अवमानना की कार्यवाही से मिली निजात
जबलपुर,( जयलोक)। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगल पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया जिसमें मध्य प्रदेश की लगभग 235 बार काउंसिल के हजारों वकीलों की अवमानना की कार्यवाही से राहत मिल गई।
चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगल पीठ ने मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल के चेयर मैन राधेलाल गुप्ता की बिना शर्त माफी को मंजूर कर लिया। इसी के साथ अधिवक्ताओं की राज्यव्यापी हड़ताल के बाद शुरू की गई अवमानना कार्रवाई समाप्त कर दी गई।
हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस लेने की जानकारी दी गई, जिसे अभिलेख में लेकर हाई कोर्ट ने मामले का पटाक्षेप कर दिया। एमपी स्टेट बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी ने इसे प्रदेश के वकीलों के लिए बड़ी राहत बताया है। गौरतलब है कि मार्च, 2023 में एमपी स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर जबलपुर सहित समूचे प्रदेश के वकील हड़ताल पर चले गए थे। जिसके बाद हाई कोर्ट ने संज्ञान आधारित जनहित याचिका की सुनवाई की व्यवस्था दे दी थी।
प्रारंभिक सुनवाई में वकीलों को तत्काल कार्य पर वापस लौटने के निर्देश दिए गए थे।आदेश की प्रति के साथ हाई कोर्ट रजिस्ट्री के जरिए मध्य प्रदेश स्टेट बार के चेयरमैन, हाई कोर्ट बार जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर के अध्यक्ष, हाई कोर्ट एडवोकेट्स बार, जबलपुर के अध्यक्ष के अलावा राज्य के सभी जिला व तहसील बार के अध्यक्षों को नोटिस जारी करने की व्यवस्था दी गई थी। इस मामले की विगत सुनवाई के दौरान स्टेट बार ने भरोसा दिलाया था कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका वापस ले लेंगे। यह प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद हाई कोर्ट को सूचित कर दिया गया। साथ ही स्टेट बार चेयरमैन ने बिना शर्त माफीनाम पेश कर दिया। जिसे रिकार्ड पर लेकर हाई कोर्ट ने प्रदेश के वकीलों को अवमानना कार्रवाई से राहत दे दी।