संभागवार तैयार होगी सूची बताएंगे राहुल गांधी को
विधानसभा घेराव से बड़े-बड़े नामधारी पूर्व जनप्रतिनिधियों ने बनाई दूरी
जबलपुर (जय लोक)। 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को मिली करारी हार का मूल्यांकन कांग्रेसी अभी तक नहीं कर पा रहे हैं। बहुत सारे ऐसे कांग्रेसी हैं जो अभी तक इस सदमें से बाहर नहीं आए हैं। ऐसे लोगों को ना तो पार्टी के दोबारा अपने पैरों पर खड़े होने से मतलब है और ना ही जनता के लिए राजनीति करने से। बहुत से ऐसे लोग हैं जो हार के सदमें में डूबे हुए हैं। इनमें बड़े-बड़े नामधारी और पूर्व जनप्रतिनिधि नेता भी शामिल हैं। ऐसे कांग्रेसियों को जो हार के सदमें में डूबे हुए हैं उन्हें कांग्रेस के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के आंदोलन के आवाह्न की ललकार भी जगानहीं पा रही है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण कांग्रेस पार्टी ने अपने 16 दिसंबर को भोपाल में आयोजित किए गए विधानसभा घेराव के दौरान देखा गया और इस बात की खबर राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के नेताओं तक को दी गई है।
कांग्रेस पार्टी सूत्रों की माने तो अब हार के सदमें में चले गए, हार का गम मानते बैठे नेता जो पार्टी की रीति नीति, पार्टी के कामकाज और जिम्मेंदारियों से दूर चले गए हैं ऐसे सुस्त पड़े कांग्रेसियों को चिन्हित करने का कार्य किया जाएगा। जल्द ही पूरे प्रदेश में जिलों के अनुसार संभागवार सूची तैयार की जाएगी। सूची तैयार करने का कार्य प्रदेश के जिम्मेदारों के साथ ही जिले के जिम्मेदार नेताओं को भी दिया जाएगा। नगर संगठन के लोगों को भी इसकी जिम्मेदारी सौपें पर जाने का सुझाव वरिष्ठ नेताओं के समक्ष रखा गया है।
यह भी बड़ी बात है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा प्रत्याशी बनाए गए कांग्रेस के ऐसे बड़े नामधारी नेता भी खुद ही विधानसभा के समक्ष घेराव से दूर नजर आए जहां पर राजनीति करने का वह सपना लेकर पार्टी के साथ चल रहे थे। पूरे प्रदेश भर में ऐसे बहुत सारे कांग्रेस के नेता हैं जो हार जाने के बाद भी पूरी कर्मठता के साथ कांग्रेस पार्टी की सेवा में जनहित के ऐसे आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी सूत्रों की माने तो अब हार के सदमें में चले गए, हार का गम मानते बैठे नेता जो पार्टी की रीति नीति, पार्टी के कामकाज और जिम्मेंदारियों से दूर चले गए हैं ऐसे सुस्त पड़े कांग्रेसियों को चिन्हित करने का कार्य किया जाएगा। जल्द ही पूरे प्रदेश में जिलों के अनुसार संभागवार सूची तैयार की जाएगी। सूची तैयार करने का कार्य प्रदेश के जिम्मेदारों के साथ ही जिले के जिम्मेदार नेताओं को भी दिया जाएगा। नगर संगठन के लोगों को भी इसकी जिम्मेदारी सौपें पर जाने का सुझाव वरिष्ठ नेताओं के समक्ष रखा गया है।
यह भी बड़ी बात है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी द्वारा प्रत्याशी बनाए गए कांग्रेस के ऐसे बड़े नामधारी नेता भी खुद ही विधानसभा के समक्ष घेराव से दूर नजर आए जहां पर राजनीति करने का वह सपना लेकर पार्टी के साथ चल रहे थे। पूरे प्रदेश भर में ऐसे बहुत सारे कांग्रेस के नेता हैं जो हार जाने के बाद भी पूरी कर्मठता के साथ कांग्रेस पार्टी की सेवा में जनहित के ऐसे आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं।
राहुल गांधी तक जाएगी बात
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जिस तरीके से इतने बड़े आंदोलन में बड़े नेताओं ने अपनी जि़म्मेदारियों से मुंह छुपाए और पार्टी के निर्देशों का पालन नहीं किया ऐसे सभी नेताओं की सूची तैयार की जाएगी। इनमें बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो वर्तमान में किसी पद पर भी हैं और ऐसे लोग भी हैं जो पिछले चुनाव में शिकस्त खाकर बैठे हैं। ऐसे लोग हैं जिन्होंने हार जाने के बाद से अपने दरवाजे ही जनता के लिए बंद कर दिए । इसके साथ -साथ कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से भी मुँह मोड़ कर बैठे हैं। अभी सूची तैयार होगी तो एक सवाल से लगे हुए और भी कई सवाल उठकर सामने आएंगे। नाम सामने आएंगे ,काम सामने आएंगे और 1 साल से निष्क्रिय पड़े कांग्रेस नेताओं की निष्क्रियता भी सभी के सामने आएगी। कांग्रेस के नाम पर अपना राजनीतिक वजूद खड़ा करने वाले लोग भी पिछले चुनाव में मिले झटका के बाद से कांग्रेस और जनता दोनों से ही दूर चले गए हैं। सूची तैयार हो जाने के बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व इस विषय पर निर्णय लेगा कि उन्हें ऐसे निष्क्रिय हो चुके नेताओं के साथ क्या करना है। पूरे प्रदेश के साथ साथ जबलपुर संभाग में इस बात का गहरा असर नजर आ रहा है।
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