पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह करवा रहे जाँच
जबलपुर (जयलोक)
इस बार त्यौहारों पर डीजे वालों ने पुलिस की समझाइश और सुप्रीम कोर्ट के आदेश होने के बावजूद भी मनमानी करते हुए नियम और कानून का मजाक उड़ाया और हर स्थान पर ना तो समय सीमा की पाबंदी नजऱ आई और ना ही साउंड बॉक्स का प्रतिबंध नजऱ आया। पूर्णत: प्रतिबंध के बावजूद भी डीजे पर कहीं भी रोक नहीं लगी।
पुलिस ने त्यौहारों के पूर्व ही सभी डीजे संचालकों को अलग-अलग स्तर पर बैठक आयोजित कर सुप्रीम कोर्ट के निदेर्शों से अवगत कराया था और कोलाहल अधिनियम के नियम कायदों से भी परिचित करवाते हुए पूरी जानकारी दी थी। यहां तक की पुलिस ने डीजे संचालकों से बाउंड ओवर भी भरवा लिए थे कि वह सभी प्रकार के नियम कानून का पालन करेंगे एवं सुप्रीम कोर्ट के निदेर्शों का भी पूर्ण रूप से पालन करेंगे। लेकिन इसके बावजूद भी पूरे शहर भर में डीजे संचालकों ने मनमानी की और कोर्ट के आदेशों की धज्जियां डीजे की तेज आवाज में उड़ती हुई साफ नजर आईं।
अभी हाल ही में प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ही दिन में पुलिस ने 91 डीजे संचालकों के खिलाफ कार्यवाही की है जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया था और पुलिस द्वारा विभिन्न बैठकों में दी गई समझाइश को भी नहीं माना था।
जबलपुर पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है। जय लोक से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिन डीजे संचालकों ने बाउंड ओवर तोड़ा है और नियमों का पालन नहीं किया उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किए जाएंगे।
बुजुर्गों और दिल के मरीजों के लिए घातक साबित हो रहा डीजे
किसी भी त्यौहार के पूर्व में बड़े-बड़े साउंड बॉक्सों की दीवार खड़ी कर कर तेज आवाज में शोर मचाने वाले यंत्र को डीजे कहा जाता है। मधुर संगीत निकालने के बजाय यह सिर्फ तेज धमक के साथ इतना तेज हल्ला उत्पन्न करता है कि सामान्य आदमी 10 मिनट तक भी किसी डीजे के सामने खड़ा नहीं हो सकता। बुजुर्गों और दिल के मरीजों के लिए इन दिनों डीजे की घबरा देने वाली आवाज जानलेवा साबित हो रही है। भोपाल में एक 13 साल के बच्चे जिसके दिल में छेद था की मौत डीजे की तेज आवाज के कारण हो गई। चिकित्सकों ने बताया कि डीजे की तेज आवाज के कारण दिमाग पर जो असर पड़ा उससे दिल की धडक़न तेज हो गई और यह दुखद घटना घटित हो गई।
सिर्फ दो साउंड बॉक्स लगाने की रहती है अनुमति
कोलाहल अधिनियम के अनुसार भी जो नियम बने हुए हैं उसके अनुसार किसी भी कार्यक्रम में डीजे के उपयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध है। दो साउंड बॉक्स लगाने की अनुमति दी जाती है उसके बारे में भी यह बहुत स्पष्ट है कि उसके स्पीकर की साइज 12 इंच की होनी चाहिए और उससे निकलने वाली आवाज भी निर्धारित डेसिमल के अंतर्गत होनी चाहिए।
त्यौहारों के पहले पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना प्रभारी से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा ली गई बैठकों में डीजे संचालकों को इन सारी बातों की साफ -साफ हिदायत दी गई थी और कहा गया था कि वह सारे नियम कायदों का पालन करें अन्यथा उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इसी उद्देश्य से नियमों का पालन करवाने के लिए उनसे बाउंड ओवर भी भरवारा गया था।
पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह का कहना है कि जिन लोगों ने बाउंड ओवर तोडऩे का काम किया है ऐसे डीजे संचालकों को चिन्हित कर उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किए जाएंगे।