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फंड पर मनमानी अब नहीं कर सकेंगे राज्य

नईदिल्ली (जयलोक)
केंद्रीय योजनाओं के लिए प्राप्त राशि या राज्य के लिए आवंटित विशेष फंड के इस्तेमाल में कुछ राज्य सरकारों के स्तर पर हो रही गड़बड़ी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने नई व्यवस्था लागू कर दी है। वित्त मंत्रालय ने एसएनए-स्पर्श (समयोजित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण) नाम से लागू इस नई व्यवस्था के तहत राज्यों के फंड प्रवाह पर अब ज्यादा सतर्क नजर केंद्र रख सकेगी। इस नई व्यवस्था मे केंद्र सरकार के विभागों की भूमिका भी ज्यादा प्रभावशाली होगी और उन्हें ज्यादा जिम्मेदारी निभानी होगी। इस नई व्यवस्था से केंद्र राज्यों के वित्त प्रबंधन पर इस हिसाब से नजर रख सकेगा कि कहीं किसी खास उद्देश्य से भेजे गये फंड का इस्तेमाल चुनावी वादों को पूरा करने के लिए तो नहीं किया जा रहा।केंद्र सरकार ने मप्र समेत सभी राज्यों को केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्रांश प्राप्त करने के लिए एसएनए-स्पर्श (समयोजित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण) मॉडल को अपनाना अनिवार्य कर दिया है। जानकारी के अनुसार, मप्र उन राज्यों में शामिल है, जो इस मॉडल को अपनाने में पिछड़ गए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मप्र समेत अन्य राज्यों को पत्र भेजा है। इसमें केंद्र प्रवर्तित 27 योजनाओं के लिए केंद्रांश प्राप्त करने के लिए एसएनए-स्पर्श मॉडल को अपनाकर भारतीय रिजर्व बैंक के कोर बैंकिंग समाधान ई-कुबेर में अनिवार्य रूप से खाता खुलवाने को कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि यदि सरकार ऐसा नहीं कर पाती है, तो उसे केंद्रीय योजनाओं में केंद्रांश नहीं दिया जाएगा। केंद्र सरकार का पत्र मिलते ही मप्र सरकार हरकत में आ गई है। वित्त विभाग ने आयुक्त कोष एवं लेखा (सीटीए) को आरबीआई के ई-कुबेर में सभी विभागों का खाता खोलने की अनुमति दे दी है।
सभी विभागों के खाते ई-कुबेर में
अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सभी विभागों के खाते ई-कुबेर में खुलवाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। जैसे ही ई-कुबेर में ये खाते खुलेंगे, मप्र सरकार एसएसन-स्पर्श पोर्टल पर आ जाएगी। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एसएनए स्पर्श मॉडल लागू होने पर बैंकों में पहले से खुले राज्य सरकार के विभागों के एसएनए (स्टेट नोडल एजेंसी) खाते बंद हो जाएंगे। उनके स्थान पर आरबीआई में ई-कुबेर में खाते खोले जाएंगे। सभी विभाग एसएनए खातों में पैसा जमा रखते हैं और जब किसी योजना में जरूरत होती है, तो खातों से पैसा निकालकर उपयोग करते हैं। एसएनए-स्पर्श मॉडल में पैसा बैंक खातों में जमा नहीं रहेगा। जैसे ही राज्य सरकार को किसी योजना के लिए फंड की जरूरत होगी, तो संबंधित विभाग केंद्र को प्रपोजल भेजेगा। प्रपोजल मिलने के बाद केंद्र सरकार के विभाग आरबीआई में ई-कुबेर में खुले खाते में अपना शेयर ट्रांसफर करेंगे और यहां से राज्य सरकार अपना शेयर ट्रांसफर करेगी और तत्काल हितग्राहियों के खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार जिन केंद्रीय योजनाओं के लिए ई-कुबेर में खाता जरूरी है उनमें रूसा, स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, प्राकृतिक स्रोतों व ईकोसिस्टम का संरक्षण, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, कृषि उन्नति योजना,  महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लायमेट गारंटी प्रोग्राम, प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, पीएम श्री, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, नदी जोड़ो योजना, मिशन शक्ति और पुलिस बल का आधुनिकीकरण योजना शामिल है।
रियल टाइम में रिलीज होगा पैसा
एसएनए-स्पर्श मॉडल अपनाने से कई फायदे होंगे। एसएनए-स्पर्श मॉडल में हितग्राहियों को रियल टाइम में पैसा रिलीज होगा। एसएनए खातों में अनावश्यक पैसा जमा नहीं रहेगा। वर्तमान में यह व्यवस्था है कि केंद्र सरकार से राशि जारी होने के बाद राज्य सरकार को 30 दिन की अवधि में केंद्र और राज्य के पैसे को मिलाकर एसएनए खाते में राशि जमा करना होती है। एसएनए खाते में पैसा डालने के बाद खर्च करने तक वह खाते में जमा रहता है। महालेखाकार (एजी) को अभी जो अकाउंटिंग मिल रही है, वह एसएनए खाते में ओवरऑल राशि ट्रांसफर करने संबंधी मिल रही है। एसएनए-स्पर्श मॉडल लागू होने के बाद एजी को राज्यों के वित्त प्रबंधन पर बारीकी से नजर रख सकेगा कि किसी खास उद्देश्य से भेजे गए फंड का सही ढंग से इस्तेमाल हुआ है या नहीं।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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