
पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने एसपी आर्थिक अपराध से की जाँच की माँग
जबलपुर (जयलोक)। शहर के मध्य स्थित ऐतिहासिक धरोहर हनुमानताल तालाब वर्षों से आम जनमानस की धार्मिक भावनाओं व आस्था का केंद्र बिंदु बना हुआ है। इस हनुमानताल में जीर्णोद्धार का कार्य नगर निगम द्वारा कराया गया है। जीर्णोद्धार के इस कार्य में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार होने के आरोप पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने लगाए हैं। उन्होंने इस संबंध में एक शिकायत पत्र भी आज पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध शाखा को सौंपा है और जाँच की माँग की है।

शिकायत पत्र सौंपने के पश्चात पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने पत्रकारों को बताया कि वर्तमान में नगर निगम द्वारा तथा अन्य राजनैतिक नेताओं द्वारा इसकी सफाई, सौंदर्यीकरण, जीर्णोद्धार हेतु विभिन्न घोषणाएं की गईं थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दिनों जलाशय सफाई के नाम पर जमकर लापरवाही बरती गयी जिसके कारण इसमें से सिल्ट नहीं निकल पाई इसमें जलकुम्भी और प्रदूषण फैलाने वाली घास तेजी से बढ़ रही है। श्री सक्सेना ने बताया कि अमृत योजना के अंतर्गत हनुमानताल को स्वच्छ बनाने का कार्यक्रम चलाया गया, ठोस जानकारी के अनुसार नगर निगम ने करीब 1.60 करोड़ से ज्यादा की दो अलग-अलग निविदाएं जारी की थीं एवं दो अलग-अलग ठेकेदारों की निविदा स्वीकृत कर कार्य शुरू कराया गया था, परंतु कार्य अत्यंत धीमी गति के चलते वर्षा ऋतु आ गई तथा ऐसा प्रतीत हुआ कि शायद वर्षा का ही इंतजार किया जा रहा था। जीर्णोद्धार के कार्य में ना तो सिल्ट की उचित मात्रा निकाली गई, ना ही घाटों का जीर्णोद्धार पूर्ण रूप से किया गया बल्कि मशीने तथा ट्रक कई दिनों तक सिर्फ कार्य का दिखावा करते रहे। परिणाम स्वरूप कुछ राशि ही इस कार्य में व्यय की जा सकी। इस कार्य में भारी भ्रष्टाचार किया गया है जिससे आम नागरिकों में भारी रोष व्याप्त है, खाली करने के बाद भी हनुमान ताल का ढंग से जीर्णोद्धार क्यों नहीं किया गया, यह सवाल उठ रहे हैं। पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध शाखा को सौंपे गए शिकायत पत्र में जिन मुद्दों पर जाँच कराने की माँग की गई है उनमें हनुमानताल तालाब के जीर्णाेद्वार हेतु कितनी राशि की स्वीकृति की गई। स्वीकृत निविदा में क्या दरे आई थी, क्या-क्या कार्य डी.पी. आर. के अंतर्गत होना था, क्या डी.पी.आर. में स्वीकृत सभी कार्य पूर्ण हो गए हैं, कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है तथा कितना भुगतान बाकी है, क्या जिस उद्देश्य से कार्य शुरू किया गया था वह कार्य सफलता के साथ पूर्ण किए जा सके। प्रदेश के किस-किस विभाग से कितनी राशि इस कार्य के सहयोग हेतु प्राप्त की गई। क्या सांसद, विधायक, पार्षद मद, से भी इस कार्य हेतु राशि प्राप्त हुई है। इन सभी बिंदुओं की जाँच की माँग की गई है।
अब त्योहार सिर पर हैं
पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने कहा है कि आने वाले दिनों में कजलिया, गणेश उत्सव, दुर्गा उत्सव, जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्यौहार आने वाले हैं, ऐसे में तालाब प्रदूषित होने पर विसर्जन कार्य कैसे हो पाएंगे। शहरवासी चाहते हैं कि इसकी सूक्ष्म जाँच की जावे कि क्यों लापरवाही पूर्वक इस कार्य को किया गया। विनय सक्सेना ने यह माँग भी है कि हनुमानताल के कामों के भुगतान में रोक लगाकर क्षेत्रीय लोगों से जानकारी तथा उनसे प्राप्त साक्ष्य के साथ इस पूरे कार्य में हुई अनियमिताओ एवं लापरवाही तथा भ्रष्टाचार की जाँच कराई जाए। पूर्व विधायक विनय सक्सेना ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह भी बताया कि यदि आर्थिक अपराध शाखा द्वारा जाँच नहीं कराइ गई तो वे लोकायुक्त में भी शिकायत करेंगे और आवश्यकता पड़ी तो वे हाईकोर्ट भी जाएंगे।

विनय सक्सेना ने भी बनवाई थी योजना
विनय सक्सेना ने अपने विधायकी कार्यकाल में हनुमानताल की सफाई, सौंदर्यीकरण और जीर्णोंद्धार के लिए ढाई करोड़ रुपयों की डीपीआर तैयार की थी। जिस पर प्रक्रिया आगे तो बढ़ी मगर सरकार गिर जाने के कारण कार्य पेंडिंग रह गया। वर्तमान में पुन: इस कार्य के लिए करीब दो करोड़ की डीपीआर तैयार की गई जिसमें, जलाशय की सफाई, जीर्णोद्वार और एसटीपी प्लांट लगाने की बात कही गई प्रचार प्रसार भी किया गया लेकिन जलाशय आज भी दुर्दशाग्रस्त हालत में सभी के सामने है।
Author: Jai Lok







