इंफाल। मणिपुर, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, आज जातीय हिंसा की आग में झुलस रहा है। पिछले साल तीन मई को चुराचांदपुर में शुरू हुई हिंसा ने राज्य के हर कोने को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया। यहां की हरी-भरी वादियां और शांत झीलें अब भय और अनिश्चितता की गवाह बन चुकी हैं। कुकी और मैतई समुदायों के बीच संघर्ष ने राज्य के हर कोने को प्रभावित किया है, और इससे न केवल यहां के लोगों के जीवन को, बल्कि उनके दिलों को भी गहरा आघात पहुंचाया है। एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि हिंसाग्रस्त मणिपुर में एक पुलिस थाने और विधायकों के आवासों पर हमले के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि इंफाल पश्चिम जिले के पटसोई पुलिस थाना क्षेत्र के कियाम ममांग लेईकाई के रहने वाले 20 वर्षीय चोंगथम थोइचा को 16 नवंबर को निर्वाचित प्रतिनिधियों की संपत्तियों में आगजनी के सिलसिले में गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, 27 नवंबर को काकचिंग पुलिस थाने और कर्मियों पर हमला करने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया।