जबलपुर (जयलोक)। खमरिया क्षेत्र में पिछले कई दिनों से अपने परिवार के साथ मादा तेंदुआ विचरण कर रही है। कई बार मादा तेंदुए को देखा गया लेकिन जब वन विभाग की टीम पहुँची तो उसे हमेशा की तरह मादा तेंदुआ नहीं मिला। लेकिन आज अचानक मादा तेंदुआ ने ओएफकेकर्मी पर हमला कर दिया। जिससे ओएफके कर्मचारियों में हडक़ंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि मादा तेंदुआ यहां अपने दो शावकों के साथ देखी गई है। आज सुबह हुए इस घटनाक्रम में फैक्ट्रीकर्मी की आवाज सुनकर मादा तेंदुआ भाग निकली। इधर घायल कर्मचारी को इलाज के लिए खमरिया अस्पताल ले जाया गया। हालांकि कर्मचारी को ज्यादा चोटें नहीं पहुँची है जिसके बाद उसे अस्पताल से घर भेज दिया गया। इस घटना के बाद फैक्ट्रीकर्मियों में डर का माहौल बना हुआ है।
घटना आज सुबह दस बजे आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) की बताई जा रही है। आज सुबह कर्मचारी सुबोजित रॉय रोज की तरह एफ-6 में काम कर रहा था। इसी बीच वह पास ही विस्फोट व अन्य सामग्री रखने वाली मैग्जीन के पास पहुँचे। तभी वहाँ पहले से मौजूद मादा तेंदुए ने कर्मचारी पर हमला कर दिया। मादा तेंदुए ने कर्मचारी के पैर पर हमला किया। गनीमत तो यह रही कि आसपास और भी कर्मचारी मौजूद रहे, जिन्होंने आवाज सुनकर तुरंत ही तेंदुए को भगाने का प्रयास किया जिससे कर्मचारी सुबोजित रॉय को ज्यादा चोटें नहीं पहुँची हैं।
दो शावकों के साथ कर रही थी आराम से
कहा जा रहा है कि जिस जगह पर तेंदुए ने कर्मचारी पर हमला किया वहां मादा तेंदुए कई दिनों से अपने दो शावकों के साथ रह रही है। इसी बीच कर्मचारी वहां पहुँच गया जिसे देखकर मादा तेंदुआ ने बच्चों को सुरक्षित करने के लिए कर्मचारी पर हमला कर दिया।
चक्कर से गिरा कर्मचारी
फैक्ट्री कर्मचारियों का कहना है कि जिस वक्त मादा तेंदुए ने कर्मचारी सुबोजित पर हमला किया उस समय जैसे तैसे कर्मचारी ने खुद को तेंदुए से बचा लिया। लेकिन अचानक हुए तेंदुए के हमले से कर्मचारी का बीपी लो हो गया और वह भागते भागते बीच रास्ते में ही गिर गया। जिसे तत्काल ही प्राथमिक उपचार दिया गया। कर्मचारी पर हुए हमले की सूचना मिलते ही मौके पर ओएफ के सुरक्षा विभाग का अमला और अधिकारी भी पहुंच गए। जिसके बाद देखा गया कि हमले वाले स्थान पर दो तेंदुए के बच्चे भी मौजूद हैं। जिसके बाद निर्माणी प्रशासन ने तत्काल ही वन विभाग को सूचना दी।
पहली बार हुई ऐसी घटना
फैक्ट्री कर्मचारियों का कहना है कि कई बार फैक्ट्री के आसपास तेंदुए की चहलकदमी देखी गई है। तेंदुए की मौजूदगी के भी निशान मिले हैं। लेकिन कभी भी तेंदुए ने किसी कर्मचारी पर हमला नहीं किया। यह इस प्रकार का पहला घटनाक्रम है जब तेंदुए ने कर्मचारी पर हमला किया हो।
पहली बार हमला किया
ओएफ के में तेंदुओं की मौजूदगी अक्सर बनी रहती है, लेकिन किसी कर्मचारी पर तेंदुए ने हमला अभी तक नही किया था। संभवत: यह पहला मामला होगा, जब निर्माणी में मौजूद तेंदुए ने किसी कर्मचारी पर हमला किया हो। वन परिक्षेत्र अधिकारी जबलपुर अपूर्व शर्मा ने बताया कि ओएफके में बच्चों के साथ मादा तेंदुए के देखे जाने की सूचना मिली थी, रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया है।
वन विभाग की टीम पहुँची
तेंदुए की मौजूदगी की सूचना मिलते ही ओएफके में वन विभाग की टीम मौके पर पहुँच गई। जो आसपास नजरें बनाए हुए हैं साथ ही ओएफके में कार्यरत कर्मियों को भी सतर्क रहने की नसीहत दी गई है।
कर्मचारियों में भय का माहौल
तेंदुए के हमले से घायल हुए साथी कर्मचारियों को देखकर अन्य कर्मचारियों में डर का माहौल बना हुआ है। उनका कहना है कि एक तो पहले से ही एफ सेक्शन में कार्य करके उनकी जान को खतरा बना हुआ है। इसके बाद अब तेंदुए का भय भी उन्हें सता रहा है।
दीवार फांदकर फैक्ट्री में घुसी थी मादा तेंदुआ
फैक्ट्री कर्मचारियों का कहना है कि मादा तेंदुआ यहां कई दिनों से रह रही है। वह दीवार फांदकर फैक्ट्री के अंदर घुसी है। यहां वह अपने दो शावकों के साथ रह रही थी। कई बार उसे देखा गया लेकिन अभी तक उसने किसी पर हमला नहीं किया। पहली बार हमला करने का कारण उसके शावकों की सुरक्षा बताई जा रही है।
25 से 30 तेंदुए हंै इस कॉरिडोर में
भोजन की उपलब्धता, छिपने की पर्याप्त जगह, सुरक्षित पर्यावरण यहां पर हर वह चीज उपलब्ध है जो एक तेंदुए के परिवार को बढ़ाने के लिए जरूरी होती है। बात हो रही है खमरिया फैक्ट्री, एक्सप्लोसिव डिपो, सीता पहाड़, सेंट्रल आर्डिनेंस डिपो से लेकर शोभापुर और डुमना वैली के पूरे जंगलों की। वन्य प्राणी विशेषज्ञ मनीष कुलश्रेष्ठ का कहना मूल रूप से यह पूरा इलाका तेंदुए का प्राकृतिक आवास ही रहा है। एक समय था जब बांधवगढ़ से कुंडम, अमझर घाटी, एलपीआर से होते हुए यह सब जबलपुर के जंगलों से मिलकर एक पूरा कॉरिडोर बनाते थे जहां पर बड़ी संख्या में तेंदुआ सहित अन्य वन्य जीवों का आवागमन होता था। लेकिन नहर बन जाने के कारण और आगे चलकर पोल्ट्री फार्म और के्रशर खुल जाने के कारण यह कॉरिडोर टूट गया। वर्तमान में खमरिया का जंगल तेंदुए के लिए उपयुक्त स्थान है और प्रजनन के लिए सुरक्षित भी है। सामान्यत: तेंदुआ बहुत शर्मीला और आदमियों से दूर रहता है। फैक्ट्री कर्मचारी पर अचानक यह हमला कैसे हुआ इसके विभिन्न कारण होंगे जो जाँच में सामने आएंगे।
मनीष श्रेष्ठ, वन्य प्राणी विशेषज्ञ
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