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32 जिलों में सौंपा गया तहसीलदारों द्वारा ज्ञापन, पूरे प्रदेश में चल रहा विरोध प्रदर्शन, एक बार फिर राजस्व अधिकारियों ने कार्य विभाजन पर जताई नाराजगी

कल से राजस्व कार्य नहीं करेंगे तहसीलदार, वाहन और डोंगल कर देंगे जमा, व्हाट्सएप गु्रप भी छोड़ेंगे

जबलपुर (जयलोक)। एक बार फिर तहसीलदारों ने जारी किए गए न्यायिक और गैर न्यायिक दो वर्गो के विभाजन को लेकर नाराजगी जाहिर की है। जिसको लेकर तहसीलदार कल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे और अपने अपने वाहन जमा करेंगे, डिजिटल सिग्नेचर वाले डोंगल भी जमा कर देंगे। इसके साथ ही अधिकारियों के वाटसअप गु्रप भी छोड़ देंगे। जिसके बाद तहसीलदार प्रदेश स्तर पर अपना विरोध जताएंगे। यह आंदोलन पूरे मध्यप्रदेश में चल रहा है।
हर जिले में तहसीलदार संगठन अपने स्तर पर विरोध दर्ज करवा रहे हैं। कल से इसका व्यापक स्वरूप नजर आने लगेगा। तहसीलदार रवि शर्मा ने बताया कि राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर-न्यायिक दो वर्गों में विभाजन के संदर्भ में जारी किए गए निदेर्शों एवं उनके क्रियान्वयन से संपूर्ण संवर्ग हतोत्साहित है। ज्ञापन के जरिए जिला इकाइयों ने 17 जुलाई को दिए गए अपने ज्ञापन के जरिए प्रांतीय कार्यकारिणी ने इस विभाजन-योजना से उत्पन्न होने वाली संरचनात्मक, विधिक और व्यावहारिक समस्याओं से अवगत कराया था। जिसमें इस आशय के मौखिक आश्वासन पर कि आगामी तीन माह तक यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मात्र 12 जिलों में ही लागू की जाएगी, राजस्व न्यायालयों को मर्ज नहीं किया जाएगा एवं गैर-न्यायिक को आवश्यक संसाधन प्रदान किए जाएंगे, संवर्ग ने अपना विरोध स्थगित कर दिया था।

किन्तु उक्त आश्वासन के विपरीत विभाजन की यह योजना अन्य 9 जिलों धार, भिंड, खरगौन, बालाघाट, मंदसौर, देवास, कटनी, मंडला, रीवा में कलेक्टर द्वारा लागू की गई।

राजस्व न्यायालयों को मर्ज किया गया, निदेर्शों के विपरीत और विचलन में विभाजन किया गया, गैर-न्यायिक राजस्व अधिकारियों को आवश्यक न्यूनतम स्टाफ  और संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए। जिसको लेकर 45 जिलों के जिला अध्यक्षों/प्रभारियों/प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई। जिसमें कल प्रदेश स्तर पर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दिए जाने का निर्णय लिया गया।

ऐसा रहेगा विरोध

संवर्ग में विभाजन की इस योजना के पूर्ण रूप से वापस नहीं तक समस्त राजस्व अधिकारी आपदा प्रबंधन कार्यों को छोडक़र समस्त कार्यों से विरत रहते हुए जिला मुख्यालयों पर उपस्थित रहेंगे। कोई भी सामूहिक अवकाश हड़ताल पर नहीं जाएगा बल्कि सभी राजस्व अधिकारी जिला मुख्यालय पर उपस्थित रहेंगे।
चूंकि संवर्ग के विभाजन का मुख्य आधार कार्यपालिक दंडाधिकारी के कार्यों का निर्वहन रखा गया है, जिसके आधार पर संवर्ग के 45 प्रतिशत अधिकारियों को उनके मूल कार्य (राजस्व) से पृथक किया जा रहा है, अत: संवर्ग शासन से मांग करता है कि कार्यपालिक दंडाधिकारी की शक्तियां पुलिस विभाग या सामान्य प्रशासन विभाग या किसी भी अन्य विभाग को सौंप दें। कल बुधवार से, जिला मुख्यालयों में उपस्थित रहकर आपदा प्रबंधन के कार्यों को छोडक़र समस्त कार्यों से विरक्त रहेगा। सभी अधिकारी अपने शासकीय वाहन जिलों में जमा करा देंगे एवं अपने डिजिटल सिग्नेचर के डोंगल सीलबंद कर एकत्र कर जिला अध्यक्ष को सौंपेंगे। साथ ही जिलों के आधिकारिक वाटसअप गु्रप छोड़ेंगे। प्रतिदिन शाम 6 बजे जिले की स्थापना शाखा में संयुक्त उपस्थिति पत्रक पर हस्ताक्षर कर अपनी उपस्थिति प्रस्तुत करेंगे। तहसीलदारों ने माँग की है कि भावनाओं का ध्यान रखते हुए इस विभाजनकारी योजना को तथा राजस्व अधिकारियों को राजस्व के मूल कार्यों से पृथक करने के आदेशों को तत्काल प्रभाव से शासन निरस्त करें।

इनका कहना है

प्रदेश स्तर पर निर्धारित की गई रणनीति के अनुसार बातों का क्रियान्वयन किया जाएगा। कल 6 तारीख से सभी तहसीलदार राजस्व के कार्यों से विरारत रहेंगे। पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर अपनी मांगों को लेकर संगठन के पदाधिकारियों द्वारा ज्ञापन सौपा जा रहा है।
शशांक दुबे, जिला अध्यक्ष
मप्र राजस्व अधिकारी संघ

 

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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