समूह के सदस्यों की महाकुंभ में जाकर स्नान करने की इच्छा
अमृतसर,(एजेंसी/जयलोक)। पाकिस्तान से करीब 400 हिंदुओं की अस्थियां लेकर एक समूह भारत आया है। ये लोग इन अस्थियों को हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जित करना चाहते हैं। साथ ही महाकुंभ में जाकर पवित्र स्नान करने की भी इच्छा रखते हैं। यह तीसरी बार है जब विभाजन के बाद पाकिस्तान से हिंदुओं की अस्थियां भारत आई हैं। पहले 2011 और 2016 में भी अस्थियां आई हैं। यह समूह अटारी बॉर्डर पहुंचा। दिल्ली के निगम बोध घाट पर 4 से 21 फरवरी तक अस्थियां रखी जाएगी। इसके बाद 22 फरवरी को हरिद्वार के कनखल में सीता घाट पर विसर्जन होगा। इसके साथ 100 किलो दूध की आहुति भी दी जाएगी।
पाकिस्तान से आए हिंदू समूह के पास लखनऊ और हरिद्वार जाने का वीजा है। वे प्रयागराज जाने के लिए वीजा एक्सटेंशन की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि महाकुंभ में स्नान कर सकें। कराची के श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत राम नाथ मिश्र महाराज ने बताया कि पाकिस्तान में कई हिंदुओं की इच्छा होती है कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी अस्थियां गंगा में विसर्जित हो। उनके परिजन उनकी यह अंतिम इच्छा पूरी करना चाहते हैं। इसके बाद अस्थियों को मंदिरों में कलश में सुरक्षित रखा जाता है। जब पर्याप्त संख्या में कलश इक_े होते हैं, तब भारत का वीजा लेने का प्रयास किया जाता है। इस तरह मृतक या उनके परिवार की अंतिम इच्छा पूरी होती है। मिश्र ने बताया कि वे इस बार करीब 400 कलश लेकर आए हैं। ये अस्थियां पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों से एकत्रित की गई हैं। दिल्ली की श्री देवोथान सेवा समिति के महासचिव विजय शर्मा और अन्य लोग अटारी बॉर्डर पर अस्थियां लेने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि 4 से 21 फरवरी तक अस्थियों को दिल्ली के सबसे पुराने और बड़े श्मशान घाट, निगम बोध घाट पर रखा जाएगा। लोग यहां आकर श्रद्धांजलि दे सकते है। 21 फरवरी को वैदिक रीति-रिवाजों के साथ अस्थियों को हरिद्वार ले जाया जाएगा। 22 फरवरी को कनखल के सीता घाट पर विसर्जन होगा। इसके साथ 100 किलो दूध की आहुति दी जाएगी। यह एक पारंपरिक हिंदू रस्म है।
