जबलपुर (जयलोक)
मध्य प्रदेश शासन के नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रदेश की नगरीय निकायों को बिजली के भारी भरकम खर्चों से बचाने के लिए अब सोलर एनर्जी का सहारा लेने का निर्णय लिया है। प्रदेश के चार प्रमुख नागरों जबलपुर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर जैसे बड़े नगर निगमों के लिए कैप्टिव पावर प्लांट लगाए जाएंगे। ओपन एक्सेस मोड पर यह प्लांट शहर के दूर दराज इलाकों में लगाए जाएंगे और वहां बनने वाली बिजली डिस्कॉम को दी जाएगी। उसके बदले नगर निगम को उसके क्षेत्र में डिस्काम उतनी बिजली सप्लाई करेगा। नगर निगम को सिर्फ ट्रांसमिशन चार्ज देना पड़ेंगे। नगर निगम जबलपुर हर महीने बिजली के बिलों के भुगतान में करोड़ों रुपए खर्च करता है। पानी की सप्लाई में होने वाले बिजली के बड़े खर्च के साथ ही स्ट्रीट लाइट के लिए खर्च होने वाले भारी भरकम राशि के साथ ही कार्यालय के बिलों का भी बिजली का बड़ा खर्च भी नगर निगम को उठाना पड़ता है। नगर निगम में बिजली बिल सहित अन्य मदों में लगातार बजट का संकट हो रहा है। हाल ही में नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग और ऊर्जा विभाग के बीच कैपटिव पावर प्लांट लगाने को लेकर एक बैठक भी हो चुकी है। सीपीटी पावर प्लांट लगाने से नगर निगम के बिजली का आधा खर्च बचने की उम्मीद भी की जा रही है। प्रदेश शासन का यह प्रयास है कि नगरीय निकायों को सोलर एनर्जी में आत्मनिर्भर बनाया जाए।