– 17 दिनों में 4 लाख 95 हजार से अधिक हुई धान खरीदी
– वेयरहाउस संचालकों ने आंदोलन वापस लिया अब और तेजी से बढ़ेगा खरीदी का आंकड़ा
जबलपुर (जयलोक)। गत वर्ष की अपेक्षा में भले ही इस बार 17 दिनों की समय अवधि में धान खरीदी का आंकड़ा थोड़ा कम है लेकिन यह बात स्पष्ट है कि फर्जी बही और रजिस्ट्रेशन में होने वाला फर्जीवाड़ा रुक जाने से वास्तविक किसानों ने आगे जाकर धान खरीदी में हिस्सा लेना शुरू कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक विगत वर्ष धान खरीदी के लिए हुए पंजीयन में किसानों की संख्या अधिक प्रदर्शित हो रही थी। पिछले वर्ष 120 क्विंटल धान प्रति किसान उनका अनुमानित आंकड़ा निकल कर सामने आया था। इस वर्ष 90 क्विंटल प्रति किसान का आंकड़ा सामने आ रहा है। 30 क्विंटल प्रति किसान का यह अंतर प्रदर्शित हो रहा है और यह जाँच का विषय है कि किसानों की संख्या बढ़ जाने के बाद भी धान खरीदी पिछली बार से कम क्यों है? इस पर अध्ययन किया जाना आवश्यक है कि आंकड़ों की बाजीगरी कहाँ हुई थी? क्योंकि मप्र में प्रति किसान धान खरीदी का आंकड़ा 70 क्विंटल है। इस वर्ष शासन की नीति और जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं को स्वीकार करते हुए इस बार 1100 से अधिक किसानों ने पिछली बार की अपेक्षा धान खरीदी में अपना पंजीयन करवाया है।
वेयरहाउस की हड़ताल और इस प्रकार की अन्य बातों का धान खरीदी पर कोई असर पड़ता नजर नहीं आया है। हालांकि कल वेयर हाउस संचालकों ने अपना कदम पीछे हटाते हुए अब आंदोलन का रास्ता छोडक़र प्रशासन के सहयोग का निर्णय लिया है इस मामले में संगठन का कहना है कि हमारे कारण किसानों को दिक्कत हो रही है इसीलिए किसानों के हित में यह निर्णय लिया गया है कई जनप्रतिनिधियों ने भी इस बात की अपील की थी जिस पर वेयरहाउस संगठन ने आंदोलन वापस ले लिया है।
तेजी से आगे बढ़ेगा धान खरीदी का आँकड़ा
वेयर हाउस के संचालकों के असहयोग के बावजूद भी 17 दिनों में 5373 किसानों ने 4,95,432 क्विंटल धान का विक्रय किया है। विगत वर्ष आँकड़ा 5,44,200 क्विंटल धान पर था। अब वेयरहाउस संचालकों की तरफ से आंदोलन खत्म कर सहयोग किया जाने के बाद से समीकरण बदलेंगे और धान खरीदी का आंकड़ा बहुत तेजी से विगत वर्ष से अधिक हो जाएगा।