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नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ  420 का मामला दर्ज : 110 किसानों से 1.68 करोड़ की धोखाधड़ी, कलेक्टर के निर्देश पर दर्ज हुई एफआईआर

जबलपुर (जयलोक)। जिले के 110 किसानों के साथ एक करोड़ 68 लख रुपए की धोखाधड़ी करने वाले एक एग्री फार्म प्रोड्यूसर कंपनी के संचालक के खिलाफ  शिकायतें सामने आने के बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर कृषि किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के द्वारा चरगवां थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस ने आरोपी संचालक के खिलाफ  420, 409 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर लिया है और आरोपी नरेंद्र सिंह तोमर की तलाश की जा रही है।

 


उक्त प्रकरण के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार आज दोपहर बाद सहायक संचालक कृषि किसान कल्याण एवं कृषि विषय विकास विभाग रवि आम्रवंशी ने एक लिखित शिकायत थाने में दी और बताया कि हाल ही में एग्री फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित चना अमानत घोषित होने पर 110 कृषकों से 3162 क्विंटल चना वापस न कर किसानों से कुल 168,69,270 की धोखाधड़ी कर अवैध लाभ अर्जित किया गया।
बड़ी संख्या में किसानों के साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत जब कलेक्टर दीपक सक्सेना के समक्ष पहुंची तो उन्होंने तत्काल इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया और संबंधित विभाग को तत्काल सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इसके बाद कृषि किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग जबलपुर द्वारा इस पूरे मामले की बारीकी से जांच पड़ताल की गई और एक रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की गई।प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट उल्लेख था कि हाल ही में एग्री फार्मा प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जित चना अमानत घोषित हो जाने के बाद 110 किसानों को 3162 क्ंिवटल चना वापस नहीं किया गया यह पूरा प्रकरण वर्ष 2023-24 का था। इस पूरी शिकायत की जांच कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग के माध्यम से गठित जांच दल द्वारा की गई। जांच में यह पाया गया कि 110 किसानों को 3162 क्विंटल चना वापस नहीं किया गया। इस पूरे मामले की शिकायत सीएम समाधान ऑनलाइन में जेलू सिंह पटेल द्वारा की गई थी कृषक हीरालाल की चने के भुगतान की राशि की कीमत 1 लाख 670 रुपए उनके खाते में नहीं आई। उक्त संबंध में जिला विपणन अधिकारी मार्कफेड द्वारा अवगत कराया गया कि मयंक वेयरहाउस चरगवां में भंडारित में 5078 बोरी 2539 क्विंटल चने को अमान्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद अमान्य किए गए चने को हल एग्री फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को वापस किया गया था इसके संचालक नरेंद्र सिंह तोमर है। यही वजह थी कि कृषक का भुगतान नहीं हो पाया था। अमानक किया गया चना किसी को वापस किया गया कि नहीं इस बात की विस्तृत जांच करने के लिए एक जांच दल गठित किया गया जिसमें रवि आम्रवंशी सहायक संचालक कृषि, हरेंद्र सिंह वितरण अधिकारी एस आर निमोदा, जिला प्रबंधक कुंजन सिंह राजपूत, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी श्रीमती आभा शर्मा कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी इस जांच दल में शामिल थे। विगत 24 अक्टूबर को जांच दल ने हाल एग्री फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के कार्यालय जो की मयंक वेयरहाउस बधैयाखेड़ा चरगवां तहसील शाहपुरा में स्थित है, में पहुंचकर जांच पड़ताल की। जांच के दौरान संचालक नरेंद्र सिंह तोमर को बुलाया गया किंतु वह जांच के समय पर उपस्थित नहीं हुए उनके द्वारा उनके स्थान पर अपने प्रतिनिधि दुष्यंत त्रिपाठी को भेजा गया उनकी उपस्थिति में जांच की कार्रवाई की गई। जांच के दौरान हरेंद्र सिंह रघुवंशी द्वारा हाल एग्री फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2023 24 में समर्थन मूल्य पर चना देने वाले 110 किसानों की सूची प्राप्त की गई।