
सीजफायर पर जम्मू कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक ने जताई निराश
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पराक्रम दिखाया और पाकिस्तान में नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप और ठिकानों को बर्बाद कर दिया गया। पाकिस्तान के कई एयरबेसों को नुकसान पहुंचाया, चार दिनों तक चले संघर्ष में अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बयान दिया कि हमारी मध्यस्थ्ता से भारत और पाक सीजफायर पर सहमत हो गए हैं। कुछ देर बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि कर दी।
इस पूरे घटनाक्रम पर जम्मू कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक ने निराशा जताई। उन्होंने कहा कि भारतीय होने के नाते मैं भी चाहता था कि हमारे सैनिकों को 2 से तीन दिन और मिलने चाहिए थे क्योंकि पाकिस्तान घुटनों पर था। भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर कई सुर उठ रहे हैं। भारत ने साफ कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारा जीरो टॉलरेंस जारी है। पाकिस्तान की अगली किसी भी हरकत का कड़ा जवाब दिया जाएगा।
इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक ने यह भी स्वीकार किया कि भारत की राजनीतिक नेतृत्व के पास कुछ ऐसे तथ्य और कूटनीतिक कारण रहे होंगे जो आम जनता को नहीं बताए गए। उन्होंने कहा कि ऐसे कई तथ्य होते हैं जो नेतृत्व जानता है। अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में कुछ विशेष परिस्थितियां होती हैं। सरकार को देशहित को ध्यान में रखते हुए फैसला लेने पड़ते हैं। देश केवल अहंकार से नहीं चलता, बल्कि दूरदृष्टि से चलता है। ट्रंप ने सीजफायर के बाद फिर ट्वीट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे का भी जल्द समाधान निकलेगा। इस पर पूर्व पुलिस महानिदेशक ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जहां तक कश्मीर मुद्दे का सवाल है, भारत की राजकीय नीति स्पष्ट है हम किसी तीसरे पक्ष की दखल को स्वीकार नहीं करते हैं। यह शिमला समझौते के मुताबिक दो देशों के बीच का मसला है, जिसे आपसी बातचीत से ही सुलझाया जाना है।
बता दें पूर्व पुलिस महानिदेशक का यह बयान ऐसे समय आया है जब कई विश्लेषक और पूर्व सैन्य अधिकारी यह सवाल उठा रहे हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ अभियान को अचानक क्यों रोका गया? उन्होंने संतुलन साधते हुए कहा कि भले ही उन्हें लगता है कि कुछ और कार्रवाई की जा सकती थी, लेकिन सरकार की जिम्मेदारी वृहद राष्ट्रीय हित को देखते हुए फैसला लेना है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ट्रंप के इस ट्वीट को लेकर कई सवाल खड़े होंगे… भारत-पाकिस्तान के बीच जो समझ बनी, वो कैसे बनी, क्यों बनी, इसकी कोई जानकारी हमें नहीं दी गई है। इसलिए आज हम कोई आलोचना नहीं करेंगे, लेकिन सरकार से एक सीधी मांग जरूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर विशेष संसद सत्र और सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। सिब्बल ने सभी विपक्षी दलों से अपील की कि वे तब तक सर्वदलीय बैठक में शामिल न हों, जब तक यह स्पष्ट न हो जाए कि पीएम मोदी खुद उस बैठक में मौजूद रहेंगे।

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Author: Jai Lok
