जबलपुर (जयलोक)। जबलपुर 2047 तक आजादी के 110 वे वर्ष में हर क्षेत्र में समृद्ध हो इसके लिए 2047 विजन जबलपुर के लिए सुझाव देने कल कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों की एक बैठक आमंत्रित की गई इस बैठक दैनिक जय लक्खी ओर से भी जबलपुर के विकास से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए यह सुझाव दैनिक जयलोक के प्रधान संपादक सच्चिदानंद शेकटकर तथा संपादक परितोष वर्मा ने दिए।
यह सुझाव दिया गया कि जबलपुर से 15 किलोमीटर दूर के तेवर है जहां कल्चुरी राजाओं की राजधानी त्रिपुरी रही। तेवर के पास बिखरे कल्चुरिकालीन भग्नावशेष आज भी मौजूद हैं जिनकी खुदाई भी हो रही है। तेवर में प्राचीन त्रिपुर सुंदरी देवी का मंदिर है जिसकी देखभाल जिला प्रशासन की समिति करती है। इस मंदिर परिसर का उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर त्रिपुर सुंदरी देवी लोक के निर्माण की एक और वृहद योजना बनाई जाना चाहिए। इसके लिए प्रदेश सरकार से 500 करोड़ रुपए की राशि मांगी जाना चाहिए।
रोपवे बनाया जाए
यह सुझाव भी दिया गया कि मदन महल से संग्राम सागर के बीच में रोपवे लगाने की योजना बनी थी। लेकिन केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने मदन महल किले के पास इसके निर्माण की अनुमति नहीं दी। अत: मदन महल किले के लिए निर्धारित क्षेत्र को छोडक़र अन्य वैकल्पिक स्थल खोज कर इस रोपवे की योजना क्रियान्वित होना चाहिए।
वाटर फॉल्स विकसित हों
शहर में मौजूद वाटर फॉल्स को विकसित कर पर्यटन स्थल विकसित करने का सुझाव भी दैनिक जयलोक द्वारा दिया गया। जबलपुर में भदभदा वाटरफॉल को मिनी भेड़ाघाट के रूप में जाना जाता है इसी तरह लमहेटा घाट में भी एक वॉटरफॉल है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई स्थानों पर वाटरफॉल हैं इन सभी वॉटरफॉलों को आवागमन की दृष्टि से सुविधाजनक बनाया जाना चाहिए ताकि जबलपुर के लिए नए पर्यटन स्थल विकसित हो सकें।
रहवासी क्षेत्रों से हटें ट्रांस्पोटर्स
जबलपुर शहर में चंडाल भाटा और महाराजपुर ट्रांसपोर्ट नगर बनाए गए हैं। लेकिन आज भी शहर के बस्ती क्षेत्र में और बाजार क्षेत्र में ट्रांसपोर्टर का कारोबार संचालित है। जिनके ट्रकों की वजह से आये दिन दुर्घटनायें होती हैं। इन सभी ट्रांसपोर्टर को एक निश्चित समय सीमा में चंडाल भाटा और महाराजपुर ट्रांसपोर्ट नगर में शिफ्ट किया जाना चाहिए ताकि शहर का यातायात व्यवस्थित हो सके। गुरदीप में थोक मार्केट बने, निवाडग़ंज सब्जी मंडी भी नहीं बने। यह सुझाव भी दिया गया कि जबलपुर का गुरंदी बाजार लगभग 13 एकड़ क्षेत्र का है यह बाजार क्षेत्र बुरी तरह से अव्यवस्थित है यहां पर कबाडय़िों के कारोबार भी संचालित हैं अत: कबाडिय़ों के बाजार को लेमागार्डन में शिफ्ट करने के निर्णय को लागू किया जाये और संपूर्ण 13 एकड़ के क्षेत्र में जबलपुर के थोक व्यापारियों के लिए एक बड़ा बाजार क्षेत्र निर्मित होना चाहिए ताकि शहर के सघन क्षेत्र में संचालित थोक व्यापार यहां पर संचालित हों और बस्ती क्षेत्र में यातायात की समस्या ना हो। इसी तरह शहर के बीचों बीच लगभग 7 एकड़ का निवाडग़ंज सब्जी बाजार है इस बाजार क्षेत्र को भी व्यवस्थित रूप से बनाया जाना चाहिए। पूर्व में योजना बनी थी इसका सर्वे भी हुआ था नगर निगम द्वारा इसकी योजना भी बनाई जा चुकी है इस योजना को लागू किया जाना चाहिए।
कोचिंग काम्प्लेक्स बने
जबलपुर शहर में इन दिनों गली कूचों में बड़े-बड़े कोचिंग संस्थान संचालित हैं इन कोचिंग संस्थानों के लिए नगर निगम को एक बड़ा कोचिंग कांपलेक्स बनवाना चाहिए जहां सभी कोचिंग संस्थान एक साथ संचालित हो सकें।
सफाई हरियाली शुद्ध पेयजल 2047 के लिए रहेगी बड़ी चुनौती-संदीप विजन
