
जबलपुर (जयलोक)। जिले में थाना प्रभारियों की फील्ड में मौजूदगी और सक्रियता सुनिश्चित करने के लिए एसपी सम्पत उपाध्याय द्वारा लागू की गई नई व्यवस्था पर पुलिस महकमे के भीतर ही सवाल उठने लगे हैं। आदेश के मुताबिक, अब सुबह 11 बजे से रात 12 बजे तक हर घंटे थाना प्रभारियों को अपनी लोकेशन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) को देनी होगी और एएसपी को इसे तुरंत वेरिफाई करना होगा।
हालांकि, इस आदेश ने विभाग में हलचल मचा दी है। सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई हर घंटे लोकेशन लेने की व्यवस्था व्यावहारिक है? पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिले में कुल 36 थाना हैं और यदि हर प्रभारी की लोकेशन की जाँच में ही एक घंटा लग जाएगा, तो तुरंत अगले घंटे का समय शुरू हो जाएगा। इस स्थिति में एएसपी का पूरा दिन इसी प्रक्रिया में उलझकर रह जाएगा और वे अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों पर ध्यान नहीं दे पाएंगे।

दो घंटे का अंतराल व्यावहारिक
महकमें के अंदर कई वरिष्ठ अधिकारियों की राय है कि हर घंटे लोकेशन लेने की जगह यदि यह अंतराल 3 घंटे का रखा जाए, तो व्यवस्था और ज्यादा व्यावहारिक होगी। इससे एएसपी अपने अन्य प्रशासनिक और फील्ड से जुड़े कार्यों पर भी ध्यान दे पाएंगे और साथ ही थाना प्रभारियों की निगरानी भी बनी रहेगी।
जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की कोशिश
नई व्यवस्था का मकसद थाना प्रभारियों की जवाबदेही तय करना और जनता को यह भरोसा दिलाना है कि पुलिस अधिकारी थानों और क्षेत्रों में मौजूद हैं। लेकिन अब सवाल यही है कि निगरानी की यह प्रक्रिया कहीं बोझिल साबित होकर अपने मूल उद्देश्य से भटक न जाए।

Author: Jai Lok







