माँ तो गोद में लेने तत्पर है, हमारे पुत्र बनने भर की देर है

   प्रिय आत्मन, गीता जयंती पर एक लेख लिख रहा था तो लगा कि 1000 शब्दों में अपनी बात नहीं कह सकता। तब पाँच लेखों की श्रृंख्ला लिखना प्रारंभ किया। इसी बीच विचार आया कि क्यों न इस श्रृंखला को निरंतर लिखा जाए जब तक गीता पूर्ण न हो जाए।  इन लेखों को अत्यंत सरल … Continue reading माँ तो गोद में लेने तत्पर है, हमारे पुत्र बनने भर की देर है