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जय लोक से विशेष चर्चा में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताई पूरी योजना
जबलपुर (जयलोक) । कृषि उपज मंडी से मटर मंडी का स्थानांतरण औरिया में स्थित नई मंडी में किए जाने पर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जयलोक को दिए साक्षात्कार में कहा कि कृषि उपज मंडी के कारण शहर के आवासीय क्षेत्र में और स्वयं मंडी में उत्पन्न हो रही अव्यवस्थाओं और जाम की स्थिति को देखते हुए सब्जी मंडी भी नई मंडी में स्थानांतरित किए जाने का निर्णय लिया गया है। जिसका लाभ आने वाले समय में लोगों को देखने को भी मिलेगा। खास बात यह है कि कृषि उपज मंडी मात्र 55 एकड़ की जमीन पर बनी है जबकि नई मंडी सवा सौ एकड़ में बनाई जा रही है। करीब 5 सौ से 6 सौ करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया जाएगा। वहीं कृषि उपज मंडी के रीडें सिफिकेशन योजना से 13 सौ से 14 सौ करोड़ की आय शासन को होगी। वहीं नई मंडी का निर्माण हो जाने से किसानों के साथ साथ शहरवासियों को भी इसका लाभ मिलेगा। जिसका उदाहरण मटर मंडी को देखकर मिलता है।
कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि पहले मटर मंडी कृषि मंडी में संचालित हो रही थी जिसके कारण आएदिन जाम की स्थिति निर्मित होती थी। वहीं मात्र 55 एकड़ में बनी मंडी से व्यापारियों, किसानों और वाहन चालकों को भी परेशानी होती थी। लेकिन औरिया स्थित नई मंडी करीब सवा सौ एकड़ में बन रही है। जिससे किसानों, व्यापारियों को यहां दोगुनी जगह मिलेगी। वहीं मंडी में आने वाले वाहनों के आवागमन के लिए भी यह जगह पर्याप्त है।
खर्चा 6 सौ करोड़, मुनाफा 13 सौ करोड़
कलेक्टर श्री सक्सेना ने बताया कि नई मंडी के निर्माण में करीब 6 सौ करोड़ का खर्चा होगा जबकि कृषि उपज मंडी के रीडेंसिफिकेशन योजना से 13 सौ से 14 सौ करोड़ प्राप्त होंगे।
इसके साथ ही नई मंडी में कई ऐसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी जो किसानों और व्यापारियों के लिए लाभकारी होंगी। उन्होंने मटर व्यापार का उदाहरण देते हुए कहा कि मटर को नई मंडी में स्थानांतरण किए जाने से किसानों को फायदा हुआ है। किसानों को मटर का अच्छा दाम मिला साथ ही उन्हें परेशानी कम हुई। स्थानीय स्तर पर कुछ छोटी मोटी समस्याओं के अलावा बड़ी समस्याएं नजर नहीं आईं।
नर्मदा फ्रंट के लिए भी उपयोग होगी राशि
कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि कृषि उपज मंडी के रीडेंसिफिकेशन योजना से 13 सौ से 14 सौ करोड़ की आय शासन को होगी, जिसमें से 6 सौ करोड़ नई मंडी के निर्माण में लगेंगे। तो वहंी 250 करोड़ नमामि देवी नर्मदे प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले नर्मदा फ्रंट व्यू के कार्य में उपयोग किए जाएंगे। बाकी की राशि शहर विकास में खर्च की जाएगी। कलेक्टर ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड ने इसकी पूरी योजना तैयार कर ली है। जल्द ही इसे अंतिम स्वरूप दिया जाएगा।
