जबलपुर (जय लोक)
5 अप्रैल 2024 को भेड़ाघाट थाना अंतर्गत आने वाले एक निजी स्कूलों में हंगामा तोडफ़ोड़ करने के मामले में आरोपी बनाए गए छात्र नेता अभिषेक पांडे, आर्यन तिवारी और उसके कुछ साथियों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इस मामले में आरोपी को पकडऩे के लिए जब पुलिस उसके घर गई थी दो आरोपी पर पुलिस के साथ बदसलूकी और हाथापाई करने के आरोप लगे थे। इस मामले में भी अलग से एक एफआईआर लॉर्डगंज थाने में दर्ज हुई थी। इन दोनों एफआईआर को चुनौती देने की याचिका अभिषेक पांडे की ओर से उच्च न्यायालय में लगाई गई थी। हाई कोर्ट के न्यायाधीश जीएस अहलूवालिया की एकल पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने जब याचिकाकर्ता स्वघोषित छात्र नेता की दलील सुनी और छात्र नेता से यह सवाल पूछा कि वह किस हैसियत से या किस अधिकार से निजी स्कूल के अंदर प्रवेश कर रहे थे। न्यायाधीश श्री अहलूवालिया ने पूछा कि क्या स्वघोषित छात्रनेता छात्रों के अधिकार के नाम पर किसी भी स्कूल में धरना प्रदर्शन, अधिकारियों को, स्कूल प्रबंधन को धमकाने का काम कर सकते हैं ऐसा कोई कानून है जो उन्हें इस प्रकार के कृत्य करने की अनुमति देता हो। न्यायालय के इस सवाल पर स्वघोषित छात्र नेता ने किसी भी कानूनी जानकारी होने से इनकार कर दिया। इसके बाद न्यायालय ने पुलिस द्वारा दर्ज की गई दोनों प्रकरण में एफआईआर को निरस्त करने से इनकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी।
शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट पर भी दर्ज है ओमती में मामला – अभी हाल ही में अभिषेक पांडे और उसके साथियों द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी प्रदर्शन के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी से हाथ पडक़र बदतमीजी करने का मामला सामने आया था। इस मामले में भी जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से ओमती थाना अंतर्गत एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। इसके पूर्व में भी इन लोगों पर मामले दर्ज हो चुके है।