45 दिन तक चलने वाला कुंभ देगा यूपी की अर्थव्यवस्था को बस्टूर डोज
नई दिल्ली (एजेंसी/जयलोक)। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के मुताबिक, साल 2013 के महाकुंभ में सरकार को 12,000 करोड़ का राजस्व मिला था। साल 2019 के कुंभ में सरकार को 1.2 लाख करोड़ का राजस्व मिला था। महाकुंभ 2025 में यह राजस्व बढक़र 2 लाख करोड़ रुपए से 2.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
उत्तर प्रदेश का प्रयागराज विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ के लिए तैयारी जोर-शोर पर चल रही है। 13 जनवरी से शुरू होने वाले इस महा आयोजन का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पक्ष समृद्ध है ही, लेकिन आयोजन का आर्थिक पक्ष भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। महाकुंभ 2025 में उम्मीद जाहिर की जा रही है, देश-दुनिया से करीब 40 करोड़ लोग प्रयागराज की धरती पर आएंगे। इसकारण मोदी और योगी सरकार ने वहां बुनियादी सहित अन्य सुविधाओं पर भारी निवेश किया है। करीब 45 दिन चलने वाले कार्यक्रम का लाभ बिजनेस जगत भी उठाने के लिए तैयार है। आज13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ को लेकर उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। बीते दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगम नगरी में 5,500 करोड़ रुपए के कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया। योगी सरकार के दावे के मुताबिक, महाकुंभ 2025 में 44 दिनों करीब 40 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। इस बड़ी संख्या को देखकर यूपी सरकार ने 4000 हेक्टेयर में मेला का आयोजन का फैसला लिया है, जबकि 1800 हेक्टेयर में पार्किंग की व्यवस्था की गई है। मेला क्षेत्र को 25 अलग-अलग सेक्टर में बांटा गया है और श्रद्धालुओं के निवास के लिए 1.6 लाख टेंट बने हैं। इसके अलावा संगम में अलग-अलग जगहों पर 30 पीपा पुल का निर्माण किया है। प्रयागराज और कुंभ मेला के करीब के क्षेत्रों में करीब 400 किलोमीटर अस्थायी सडक़ें बनाई गई है और 67,000 से अधिक स्ट्रीट लाइट्स लगी हैं। इसके अलावा प्रयागराज में कुंभ मेले के चलते 14 नए रोड ओवरब्रिज, 61 नई सडक़ें और 40 अलग-अलग चौराहों का सौंदर्यीकरण हुआ है।वहीं दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की करें, तब महाकुंभ में बिजली आपूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा दो नए पावर सबस्टेशन बनाए गए हैं और 66 नए ट्रांसफार्मर लगाए हैं। मेला में पानी की आपूर्ति के लिए 1,249 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाई गई है। इसके अलावा डेढ़ लाख से अधिक टॉयलेट और 10,000 सफाईकर्मियों को काम में लगाया गया है। ग्रीन कुंभ के दृष्टिकोण से 3 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं। बीते दिनों रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की थी कि महाकुंभ के दौरान 13,000 ट्रेनें (3,000 विशेष ट्रेनें सहित) चलाई जाएगी। साथ ही श्रद्धालुओं के लिए 7,000 से अधिक बसें, जिसमें 200 वातानुकूलित बसें शामिल हैं, और 200 से अधिक चार्टर फ्लाइट नियमित उड़ानों के साथ उपलब्ध होंगी।2019 में हुए कुंभ में करीब 6 लाख लोगों अलग-अलग क्षेत्रों में रोजगार मिला था, जो इस साल डेढ़ गुणा तक बढ़ सकता है। यूपी टूरिज्म डिपार्टमेंट के मुताबिक, अब तक 45000 परिवारों को इस आयोजन के चलते रोजगार मिल चुका है। राज्य सरकार ने 2024-25 के बजट में महाकुंभ को लेकर 2,500 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, जबकि केंद्र ने आयोजन के लिए 2,100 करोड़ का स्पेशल पैकेज दिया था। अगर पूरे बजट की बात करें, तब महाकुंभ के लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और अन्य विभागों द्वारा अब तक कुल 6,382 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। इसमें से लगभग 5,600 करोड़ रुपए इवेंट मैनेजमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर खर्च हुआ है। साल 2019 के अर्धकुंभ में सरकार ने कुल 3700 करोड़ रुपया खर्च किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, 45 दिनों के महाकुंभ में संभावित खपत को देखते हुए, कंपनियां ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर करीब 3,000 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बना रही है।
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