संघ की तरफ से गजेन्द्र पटेल का नाम आया चर्चा में
भोपाल (जय लोक)। प्रदेश में अब महज तीन जिलाध्यक्षों के नामों पर फैसला होना है। इन नामों का फैसला आगामी कुछ दिनों में होना तय माना जा रहा है। उधर, लगभग यह तय हो गया है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का चुनाव दिल्ली में हो रहे विधानसभा चुनाव के बाद होगा। इसकी वजह है अधिकांश प्रदेश और केन्द्र के नेता दिल्ली चुनाव में व्यस्त हैं। इस बीच प्रदेशाध्यक्ष चुनाव के लिए समीकरण भी बदलते हुए दिखने लगे हैं। बदले हुए समीकरणों के बीच गजेन्द्र सिंह पटेल का नाम संघ की तरफ से सामने आ रहा है। इसके अलावा पड़ौस्ी राज्य छत्तीसगढ़ में जिस तरह से राजपूत समाज से प्रदेशाण्यक्ष बनाया गया है, उससे इस समाज के दावेदारों के नाम बाहर होना भी तय माना जा रहा है। दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 27 जनवरी से 2 फरवरी तक विदेश यात्रा पर जा रहे हैं, और इस बीचा दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता व्यस्त हैं। यही वजह है कि अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद होगी। उधर, प्रदेश परिषद के सदस्यों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जा चुकी है। इस सूची में 4 सांसद, 16 विधायक, हर विधानसभा से एक प्रतिनिधि, और दो-दो विधानसभाओं का एक क्लस्टर बनाकर प्रदेश परिषद के सदस्य बनाए गए हैं। इस बीच जिस तरह से जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में जातिगत समीकरणों को साधने का प्रयास किया गया है, उससे यह माना जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष के नाम के चयन में भी इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा। छत्तीसगढ़ में राजपूत वर्ग से आने वाले किरण देव सिंह को दोबारा से प्रदेश अध्यक्ष की कमान दी गई है, जिसका असर मप्र पर पडऩा तय है। इससे यह तय माना जा रहा है कि इस वर्ग का अध्यक्ष नहीं होगा। फिलहाल इस समाज से आने वाले पूर्व मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, पन्ना विधायक और पूर्व मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, और बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष सीमा सिंह प्रदेशाध्यक्ष पद की दावेदारी कर रहे हैं।
दलित राजनीति से भी बदल सकते हैं समीकरण
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अंबेडकर पर दिए गए बयान के बाद मध्यप्रदेश की सियासत में हलचल मची हुई है। कांग्रेस की जय भीम, जय बापू, जय संविधान रैली 27 जनवरी को मध्यप्रदेश के महू में आयोजित होने जा रही है, जिससे एक बार फिर से अंबेडकर पर केंद्रित राजनीति का गर्माना तय माना जा रहा है। ऐसे माहौल में बीजेपी अनुसूचित जाति वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। इस वर्ग से आने वाले नेताओं में पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य और नरयावली विधायक प्रदीप लारिया के नाम चर्चा में हैं। मध्यप्रदेश में एससी वोटर्स की अच्छी खासी संख्या है, जिससे जाटव और अहिरवार समुदाय के नेताओं को मौका दिया जा सकता है।
15 फरवरी को हो जाएंगे पांच साल
निर्वतमान प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का पांच साल का कार्यकाल 15 फरवरी को पूरा होने वाला है। दरअसल, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद वीडी शर्मा के कार्यकाल में भी वृद्धि कर दी गई थी। अब शर्मा के स्थान पर नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए करीब एक दर्जन नेता दौड़ में शामिल हैं। इनमें डॉ नरोत्तम मिश्रा, अर्चना चिटनीस, अरविंद भदौरिया, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, सीमा सिंह जादौन, हेमंत खंडेलवाल, सुधीर गुप्ता, गजेन्द्र सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्त और प्रदीप लारिया, लाल सिंह आर्य के नाम शामिल हैं।