सूची के अनुसार पाया गया की 110 किसानों से 6324 बोरियों में 3162 क्विंटल चना क्रय किया गया। टॉक टू सूची में किसानों का मोबाइल नंबर नहीं लिखा गया। मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन भेड़ाघाट के शाखा प्रबंधक सुनील मंडलोई द्वारा जानकारी दी गई कि उपरोक्त चना उपार्जन के समय उक्त शाखा की प्रबंधक श्रीमती प्रियंका पठारिया थीं। जांच में यह भी पाया गया कि पत्र जारी कर उसे अमानक चने को समिति को वापस किए जाने का लेख है। जांच में यह बात भी सामने आई की हाल एग्री फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के संचालक द्वारा अधिकृत व्यक्ति निरपट सिंह जो नरेंद्र सिंह तोमर के छोटे भाई हैं और मोनू जो उनके भतीजे हैं को 2539 क्विंटल चना वापस किया गया। मध्य प्रदेश वेयरहाउस कॉरपोरेशन भेड़ाघाट शाखा प्रबंधक श्री सुनील मंडलोई द्वारा उक्त चना वापस किए जाने की जानकारी दी गई और यह भी बताया गया कि उक्त चना वेयरहाउस के अंदर भंडार किया गया उसे वापस किया गया। कंपनी के प्रतिनिधि दुष्यंत त्रिपाठी ने बताया कि अमानक चने में से 1246 बोरी चना जिसका वजन 630 क्विंटल था वेयरहाउस के बाहर भंडारण था जो कि किसानों को वापस कर दिया गया है। त्रिपाठी ने जानकारी दी कि उनके पास चना खरीदी और उसे वापस करने संबंधी कोई भी दस्तावेज अथवा कागजात नहीं है। अगले दिन जांच दल के सामने रणवीर सिंह तोमर उपस्थित हुए और जानकारी दी की 3162 क्विंटल चना जो 110 किसानों से लिया गया था उसमें से 2539 क्विंटल चना मयंक वेयरहाउस फेस 3 में भंडार किया गया था और शेष 623 कुंतल चना वेयरहाउस के बाहर खरीद कर रखा गया था। चना अमानक घोषित होने के बाद किसानों को वापस कर दिया गया था। नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि उक्त अमानक घोषित हुए चने को तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्रीमती प्रियंका और दैनिक वेतन भोगी विजय यादव द्वारा मेरे कर्मचारियों को संबंधित किसानों को वापस करने हेतु दे दिया गया था किसानों को यह चुनाव वापस करने के दौरान चने की पावती ली गई थी। उनके पास 43 पावती मौजूद है। बाकी की पावती भी वो प्रस्तुत करेंगे। लेकिन नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा चना खरीदी वन वापसी के संबंध में कोई रजिस्टर प्रस्तुत नहीं किया गया।
फर्जी नजर आ रही पेश की गई पावती- जांच दल के सामने जो पावती नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा प्रस्तुत की गई उनमें से अधिकांश फर्जी नजर आ रही है जांच दल के लोगों ने यह पाया कि सभी एक ही प्रकार के प्रारूप में प्रिंटेड थी और उन्हें हाथ से लिखकर भरा गया था। इसके अलावा जो मात्रा दर्शाई गई थी और जिस मात्रा में चना वापस होना था वह भी मिलान के समय सही नहीं पाया गया। इन पावती की सत्यता संदिग्ध नजर आ रही थी और इसे प्रमाण नहीं माना जा सकता है। इस इस प्रकरण में यह बात भी सामने आई है कि चना विक्रय करने वाले किसानों की संख्या 69 है लेकिन उन्हें एक से अधिक बार विक्रय किया है इसलिए संख्या 110 प्रदर्शित हो रही है। जांच दल ने मयंक विहार हाउस में भंडार स्टॉक का भौतिक सत्यापन भी किया जहां पर चना भंडार नहीं पाया गया। संचालक नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा किसानों से धोखाधड़ी करने के कई साक्ष्य सामने आने के बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा कर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करवाया गया।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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