जयलोक की खबर का असर
जबलपुर (जयलोक)। शासन के ऑडिट विभाग मेें कार्यरत एक बाबू संदीप शर्मा द्वारा कोषालय में किए गए 7 करोड़ रूपये से अधिक के गबन का मामला दैनिक जयलोक ने 3 अपै्रल को प्रकाशित किया था और इस मामले के ठंडे बस्ते में चले जाने का मुद्दा उठाया था। जयलोक में प्रकाशित इस खबर के बाद पुलिस विभाग सक्रिय हुआ, पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने कल शुक्रवार को मुख्य आरोपी बाबू संदीप शर्मा, उपसंचालक मनोज बरहैया, सीमा अमित तिवारी, अनूप कुमार बौरिया और रीया विश्नोई पर 10-10 हजार रूपये के ईनाम की घोषणा की है।
ये सभी गबन की घटना के सामने आने के बाद से ही फरार है। इन सभी आरोपियों पर 12 मार्च को ओमती थाने में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। लेकिन इस प्रकरण के दर्ज होने के 24 दिनों के बाद भी कोई आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाया है। यह बताया जा रहा है कि गबनकर्ता बाबू संदीप शर्मा ने आरोपी बनाए गए लोगों के खातों में भी रकम पहुँचाई है।
थाने में शिकायत से पहले ही बाबू फरार
25 फरवरी को विभाग में करोड़ों का गबन होने की बात सामने आते ही हडक़ंप मच गया। आनन-फानन में संयुक्त संचालक ने जिला कोषालय अधिकारी को घोटाले की जानकारी देते हुए ओमती थाने में शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन इसकी भनक घोटालेबाज बाबू संदीप शर्मा को लग चुकी थी। वह पुलिस की पकड़ में आने से पहले ही फरार हो गया। इधर, संपरीक्षा कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक प्रिया विश्नोई और ज्येष्ठ संपरीक्षक सीमा अमित तिवारी सहित बाबू संदीप शर्मा को कलेक्टर के निर्देश पर सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद होली के दिन यानी 13 मार्च को संयुक्त संचालक मनोज बरहैया समेत संदीप शर्मा, सीमा अमित तिवारी, प्रिया विश्नोई और अनूप कुमार के खिलाफ एफआईआर हो गई थी। जांच में पता चला है कि प्रिया विश्नोई और सीमा अमित तिवारी ने बाबू संदीप को लॉगिन पासवर्ड दे रखा था। जिसके बाद ही उसने इस घोटाले को अंजाम दिया था। करोड़ों के फर्जीवाड़े में संयुक्त संचालक मनोज बरहैया की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है।
सुसाईड नोट में खुद ली है संदीप शर्मा ने पूरी जवाबदारी
स्थानीय निधि संपरीक्षा कार्यालय में 7 करोड़ रुपये के गबन का खुलासा हुआ तब ओमती थाना में एफआईआर दर्ज होने के बाद से आरोपी संदीप शर्मा का 28 फरवरी से फरार है। इसी बीच, उसका एक सुसाइड नोट सामने आया था जिसमें उसने गबन की पूरी जिम्मेदारी खुद ली है। उसने सुसाइड नोट में लिखा, ‘उसने सहकर्मियों की आईडी और पासवर्ड का गलत इस्तेमाल किया और फर्जीवाड़ा किया, इसलिए अब मैं आत्महत्या कर रहा हूॅ’। लेकिन संदीप शर्मा का अभी तक कुछ पता नहीं चला।
