ठगी से बचाने पुलिस कर रही जागरूक
जबलपुर (जय लोक)। देश में डिजिटल सेवाओं का लोग काफी लाभ उठा रहे हैं, ज्यादातर लोग ऑनलाइन कार्यों को करना सीख चुके हैं। ऑनलाइन पेमेंट से लेकर आधार अपडेट हो या कोई फॉर्म भरना हो, अब लोग ऑनलाइन ही घर बैठे अपने कार्यों को आसानी से कर लेते हैं। लेकिन एक तरफ जहां ऑनलाइन ने लोगों का काम आसान कर दिया है तो वहीं साइबर ठग भी स्मार्ट हो गए हैं। हालही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां पर ठगों ने लोगों के साथ ठगी करने के लिए उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया है।
दरअसल, डिजिटल अरेस्ट एक नया धोखाधड़ी करने का तरीका है जिसमें ठग अपने आप को सरकारी अफसर बताकर लोगों के साथ ठगी करते हैं। इसके साथ ही सरकारी अफसर बनकर वह लोगों को वीडियो कॉल करते हैं और उन्हें विश्वास में लेकर उनसे पैसों की डिमांड पूरा करवाते हैं। वह यह काम इस प्रकार से करते हैं कि लोगों को मजबूरन उन्हें पैसे देने पड़ जाते हैं। इसी नए तरीके के धोखाधड़ी को डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।
इन तरीकों का होता है इस्तेमाल
आपको बता दें कि इस तरीके की धोखाधड़ी में लोगों को बताया जाता है कि उनका नाम नशीले पदार्थों की तस्करी सहित अन्य अपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया गया है। ऐसे में लोग डर जाते हैं, इसके बाद अपराधी खुद को सरकारी अफसर बताकर लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि अगर वह उन्हें पैसे देते हैं तो वह जेल जाने से बच जाएंगे। इसी प्रकार से कई लोग इन ठगों के जाल में फंस जाते हैं और उन्हें पैसे दे देते हैं। इसके अलावा लोगों को कई बार बताया जाता है कि उनका कोई करीबी मुसीबत में पड़ा है, किसी का बच्चा कोई पुलिस केस में फंस गया है तो उनके पैरेंट्स को फोन करके अपने जाल में फंसाने की कोशिश की जाती है।
पुलिस फैला रही जागरूकता
इस मामले में शहर की पुलिस लोगों को सायबर अरेस्ट के मामले में जागरूक करने का प्रयास कर रही है। समय समय पर पुलिसकर्मी स्कूलों, कॉलेजों में जाकर छात्रछात्राओं को इस अपराध की जानकारी दे रहे हैं। साथ ही किसी के पास भी इस प्रकार के फोन आने पर ना घबराने की सलाह भी दे रहे हैं। पुलिस का कहना है कि शिकायतकर्ता तुंरत पुलिस को इस मामले में जानकारी दें। इसके अलावा कॉलोनियों में भी लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता फैलाई जा रही है।
टेलीकॉम कंपनियों की ली मदद
बढ़ते सायबर अरेस्ट के मामलों को देखते हुए टेलीकॉम कंपनियों की भी मदद ली गई है। इन दिनों सभी की कॉलर ट्यून सायबर अरेस्ट से जागरूकता और बचाव के संबंध में ही आ रही है। टेलीकॉम कंपनियां भी इस समस्या के समाधान के लिए पुलिस और सरकार का साथ दे रहीं हैं।
इनका कहना है
डिजीटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगातार पुलिस द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। स्कूल, कॉलेज, कॉलोनियों में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अगर किसी के पास इस प्रकार का फोन आता है तो संयम बनाए रखना है और जालसाज के झांसे में आए बिना फोन काटकर उसकी शिकायत करनी है, ताकि वो आगे किसी को अपना शिकार न बनाए।
संपत उपाध्याय,
एसपी