लोधी समाज बनाम काँग्रेस का बनता जा रहा मामला
जबलपुर (जय लोक)। इन दिनों प्रदेश और विशेष कर महाकौशल की राजनीति में वरिष्ठ भाजपा नेता और कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल का एक बयान और उसको लेकर निर्मित किया गया विरोध का ताना बाना चर्चा में बना हुआ है। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे सब से सर्वाधिक पूछे जाना वाला सवाल यही है कि आखिर प्रहलाद पटेल के पीछे कौन पड़ा है? कौन है जो इस पूरे मुद्दे को राजनीति का गहरा रंग दे रहा है? इस पूरे मुद्दे से सुलगाये गए बयानबाजी के अंगारों को हवा दे दे कर कौन भडक़ा रहा है। आखिर क्यों इस पूरे मुद्दे को एक समाज से जोडक़र देखा जा रहा है। चर्चा में यह बात भी है कि आखिर जो बयान कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल ने स्वजातीय बंधुओं के सामाजिक मंच पर दिया था उसे राजनैतिक चादर क्यों उढ़ा दी गई है। वर्तमान में यह पूरा मामला रोज अपने अलग अलग रंग ले रहा है अलग अलग अर्थों में नजर आ रहा है।
लोधी समाज मैदान में
लोधी समाज के लोग अब अपने नेता के बचाव में सडक़ों पर उतर आए हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर गलत बयान बाजी कर इस पूरे मामले को गलत दिशा देने के आरोप लगाते हुए उनके पुतले जलाये जा रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस ने इस पूरे मुद्दे पर भाजपा के वरिष्ठ नेता के नाम पर पूरी बीजेपी को घेरने का काम शुरू कर दिया है। पूरे प्रदेश भर में कांग्रेस कमेटी के आवाहन पर कैबिनेट मंत्री के इस भिखारी वाले बयान को लेकर पुतले दहन कर विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं।
पूरा विवाद जो मचा है वह यह है कि कैबिनेट मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने सामाजिक कार्यक्रम के दौरान अपने समाज के लोगों को प्रेरणा देने के उद्देश्य कड़े शब्दों में कहा था कि उन्हें किसी के सामने भिखारी की तरह अपनी मांगे रखने के बजाय स्वावलंबी बनने की ओर अधिक प्रयास करना चाहिए। मंत्री प्रहलाद पटेल बाद में बात का स्पष्टीकरण भी दे चुके हैं कि उनका कठोर शब्दों का उपयोग करने का उद्देश्य केवल अपने समाज के लोगों को स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित करने का था।
मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी कहा है कि कांग्रेस ने इस पूरे मुद्दे को लेकर गलत बयान बाजी का आधार बनाकर भ्रम फैलाने का काम किया है और जनता जनार्दन से इस बात को जोडक़र अर्थ का अनर्थ निकालने का प्रयास किया जा रहा है। इस पूरे आंदोलन और घटनाक्रम पर अगर बारीकी से नजर डाली जाए तो यह बात स्पष्ट होती है कि शब्दों को पकड़ कर इसका राजनीतिकरण करने वालों ने इस पूरे मसले को विवाद के रूप में जन्म दिया है। कांग्रेस ने अपने प्रादेशिक नेताओं से वरिष्ठ भाजपा नेता को घेरने के लिए एक साथ विरोधी बयान देने और निंदा करने की रणनीति बनाई है। पूरे प्रदेश में मंत्री के बयान को लेकर विरोध प्रदर्शन पुतला दहन के कार्यक्रमों का आवाहन कांग्रेस ने किया है।
दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसे भाजपा के नेता जो वरिष्ठ भाजपा नेता प्रहलाद पटेल के गुट के नहीं है, यह इष्र्या भाव से ग्रसित हैं वह भी इस पूरे मुद्दे से सुलगाये गए बयानबाजी के अंगारों को हवा देने के लिए फुंकनी से अपना मुंह हटा ही नहीं रहे हैं। बहुत से स्थानों पर तो यह भी देखने को मिल रहा है कि भाजपा और कांग्रेस के ऐसे नेताओं की संगामित्तति से आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करवाया जा रहा है। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी वरिष्ठ राजनीतिक व्यक्तित्व के पीछे इस प्रकार से विरोधियों का प्रहार सामने आया हो, लेकिन इस राजनीतिक घटनाक्रम में सबसे ज्यादा दिलचस्पी इसी बात पर है कि आखिर विरोध करने वाले जो दिख रहे हैं वह तो ठीक है लेकिन परदे के पीछे कौन लोग हैं यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
भीख माँगने के बयान पर गर्मायी शहर की राजनीति
अब कांगे्रस कार्यकर्ताओं ने घेरा मंत्री प्रहलाद पटेल का घर
जबलपुर (जयलोक)। मध्य प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल द्वारा भीख मांगने के बयान को लेकर शहर की सियासत गर्मा गई है। इस मामले में जहां प्रहलाद पटेल द्वारा उनके इस बयान को तोड़मरोडक़र पेश करने का आरोप लगाया गया है तो वहीं कांगे्रस कार्यकर्ता इस मामले को हवा दे रहे हैं। इसी कड़ी में आज कांगे्रस कार्यकर्ताओं ने साईं पैलेस बारात घर के पास शक्ति नगर सैनिक सोसायटी में स्थित मंत्री प्रहलाद पटेल के घर का घेराव किया। युवा कांगे्रस के अध्यक्ष विजय रजक ने बताया कि प्रहलाद पटेल के द्वारा दिया गया इस प्रकार का बयान निंदनीय है। प्रदेश स्तर के मंत्री को इस तरह का बयान शोभा नहीं देता। जिस को मंत्री प्रहलाद पटेल भीख मांगना कह रहे हैं वह गरीबों का हक है। भाजपा ने चुनाव से पूर्व जनता से बड़े बड़े वादे किए थे और चुनाव जीतने के बाद जब इन वादों को पूरा करने का समय आया तो ये अब भीख मांगने जैसे बातें कर रहे हैं। जिसको लेकर विजय रजक सहित कांगे्रसी कार्यकर्ताओं ने आज प्रहलाद पटेल के घर का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि प्रहलाद पटेल को अपने दिए गए इस बयान के लिए जनता से माफी माँगना चाहिए।
बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष का अनोखा प्रदर्शन, कांग्रेस विधायक सांप लेकर विधानसभा पहुँचे
