स्टेमफील्ड के मधुरानी जायसवाल, पर्व जायसवाल, ज्ञान गंगा के दयाचंद्र जैन, सैंट अलॉयसिस के फादर विल्सन, लिटिल वल्र्ड तिलवारा के फरार पदाधिकारी और फरार पुस्तक विके्रताओं सबकी हो रही सूची तैयार
जबलपुर (जयलोक) करोड़ों रुपए की फीस वसूली का घोटाला करने वाले शहर के नामचीन स्कूलों के बड़े-बड़े नाम वाले संचालक पुलिस से भागते फिर रहे हैं। अब इन फरार आरोपियों को पकडऩे के लिए पुलिस ने इन पर इनाम घोषित करने की तैयारी कर रही है। 11 स्कूलों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर में कुल 51 आरोपी बनाए गए हैं। इनमें से 21 जेल में है 30 फरार हैं।
फरार आरोपियों में विजयनगर में स्थित स्टेम फील्ड स्कूल अध्यक्ष मधु रानी जायसवाल, निर्देशक पर्व जायसवाल, चैतन्य टेक्नो स्कूल धनवंतरी नगर के अध्यक्ष संजीव गर्ग प्राचार्य और सचिन जी रविंदर एडवाइजर सीएस विश्वकर्मा, सैंट अलॉयसियस स्कूल पॉलीपाथर के मैनेजर फादर एसजी विलियम्स, प्राचार्य ज्ञान गंगा आर्केड इंटरनेशनल स्कूल के अध्यक्ष दया चंद्र जैन, उपाध्यक्ष विनिराज मोदी, सैंट अलॉयसियस सीनियर सेकेंडरी स्कूल सदर के प्राचार्य सीबी जोसफ़ , सेंट अलॉयसियस रिमझा के मैनेजर प्राचार्य फादर जॉन वॉल्टर, सेके्रटरी फादर तथा पुस्तक विके्रता फरार बुक डिपो संचालक सहित अन्य जो भी इस मामले में फरार है।पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने जल्द ही इनके ऊपर इनाम घोषित करने की बात कही है। आज या कल में ही इनके ऊपर इनाम घोषित हो जाएगा।
विदेश गए तो वहीं अटक गए – बच्चों के अभिभावकों को लूटकर करोड़ों रुपए की अतिरिक्त फीस का घोटाला करने और फर्जी किताबों के जरिए मोटा कमीशन लेकर अपनी तिजोरी भरने वाले कुछ स्कूल संचालक वर्तमान में विदेश यात्रा पर हैं। पुलिस ने जब इन स्कूल संचालकों की खिलाफ एफआईआर दर्ज की तो उस वक्त यह विदेश में थे और इस बात की जानकारी लगने के बाद अब विदेश में ही अटक गए हैं और खुद को बचाने के लिए वहीं से हाथ पांव मार रहे हैं। लेकिन इनाम घोषित होने के बाद उनके फरार होने की जानकारी राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रेषित कर दी जाएगी।
जल्द ही अन्य स्कूलों पर भी दर्ज होगी एफआईआर -कलेक्टर दीपक सक्सेना के समक्ष जब शिक्षा माफिया से जुड़े लोगों की शिकायतें आना प्रारंभ हुई तो इसकी जद में कुल 75 स्कूलों के खिलाफ लिखित शिकायतें सामने आईं। सभी शिकायतों पर जाँच की कार्यवाही जारी है। प्रारंभिक चरण में जिन 11 स्कूलों के खिलाफ जाँच पूर्ण होकर इस निष्कर्ष पर पहुँचा गया कि घोटाला हुआ है और इसके सबूत सामने आए थे तो उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करवा दिए गए। अब अन्य स्कूलों की जाँच तेजी से की जा रही है उनसे संबंधित दस्तावेजों को भी जप्त किया गया है। जिनका अध्ययन किया जा रहा है जल्द ही अन्य स्कूलों के खिलाफ भी पुख्ता सबूत तैयार कर एफआईआर दर्ज की जाएगी।