दीपक मुंजे
(जयलोक) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य जबलपुर में दिनांक 2 मार्च 1936 को स्वयं संघसंस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा प्रारम्भ किया गया। डॉ हेडगेवारजबलपुर में एक विवाह समारोह में भाग लेने आये थे। इस अवसर का उपयोग उन्होंनेसंघ कार्य प्रारम्भ करने हेतु किया। दूसरी बार वे दिनांक 24 मार्च 1939 कोजबलपुर पधारे थे जब उन्होंने संघ शाखा का निरीक्षण किया था। जबलपुर में तीसरी एवं अंतिम बार उनका आगमन 20 अप्रैल 1940 को हुआ था। इस समय वे बिहार में राजगृह नामक स्थान पर अपने उपचार के लिए जाने हेतु गोंदिया से जबलपुर आये थे।
जबलपुर में उन्हें मेल द्वारा गया होते हुआ अपने गंतव्य पर जाना था। इस प्रवासमें उपलब्ध कुछ घंटों का उपयोग उन्होंने संघ कार्यकर्ताओ के साथ चर्चा हेतु किया था।जबलपुर में महाकोशल प्रान्त के पहले प्रान्त प्रचारक के रूप में श्री एकनाथ रानाडे जीका आगमन हुआ था। जबलपुर के पहले विभाग प्रचारक श्री प्रल्हाद नारायणअम्बेकर थे। 1943 में वे अस्वस्थ होने के कारण मेरे पिता श्री मोरेश्वर राघव मुंजे6मोरुभाऊ 8 को जो रायपुर में प्रचारक थे , जबलपुर बुलाया गया। श्री अम्बेकर मास्टर के नाम से जाने जाते थे। मुंजे जी को भी स्वयंसेवक मुंजे मास्टर नामसे बुलाते थे।जबलपुर के प्रथम संघचालक के रूप में स्वयं पूजनीय डॉ हेडगेवार जी ने श्री कुंजीलालदुबे को नियुक्त किया था। पंडित भवानी प्रसाद तिवारी के जेष्ठ भ्राता अधिवक्ता पंडितराम प्रसाद तिवारी नगर कार्यवाह थे। बाद के वर्षो में यह दायित्व अधिवक्ता श्रीरामनन्होरिया और अधिवक्ता केकरे के पास था।जबलपुर में संघ कार्य के सम्बन्ध में सी आई डी की एक रिपोर्ट में संघ कार्य तथातत्कालीन कार्यकर्ताओं का विवरण मिलता है जिसे प्रामाणिक माना जा सकता है।गुप्तचर पुलिस के अनुसार निम्नलिखित व्यक्ति संघ कार्य में उल्लेखनीय थे।सर्वश्री 1 पंडित राम प्रसाद तिवारी 2 श्रीराम ननहोरया 3 मोती शंकर झा 4 प्रल्हादनारायण अम्बेकर 5 बिभाष चंद्र बनर्जी ,6 बिमल चंद्र बनर्जी 7 अनंत राव ठोसर।गुप्तचर प्रतिवेदन के अनुसार उस वर्ष जबलपुर में संघ की आठ शाखायें थी। उनशाखाओं का संचालन निम्न लिखित कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाता था। 1 गोल बाजार – प्रल्हाद नारायण अम्बेकर, 2 दीक्षितपुरा = गोकुल प्रसाद अग्रवाल और अनंतराव ठोसर, 3 तिलक भूमि तलैय्या -नेमि चंद्र जैन और बिभाष चंद्र बनर्जी, 4 हनुमान ताल -रंगलाल सुल्लेरे, 5 घमापुर — सुभाष चंद्र ब्योहार, 6 रॉबर्टसन कॉलेज – कुंजीलाल दुबे , 7 गोरखपुर पूरन सिंह ठाकुर,8 गंजीपुरा – सीताराम विश्वकर्मा । प्रतिवेदन में उपनगर गढ़ा के भी संघ कार्य का विवरण है। प्रतिवेदन के अनुसार यहाँ, स्वयंसेवको की संख्या 100 थी। 8 अगस्त 1942 को गुरुदक्षिणा कार्यक्रम का,आयोजन किया गया था जिसमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवको ने भाग लिया था। गढ़ा मेंसंघ कार्य का दायित्व महाराष्ट्र हाईस्कूल के शिक्षक टेकचंद चौरसिया तथा गढ़ा हिंदी स्कूल के शिक्षक जयराम तेली और शोभाराम तेली निभाते थे।मेरी व्यक्तिगत जानकारी के अनुसार श्री महेश चंद्र वर्मा जो बाद के वर्षो में महर्षिमहेश योगी के नाम से विख्यात हुए 1943 में जबलपुर में संघ के नियमित स्वयंसेवक थे।
लेखक संघ स्वयंसेवक तथा स्वातंत्र्यवीर सावरकर , राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आदि विषयों के जानकर हैं
सन्दर्भ सहायता – ऋषिकेश मुंजे
डाक्टर हेडगेवार और डाक्टर भागवत
डाक्टर केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा संस्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अगले वर्ष अपनी स्थापना की शताब्दी मनाने जा रहा है। जबलपुर के संघ के स्वयंसेवकों के लिए यह गौरव का विषय है कि यहां संघ के कार्य की शुरुआत स्वयं संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार ने की थी। यह संयोग है कि जबलपुर में वर्तमान सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत की उपस्थिति में संघ की स्थापना के शताब्दी समारोह पर मंथन हो रहा है। संघ के जानकार दीपक मुंजे जबलपुर में संघ के इतिहास की जानकारी दे रहे हैं।
सच्चिदानंद शेकटकर
प्रधान संपादक जयलोक