इंदौर/ भोपाल (जय लोक)। सन 2017 में ग्राम पंचायत का एक कर्मचारी स्वास्थ्य खराब होने के कारण एक दिन अपने कार्य से गैर उपस्थित हो गया था। तत्कालीन कलेक्टर और अपर कलेक्टर ने इस बात को शासकीय कार्य में कदाचरण बताते हुए उसे हटा दिया था उसकी सेवा समाप्त कर दी थी। इस मामले को लेकर फरियादी ने इंदौर उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी। याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह निर्देश दिए थे कि उसकी सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त किया जाता है और उसका 50 फ़ीसदी पुराना वेतन भी भुगतान शासन द्वारा किया जाएगा। लेकिन इसके बावजूद भी न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं हुआ। शासन की ओर से इस आदेश के विरुद्ध अपील प्रस्तुत की गई थी जो की पूर्व में ही खारिज हो चुकी है। उसके बावजूद भी आदेश का पालन नहीं होने पर उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्कालीन धार जिले के कलेक्टर आईएएस प्रियंक मिश्रा एवं अपर कलेक्टर और तत्कालीन जिला पंचायत के सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश दिए हैं। उच्च न्यायालय इंदौर में याचिकाकर्ता मिथुन चौहान की ओर से उनके अधिवक्ता प्रसन्न भटनागर ने यही याचिका दायर की थी और बताया था कि 2017 में मिथुन ग्राम पंचायत नालछा में रोजगार योजना सहायक के पद पर पदस्थ था। अचानक स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण वह 1 दिन काम पर नहीं गया। इसी बात को लेकर तत्कालीन कलेक्टर निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ ने उसकी सेवाएं समाप्त करते हुए तत्काल प्रभाव से हटा दिया था।
याचिकाकर्ता ने उसके तत्काल बाद ही अपील की थी जो ख़ारिज हो गई। 2019 में रिट पिटिशन लगाई गई जिसमें सनी के पश्चात 22 अगस्त 2023 को न्यायालय ने आदेश दिया कि उसकी सेवा समाप्ति के आदेश को समाप्त किया जाता है और उसे पुराने समय का 50त्न वेतन भुगतान भी किया जाएगा। लेकिन लम्बे समय के बाद भी आदेशों का पालन नहीं होने के बाद कोर्ट ने अधिकारियों के खिलाफ सकती दिखते हुए यह आदेश पारित किया है।