जबलपुर (जयलोक)
आज 17 सितम्बर से स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा की शुरुआत हो चुकी है। इसी दिन भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेन्शन सेंटर में समारोह हुआ, इस समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सभी जिला हॉस्पिटल में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का शुभारंभ किया। इसके साथ ही शहर में भी जन औषधि केन्द्र का शुभारंभ किया गया। इसका मुख्य लक्ष्य लोगों को सस्ती और अच्छी क्वालिटी की जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध करवाना है। जन औषधि केंद्र की शुरूआत लोगों को बेहतर हेल्थ सर्विसेज देने की तरफ एक बड़ा कदम है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन से शुरू हो रहे स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के पहले दिन जिला चिकित्सालय में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों का शुभारंभ हुआ। राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे अंर्तराष्ट्रीय इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर से इसका वर्चुअल उद्घाटन किया। जिला चिकित्सालय के प्रवेश द्वार पर खोले गए इस जन औषधि केन्द्र का संचालन जिला रेडकॉस सोसायटी द्वारा किया जाएगा। यहां जरूरतमंदों और गरीब तबके के लोगों को सस्ती और अच्छी दवा मिल सकेगी। कार्यक्रम में राज्यसभा सदस्य सुमित्रा बाल्मीकि, विधायक अशोक रोहाणी, संतोष बरकड़े, नीरजसिंह, अभिलाष पांडे,कलेक्टर दीपक सक्सेना, डॉ. जितेन्द्र जामदार, सौरभ बड़ेरिया (उपाध्यक्ष रेडक्रास) आदि मौजूद रहे। इस दौरान सुमित्रा बाल्मीक ने कहा कि गरीबों की सेवा करने का यह एक अच्छा तरीका है। वहीं विधायक अशोक रोहाणी ने कहा कि रांझी में भी दो जन औषधी केन्द्र खोले गए हैं जिनमें जरूरतमंदों को सस्ती दवा मिल सकेगी। गरीबों के लिए यह औषधी केन्द्र काफी उपयोगी साबित होगा। 2008 में जन औषधि केन्द्रों की शुरुआत हुई थी, वर्तमान में इस योजना के तहत देश में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं। अकेले मध्यप्रदेश के जिलों में 500 से अधिक जन औषधि केंद्र अब चलाए जा रहे हैं। औषधि केन्द्र न केवल गांवो में बल्कि शहरों में भी ये खोले गए हैं, इससे रोजाना हजारों लोगों को फायदा होगा।
कम पैसे में अच्छी दवाई
इन केंद्रों पर आपको जेनेरिक दवाइयां मिलेंगी जो ब्रांडेड दवाइयों की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती होंगी। अब आप कम पैसे में अच्छी दवाइयां खरीदने का अवसर मिलेगा। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए है जिनके पास पैसे की कमी है, ताकि वे भी सस्ती दवाइयों का लाभ उठा सकें।
रोजगार को बढ़ावा
सस्ती दवाइयां मिलने से शुगर, ब्लड प्रेशर और हार्ट की बिमारी वाले लोग अपना इलाज जारी रख सकेंगे। इन केंद्रों के जरिए लोगों को जेनेरिक दवाइयों की क्वालिटी के बारे में पता चलेगा। जन औषधि केंद्र को चलाने के लिए फार्मासिस्ट और अन्य स्टाफ की जरूरत होगी, इससे स्थानीय स्तर पर नए रोजगार के मौके मिलेंगे।