कई राज्यों में दिया ठगी की वारदातों को अंजाम
जबलपुर (जयलोक)। हाल ही में खुद को पुलिसकर्मी बताकर महिला के सोने के जेवर लेकर चंपत होने वाले ठग गिरोह के सदस्यों को पकडऩे के लिए पुलिस महाराष्ट्र पहुँची लेकिन यहाँ पुलिस के पहुँचने से पहले ही ठग गिरोह के सदस्य भागने में सफल रहे। वहीं मौके से पुलिस ने 14 लाख रूपये के सोने चाँदी के जेवर बरामद किए हैं। आरोपियों के संबंध में पुलिस को कई चौकाने वाली जानकारियाँ मिली है। गिरोह के सदस्य अपने साथी के साथ मिलकर कई महिलाओं को इस तरह ठगी का शिकार बनाया है।
कोतवाली और केंट में की ठगी
आरोपियो ने शहर के कोतवाली और केंट थाना क्षेत्र में ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। यहां खुद को पुलिसकर्मी बताकर लूट की आशंका जताते हुए गहनें उतरावा लिए। फिर इन गहनों को पुडिय़ा में बांधकर नकली जेवर थमा दिए। पुलिस इस गिरोह के सदस्यों को पकडऩे में कई दिनों से लगी थी। जिसमें पुलिस को कुछ सफलता भी मिली है।
मुख्य आरोपी फरार
पुलिस के छापे की खबर आरोपियों तक पहुँच गई, जिससे वे पहले ही फरार हो गए। मुख्य आरोपी अमजद अली ईरानी और (चिन्ना ) मोहम्द अली फरार होने में सफल रहे, लेकिन पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
महाराष्ट्र के नंदुरा में कार्रवाही
मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने महाराष्ट्र के नंदुरा (जिला बुलढाणा) में आरोपियों को पकडऩे के लिए यह छापा मारा है। पुलिस को मौके से 14 तोला सोना बरामद करने में सफलता मिली। आरोपियों के संबंध में पुलिस और भी जानकारी हासिल कर रही है। पुलिस ने आरोपियों को पकडऩे के लए अपना मुखविर तंत्र सक्रिय किया था। जिसमें पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी महाराष्ट्र के नंदुरा में छुपे हुए हैं। सूचना मिलते ही आरोपियों को पकडऩे के लिए टीम रवाना हुए।
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में ठगी
पुलिस को जाँच में यह जानकारी मिली है कि अब तक आरोपियों ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। गिरोह के सदस्य कई राज्यों में फैले हुए हैं। अपनी लोकेशन बदल बदलकर गिरोह के सदस्य ठगी की वारदातों को अंजाम देते आ रहे हैं।
महिलाएँ रहती थीं निशाना पर
गिरोह के निशाने पर अक्सर महिलां ही रहती थीं। महिलाओं को अपनी बातों के जाल में फँसाकर गिरोह के सदस्य उनके जेवर लेकर भाग जाते थे। आरोपियों के निशाने पर महिलाओं के साथ साथ बुजुर्ग महिलाएँ रहती थीं। जिन्हें मंदिर या बाजार आते जाते समय आरोपी रोक लेते थे।
यह रहता है तरीका
गिरोह के सदस्य खुद को पुलिसकर्मी बताकर महिलाओं को लूट या चोरी की वारदात बताकर डराया करते हैं। वे महिलाओं को यह कहते थे कि शहर में अपराध बढ़ गए हैं, जमान बहुत खराब है, आपके गहने सुरक्षित नहीं हैं। इसके बाद वे सुरक्षा के बहाने महिलाओं से उनके सोने-चांदी के गहने उतरवा लेते और एक पेपर की पुडिय़ा में रखकर उन्हें वापस कर देते थे। जब महिलाएं उस पुडिय़ा को खोलती थीं, तो उसमें सिर्फ पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े मिलते थे।
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