गाजीपुर बॉर्डर पर 2 घंटे तक रुके, कहा-6 दिसंबर को फिर जाएँगे
दिल्ली/ संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा के बाद बुधवार को वहां पीडि़त परिवारों से मिलने जा रहे राहुल और प्रियंका गांधी को गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने रोक लिया। बैरिकेडिंग कर दी। गुस्साए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। राहुल ने भी अफसरों से बातचीत की। कहा- मैं पुलिस की गाड़ी में अकेले जाने को तैयार हूं। लेकिन अफसर राजी नहीं हुए। राहुल-प्रियंका 2 घंटे तक गाजीपुर बॉर्डर पर रुके रहे, लेकिन अफसरों ने उन्हें आगे नहीं बढऩे दिया। राहुल गांधी हाथ में संविधान लेकर कार पर चढ़ गए। मीडिया को संबोधित किया। इसके बाद राहुल-प्रियंका दिल्ली लौट गए। उन्होंने कहा- अब 6 दिसंबर को संभल जाएंगे। संभल में कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर को जामा मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था। इस दौरान हिंसा भडक़ गई थी, जिसमें गोली लगने से चार युवकों की मौत हो गई थी।
इससे पहले, शनिवार को सपा और रविवार को कांग्रेस के डेलिगेशन ने भी संभल जाने का ऐलान किया था। हालांकि, पुलिस ने जगह-जगह घेराबंदी करके किसी को संभल नहीं जाने दिया।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राहुल और प्रियंका गांधी को संभल जाने से रोके जाने पर कहा- यह अन्याय है, एक जनप्रतिनिधि को यह अधिकार है कि अगर कोई बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है तो वह उसे जाकर देखे, लोगों की आवाज सुने।
कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने कहा- पुलिस ने हमसे कहा कि 4-5, 6 दिन बाद संभल जाने की अनुमति देंगे। उन्होंने जानबूझकर यातायात को रोका। वे नहीं चाहते कि हम लोग संभल जाएं।
यूपी पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है
प्रियंका गांधी ने कहा- राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, उनका संवैधानिक अधिकार है, उन्हें इस तरह से रोका नहीं जा सकता। उनका संवैधानिक अधिकार है, उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए कि वो पीडि़तों से मिलने जाएं। उन्होंने ये भी कहा कि वह यूपी पुलिस के साथ अकेले चले जाएंगे, लेकिन पुलिस इस पर भी राजी नहीं हुई।
यह संविधान को नष्ट करने वाला भारत
राहुल गांधी ने कहा- हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस इजाजत नहीं दे रही है। विपक्ष के नेता के तौर पर जाना मेरा अधिकार है, फिर भी वे मुझे रोक रहे हैं। मैंने कहा कि मैं अकेले जाने को तैयार हूं, मैं पुलिस के साथ जाने को तैयार हूं, लेकिन वे इस पर भी राजी नहीं हुए। अब वे कह रहे हैं कि अगर हम कुछ दिनों में वापस आते हैं, तो वे हमें जाने देंगे। यह विपक्ष के नेता के अधिकारों के खिलाफ है, उन्हें मुझे जाने देना चाहिए। यह संविधान के खिलाफ है, हम सिर्फ संभल जाना चाहते हैं, लोगों से मिलना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि वहां क्या हुआ। मुझे मेरे संवैधानिक अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं। यह नया भारत है, यह संविधान को नष्ट करने वाला भारत है, हम लड़ते रहेंगे।