बैठक में उपस्थित उद्योगपति संदीप विजन ने अपने सुझाव देते हुए कहा कि 2047 के लिए हमें औद्योगिक विकास मूलभूत शहरी विकास के बिंदुओं पर तो ध्यान देना ही है परंतु सबसे बड़ी चुनौती जो अभी से नजर आ रही है वह यह है कि आज से 20 साल बाद हमारे लिए शुद्ध हवा, पूर्ण रूप से स्वच्छ शहर और शुद्ध पेयजल प्राप्त करना बड़ी चुनौती होगा। आज जो बच्चे हैं वही हमारे कल का भविष्य और उन्हीं को इस विजन को मैदान में उतारना है इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि इन विषयों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए और बचपन से ही सामाजिक नैतिकता के इन महत्वपूर्ण विषयों पर उन्हें जागरूक कर जिम्मेदार बनाया जाए ताकि इसका परिणाम हमें 20 साल बाद नजर आए। पर्यावरण को बढ़ाने के लिए खेतों पर फार्म हाउस पर या घरों पर जो लोग पौधे लगाकर उसे पेड़ बनाते हैं इसका एक पैमाना तय होकर पेड़ की उम्र के अनुसार सरकार को प्रोत्साहन स्वरूप ऐसे लोगों को रियायत या नगद राशि से पुरस्कृत करना चाहिए ताकि लोग जागरूकता और प्रोत्साहन प्राप्त कर इस कार्य को तेज गति से करें। 2047 के विजऩ में हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि हम कार्बन पॉजिटिव सिटी बनाने की ओर बढ़े तथा ईंधन का इस्तेमाल कम से कम होगा तो यह संभव होगा उसके विकल्प हमें तैयार करने होंगे।
ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए बनना चाहिए भविष्य को देखते हुए व्यवस्थाएं : डॉ. धीरवाणी
विजन डॉक्यूमेंट के लिए सुझाव देने बैठक में उपस्थित वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर राजेश धीरावाणी ने भविष्य में चिकित्सीय व्यवस्थाओं की जरूरत के मद्देनजर अपने सुझाव रखे। सबसे महत्वपूर्ण बात उन्होंने कहीं की भविष्य में अंग प्रत्यारोपण की बहुत अधिक जरूरत चिकित्सा जगत में नजर आ रही है इसको देखते हुए हमें आधुनिक व्यवस्थाओं से लैस स्टोरेज सेंटर विकसित करने होंगे जो लोग अपने अंगदान करते हैं या जो लोग किसी दुर्घटनावश ब्रेन डेड हो जाते हैं उनके एक शरीर से कई लोगों को जीवनदान मिल सकता है। इसके अलावा उन्होंने एयर एम्बुलेंस के भविष्य को देखते हुए सुविधाओं की बात कही। साथी ही क्रिटिकल केयर बायो इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी भविष्य के अनुरूप तैयारी पर अपने सुझाव दिए। उन्होंने हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सर्विस के विस्तार पर भी विचार रखे। नर्सिंग ट्रेनिंग के लिए सुझाव देते हुए डॉक्टर राजेश धीरावाणी ने कहा कि हमें भविष्य के आपातकालों की स्थिति और जरूरत पडऩे पर लाइफ सपोर्टिंग ट्रेनिंग सभी लोगों को देना चाहिए साथ ही उन्होंने एक महत्वपूर्ण सुझाव यह भी दिया कि हर स्तर के वृद्ध आश्रम जिनमें हर प्रकार की सुविधा विकसित होने चाहिए क्योंकि आज से 20 साल बाद बुजुर्गों की सुविधा के मद्देनजऱ व्यवस्थाएं बहुत जरूरी हैं।
नदियों का उपयोग शहर के वैकल्पिक मार्ग, कृषि क्रांति, जनजाति कल्याण, पर्यावरण एवं नदियों की सुरक्षा सभी में काम आएगा
जय लोक के संपादक परितोष वर्मा ने सुझाव दिया कि जबलपुर के पास प्राकृतिक संपदा की भरमार है उसी का एक हिस्सा है माँ नर्मदा नदी, गौर नदी, हिरन नदी और परियट नदी। भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन नदियों का उपयोग आवागमन के लिए हो सकता है ट्रांसपोर्ट वाले जहाज या छोटी वोट नदी किनारे स्थापित गांव-गांव को आपस में जोडऩे का कार्य कर सकें तो निश्चित रूप से ग्रामीण जनजाति विकास से तेजी से जुड़ेगी, इसके साथ ही यहाँ आने वाले समय में यातायात के बढ़ते दबाव को कम कर वैकल्पिक मार्ग भी बन सकता है। नदियों में सवारी बोट के अलावा माल वाहक बोट भी चल सकती हैं जिसके माध्यम से ऐसे किसान जो नदियों के किनारे और कई खेत के अंदर कार्य कर रहे हैं वह आसानी से अपना उत्पादन बाजारों तक पहुँचा सकते हैं और समय पर बेचकर अच्छा लाभ ले सकते हैं। इसके साथ ही ऐसी जनजातियाँ जो विकास से बहुत दूर हैं और जंगलों में नदियों के किनारे या पहाड़ों पर ही रह रहे हैं उन तक भी पहुंच स्थापित होने से उनके विकास और संरक्षण का कार्य बेहतर ढंग से संभव हो पाएगा। विदेश में कई ऐसे शहर हैं जो नदियों पर बसे हैं और जहां आवागमन का मुख्य साधन ही नाव होती है। भविष्य को देखते हुए इस विकल्प का उपयोग गांव तक समय पर चिकित्सा सुविधा आपातकाल सुविधा और इन्हें एक दूसरे से जोडऩे में कारगर साबित होगा। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में भी इनका उपयोग भविष्य को देखते हुए यातायात के दबाव को कम करने में कारगर साबित हो सकता है।
26 जनवरी को जेल से आजाद होंगे 11 कैदी, 10 पुरूष और 1 महिला कैदी आजीवन कारवास की सजा से होंगे मुक्त