अब 4 के बाद शराब ठेकों के बने 29 समूहों की ऑनलाईन टेंडर प्रक्रिया शुरु
जबलपुर (जयलोक)। जबलपुर में शराब ठेको के लिए ठेकेदार रुचि नहीं दिखा रहे, नवीनीकरण की तारीख निकल जाने के बाद लाटरी में भी किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। सोमवार से गुरुवार तक आबकारी विभाग ने ऑनलाईन लाइव टेंडर बुलाए हैं, यहां गौरतलब है कि 9 मार्च तक नवीनीकरण और लाटरी की प्रक्रिया का दौर पूरा हो जाने के बाद इसमें किसी भी ठेकेदार ने रुचि नहीं दिखाई, लिहाजा अगली प्रक्रिया को अपनाया गया। 8 मार्च तक ऑनलाईन टेंडर बुलाए गए, लेकिन कोई टेंडर नहीं आया, अब टेंडर का दूसरा राउंड 10 मार्च से शुरु हुआ है।
आवेदन बटने शुरु हो गए, जो 13 मार्च को पूर्वान्ह 11 बजे तक लिए जायेंगे और दोपहर 2 बजे से टेंडर खुलने शुरु हो जायेंगे। इसके बाद टेंडर का तीसरा राउंड 18 मार्च से शुरु होगा, और चौथा राउंड 22 मार्च से शुरु होगा। इसके बाद भी अगर टेंडर नहीं आए तो विभागों को 1 अप्रैल से खुद दुकानें चलानी पड़ेगी, दरअसल नई आबकारी नीति के तहत शराब दुकानों में 20 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि किए जाने और ठेकेदारों का कमीशन घटाए जाने और छोटे ठेकेदार टेंडर लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। पहले आबकारी विभाग ने जिले की दुकानों के चार समूह बनाए थे अब उन्हें 29 समूहों में बाट दिया। गौरतलब है कि बीत रहे वित्तीय वर्ष में 45 समूहों में ठेके नीलाम हुए थे। अब इसमें कितने शराब कारोबारी कितनी दिलचस्पी दिखायेंगे, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। अभी तक कोई भी ठेकेदार सामने नहीं आया, सूत्रों के मुताबिक जो सरकारी रेट पर बिड तय हुई है उससे ब्लो में आनलाईन टेंडर होटल एक्सेप्ट हीं नहीं करेगा, लिहाजा इस बात की उम्मीद कम ही है कि सभी समूह ठेके पर उठ जायेंगे। संभंव है कि आठ से दस समूह ऑनलाईन टेंडर में नीलाम हो जाए लेकिन उसके बाद बाकी के समूह फिर भी नहीं उठ पायेंगे, ऐसा कहा जा रहा है कि जबलपुर के शराब ठेके प्रदेश स्तर पर सुर्खियों में हैं। कोई इसे नई आबकारी नीति का दुष्परिणाम बता रहा है तो कोई इसे जबलपुर के आबकारी अमले की विफलता निरुपित कर रहा है। विभागीय अधिकारी भी चुप्पी साधे है, बस सोशल मीडिया पर एक ही बात तैर रही है कि ठेके काफी महंगे होने के कारण टेंडर नहीं आ रहे।
