भोपाल (जयलोक)
मप्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदले हुए 7 माह से भी अधिक का समय बीत चुका है। लेकिन, अभी तक कांग्रेस कमेटी का कोई अता पता नहीं है। करीब दो माह पहले प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह द्वारा कहा गया था कि आने वाले 15 दिनों में कार्यकारिणी का गठन कर दिया जाएगा। लेकिन, अब तक कमेटी का गठन नहीं हो सका है। इस कारण प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी बिना टीम के काम कर रहे हैं। यही नहीं मप्र कांग्रेस कार्यकारणी के लिए कार्यकर्ताओं को अभी इंतजार करना होगा। दरअसल, कार्यकारिणी गठन को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह का कहना है कि काम करने वाले (जमीनी) कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी में जगह मिलेगी। जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं के नामों पर विचार किया जा रहा है। पूरे समय पार्टी के लिए काम करने वालों को कार्यकारिणी में जगह मिलेगी। प्रदेश प्रभारी ने पुरानी कार्यकारिणी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पहले की कार्यकारिणी में एक हजार पदाधिकारी शामिल थे। सिर्फ पद लेकर घर पर बैठे थे, अब सिर्फ काम करने वालों को जिम्मेदारी मिलेगी। प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी लगातार बैठकर कर रही है। नई कार्यकारिणी को लेकर मंथन किया जा रहा है।
युवा को ज्यादा मौक देने पर जोर
कांग्रेस प्रदेश में युवाओं को आगे करना चाहती है। इसलिए प्रदेश कार्यकारिणी में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा जगह देने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं पूर्व में हुई कांग्रेस की राजनैतिक मामलों की बैठक में निर्णय हुआ है कि संगठन को और अधिक मजबूत बनाया जाएगा। राजनैतिक एवं वैचारिक प्रतिबद्वता से संबंध रखने वाले कांग्रेसजनों को संगठन में स्थान दिया जाएगा। मोर्चा संगठनों को और अधिक प्रभावी और गतिशील बनाने और सक्रियता के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। संगठन के प्रत्येक स्तर बूथ, सेक्टर, मंडलम, ब्लाक और जिला स्तर पर अधिक से अधिक सक्रिय और राजनैतिक, सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं की भागीदारी की जाएगी। सेवादल द्वारा प्रदेश भर में ब्लाक स्तर पर पार्टी की गतिविधियों और कांग्रेस पार्टी से लोगों को अधिक से अधिक से अधिक जोडऩे के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम पुन: प्रारंभ किए जाएंगे।
कार्यकारिणी को लेकर घमासान जारी
प्रदेश में कांग्रेस को विधानसभा में मिली हार के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए जीतू पटवारी नई कार्यकारिणी बनाने के लिए लगातार मंथन कर रहे हैं। काफी समय बीत गया है, लेकिन अभी तक कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया है। लगातार प्रदेश और दिल्ली में हुई बैठक के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि अगस्त माह में ही कार्यकारिणी की घोषणा कर दी जाएगी लेकिन अब ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। कार्यकारणी के लिए कार्यकर्ताओं को अभी इंतजार करना होगा। दरअसल, कार्यकारिणी गठन को लेकर गुरुवार को भोपाल पहुंचे प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जितेंद्र सिंह ने कहा कि काम करने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी में जगह मिलेगी। जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं के नामों पर विचार किया जा रहा है। पूरे समय पार्टी के लिए काम करने वालों को कार्यकारिणी में जगह मिलेगी। प्रदेश प्रभारी ने पुरानी कार्यकारिणी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले की कार्यकारिणी में एक हजार पदाधिकारी शामिल थे। सिर्फ पद लेकर घर पर बैठे थे, अब सिर्फ काम करने वालों को जिम्मेदारी मिलेगी। इधर, कमलनाथ और नकुलनाथ के इशारे पर छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिले की कार्यकारणी भंग कर दी गई है। जानकारी के अनुसार इसकी जानकारी पीसीसी चीफ को नहीं दी गई है। इसे लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।
नामों पर आम सहमति नहीं बन पा रही
सूत्रों का कहना है कि मप्र में कांग्रेस नेता बीते कई महीनों से पीसीसी के गठन का दावा कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश पदाधिकारियों के नामों पर ही आम सहमति नहीं बन पा रही है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में देश के कई राज्यों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन मप्र में सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। इसका बड़ा कारण प्रदेश में संगठन में हुआ बिखराव और नेताओं का दल बदल भी बताया जा रहा है। अब नए सिरे से संगठन खड़ा करने की कवायद जारी है। नई टीम के गठन में हो रही देरी के बीच कांग्रेस में बैठकों का दौर जारी है। बैठकों के जरिए पार्टी कमजोर कड़ी तलाशने में जुटी हुई है। पार्टी सूत्रों की मानें तो पीसीसी चीफ नई टीम को लेकर एक सूची पार्टी हाईकमान को सौंप चुके हैं। नई टीम में सौ के करीब पदाधिकारी होंगे। इस सूची को लेकर दिल्ली में चर्चा भी हुई, लेकिन वरिष्ठ नेताओं की अपत्ति के बाद इसे जारी नहीं किया जा सका। अब वरिष्ठ से भी नाम लिए जा रहे हैं।