
भोपाल (जय लोक)। 9 साल बाद सरकार ने कर्मचारियों की पदोन्नति का रास्ता खोल दिया था, लेकिन मामला फिर हाईकोर्ट पहुंच गया, जहां पौने दो महीने से अटका हुआ है। इस मामले में सुनवाई के लिए तारीख पर तारीख दी जा रही है। ऐसे में अब मोहन सरकार ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए कमर कस लिया है।

इसके तहत हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को तैनात करेगी। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक डीपीसी की पहली बैठक के बाद ही 4 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को प्रमोशन मिल जाएगा। यह पदोन्नति के लिए पात्र कुल कर्मचारियों की संख्या का 90 प्रतिशत है। ये वे कर्मचारी हैं, जो दिसंबर, 2024 की स्थिति में पदोन्नति के लिए पात्र हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका विचाराधीन होने से प्रदेश में पिछले नौ साल में एक लाख से ज्यादा कर्मचारी बगैर प्रमोशन मिले रिटायर्ड हो चुके हैं।
गौरतलब है कि मप्र हाईकोर्ट में याचिका विचाराधीन होने से पौने दो महीने से कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगी है।
इस मामले में हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी। हाईकोर्ट में अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मजबूती से सरकार का पक्ष रखेंगे। इसके लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन और तुषार मेहता को हायर किया है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकार कोर्ट में पदोन्नति के मामले को ज्यादा लंबा नहीं खिंचने देना चाहती, ताकि पदोन्नति की प्रक्रिया जल्दी शुरू की जा सके, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं को हायर किया गया है। सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में अगली सुनवाई की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

Author: Jai Lok







