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बजट पर सभी की निगाहें और अपनी -अपनी अपेक्षाएं

उद्योग और व्यापार को प्रोत्साहित करने वाला हो बजट

जबलपुर (जयलोक)। कल देश का आम बजट पेश होने वाला है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार आठवां बजट भाषण संसद में देंगी। बजट में होने वाले एलानों पर आम नागरिक से लेकर खास सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। वहीं बजट को लेकर शहर में भी लोगों में उत्सुकता देखी जा रही है। सभी कल होने वाले बजट को लेकर चर्चा कर रहे हैं। युवाओं को जहां नौकरी चाहिए, तो वहीं किसानों को कृषि लागत में कमी, वहीं गृहणियाँ भी बजट से आस लगाए बैठी हैं। नौकरीपेशा, शिक्षा, रोजगार, किसानों को बजट में क्या मिलता है यह तो कल ही पता चलेगा। लेकिन इस बीच सभी अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
जबलपुर चेम्बर ऑफ  कॉर्मस एंड इंडस्ट्री द्वारा आगामी बजट पर अपनी अपेक्षाएं व्यक्त की। चेम्बर ने कहा  राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय का अनुमान है 2024-2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4 प्रतिषत रहेगा। महामारी के दौरान आई गिरावट के बाद से सबसे कम ग्रोथ रेट है भारत का विकास चक्र अवरुध हो गया है।जबलपुर चेम्बर के अध्यक्ष प्रेम दुबे का कहना है कि मध्यमवर्ग को ध्यान रख कर बजट पेश करना चाहिए। आम आदमी के लिये सबसे पीड़ादायक टैक्स का बोझ है। सरकार से उम्मीद की जाती है कि वो आयकर में 10 लाख रुपये तक की छूट दे कर राहत दें। व्यापारी और उद्योग जगत बजट में जीएसटी में कमी कर उद्योग को मजबूती देने वाले प्रावधानों की मांग की है। छोटे उद्योगों के लिये (पी.एल.आई.) स्कीम षुरु करें ताकि मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिले। ‘‘मेक इन इंडिया‘‘ तभी सफल होगा जब सरकार इनके लिये विषेष योजनाएं लाएं। घरेलु मैन्युफैक्चरिंग की मदद के लिये कस्टम डयूटी में फेरबदल, ‘‘प्रोडक्षन लिंक्ड इंसेंटिव‘‘ के माध्यम से छोटे उद्योग को जोड़े। यह बजट उद्योग-व्यापार और भारत की अथज़्व्यवस्था को बूस्ट करने वाला होना चाहिए। कर विषेषज्ञ अनिल अग्रवाल ने कहा कि छोटे उद्योग और व्यापार भारत में पूरी तरह से बंद होने कि कगार में है वित्तमंत्री को चाहिए कि छोटे उद्योगों को सस्ती और सुलभ ऋण सुविधा मिल सके इसका प्रावधान होना चाहिए एवं टेक्सो में राहत दे कर इन्हे बचाने का प्रयास करें। आयकर एवं जीएसटी सरलीकरण क्षेत्र में कार्य होना चाहिए और व्यापारियों पर अनुपालन का बोझ कम होना चाहिए।

 

आबकारी और माइनिंग विभाग माफिया के हाथों में

 

 

Jai Lok
Author: Jai Lok

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