कि मंगेली गांव के अंतर्गत आने वाली उनकी भूमि जिसका खसरा नंबर 204 है, यह आवेदक की पैतृक संपत्ति है और वह कई दशकों से इस पर खेती करते आ रहे हैं। खेत पर उनका मकान भी बना हुआ है और बोरिंग भी है। इस भूमि का विक्रय 2008 में सर्वप्रथम सुनीता उपाध्याय के नाम से हुआ था उसके बाद यह भूमि डॉक्टर शैलेंद्र श्रीवास्तव के नाम पर रजिस्टर्ड हुई। कोई भी विवादित भूमि पर कब्जा नहीं ले पाया और न्यायालय में प्रकरण होने के कारण बाद में इसे बिल्डर आयुषी कंस्ट्रक्शन को बेच दिया गया। अधिवक्ता श्री यादव ने बताया कि बिल्डर द्वारा नक्शा बटांक का आवेदन प्रस्तुत किया गया। वर्तमान में इस हलके की महिला पटवारी मीना राय ने नियम विरुद्ध जाकर सिविल न्यायालय के स्थगन आदेश की जानकारी होने के बावजूद भी उक्त भूमि का बटांक कर दिया। ना तो मौके पर जाँच की गई और ना नोटिस काटे गए। आदेवक को कोई भी नोटिस प्राप्त नहीं हुआ। नक्शा बटांक की जानकारी होने पर आवेदक की ओर से उनके अधिवक्ता ने इस पूरे मामले में लिखित आवेदन के साथ न्यायालय का स्थगन आदेश और गलत तरीके से हुए नामांतरण की प्रति तहसीलदार के समक्ष प्रस्तुत की है और इस पर उचित कार्यवाही करने का आवेदन दिया है।
पूर्व में भी सस्पेंड हो चुकी है महिला पटवारी
विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला पटवारी मीणा राय पहले भी कई विवादों में रह चुकी हैं। राजस्व के प्रकरणों में नियम विरुद्ध तरीके से कार्य किए जाने पर उन्हें पूर्व में तत्कालीन एसडीएम सेनगुप्ता ने भी निलंबित किया था। बाद में उनका हल्का सिवनी टोला से बदलकर कालादेही कर दिया गया था। वर्तमान में जबलपुर तहसील के सबसे महत्वपूर्ण राजस्व क्षेत्र में जुगाड़ कर उक्त महिला पटवारी पुन: पदस्थ हो गई और अब उनका बटांक का यह कारनामा जबलपुर तहसील में सुर्खियों में छाया हुआ है।
जज कॉलोनी का नाप भी हुआ गड़बड़
विभागीय सूत्र ने बताया कि मंगेली ग्राम हाइवे से लगी हुई न्यायाधीशों के आवास के लिए आवंटित हुई भूमि में भी कई प्रकार की अनियमिताएं सामने आई हैं इसका नाप जोख भी गलत तरीके से किया गया है। पूर्व में पटवारी मीणा राय द्वारा प्राइवेट सीमांकन करने वालों के साथ मिलकर उक्त आवंटित भूमि का नाप किया गया था। आगे चलकर पुन: जब दिए गए माप में गड़बड़ी समझ में आई और वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में मामला आया तो एसडीएम जबलपुर अभिषेक सिंह भी मौके पर पहुंचे थे और उनकी टीम द्वारा जब फिर से नाप करवाया गया तो पूर्व के नाप और वर्तमान के माप में साफ -साफ अंतर दिखा। यह नाप की प्रक्रिया अभी भी जारी है और अब वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में ही राजस्व अधिकारियों की टीम आरआई- पटवारी के साथ यह कार्य पूर्ण करेगी। पूर्व में जब यह नाप की कार्रवाई हुई थी उस वक्त मॉडल एजेंसी पीडब्ल्यूडी के अधिकारी कर्मचारियों को भी मौके पर बुलाया गया था लेकिन उनके सामने भी नाप को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
दस्तावेज देख कर दे पाएंगे जानकारी तहसीलदार
उक्त प्रकरण के संबंध में तहसीलदार नीलिमा राजवर से चर्चा की गई तो उनका कहना है वो प्रकरण के संबंध में दस्तावेज देख कर कुछ कह पाएंगी। हालांकि आवेदक की से अधिवक्ता लगातार अपनी शिकायत के संबंध में तहसीलदार को प्रकरण से संबंधित पूर्ण जानकारी से लगातार अवगत करवा रहे है।
लगाएंगे कंटेंप्ट का केस
राजेश यादव के अधिवक्ता देवाशीष यादव का कहना है कि राजस्व में पटवारी द्वारा की गई इतनी बड़ी त्रुटि के संबंध में एवं न्यायालय स्थगन आदेश की अवहेलना किए जाने पर हुए सुनवाई ना होने की दिशा में न्यायालय के समक्ष आदेश की अवहेलना का प्रकरण दर्ज कर न्याय की गुहार करेंगे।
