Download Our App

Home » जबलपुर » भारी बारिश से धान को हुए नुकसान का हो रहा आंकलन, खरीदी गई धान के नुकसान के लिए तय होगी लोगों की जिम्मेदारी

भारी बारिश से धान को हुए नुकसान का हो रहा आंकलन,  खरीदी गई धान के नुकसान के लिए तय होगी लोगों की जिम्मेदारी

जबलपुर (जय लोक) ।कल अचानक जिले में हुई ढाई इंच से अधिक वर्षा ने पूरे प्रदेश में धान खरीदी को प्रभावित किया। इसके साथ ही हजारों क्विंटल धान पानी में भीग गई। जबलपुर में भी कई केंद्रों में अव्यवस्थाओं के हालात नजर आये। किसानों ने अपने नुकसान के लिए धान खरीदी केंद्रों के जिम्मेदार और समितियोंं के लोगों को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि उन्होंने बारिश की चेतावनी के बावजूद भी धान को बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की। जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना पूर्व में भी स्पष्ट कह चुके थे कि जो किसान अपनी धान लेकर केंद्रों पर पहुँच चुके हैं उन्हें अपने माल की सुरक्षा स्वयं करना होगी। जिस धान की खरीदी की जा चुकी है उसकी सुरक्षा और रख रखाव की जिम्मेदारी उपार्जन केन्द्र प्रभारी, नोडल अधिकारी, समिति प्रबंधक, जेएसओ उपार्जन केन्द्र के जिम्मे की गई थी। अब जब दर्जनों स्थानों से लापरवाही बरते जाने और धान के पानी में भीग जाने की खबर आ रही है तो धान को हुए नुकसान और यह किसके आधिपत्य में है इस बात का आंकलन शुरू हो गया है।

इस के पूर्व राज्य शासन के निर्देशानुसार बारिश की संभावना को देखते हुये उपार्जित धान के सुरक्षित भंडारण के लिये दिनांक 30 दिसम्बर, 31 दिसम्बर और 1 जनवरी को उपार्जन कार्य स्थगित रहने के आदेश पहले ही जारी हो गए थे। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि खुले में पड़ी धन को सुरक्षित करने का कार्य किसान और केंद्र के जिम्मेदार लोगों को करना है। बारिश की आड़ में खराब धन की खपत करने की साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जिम्मेदार लोगों को कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।

बुकिंग स्लॉट आगे बढ़ाये गए

आदेश में कहा गया कि था कि जिन किसानों ने उक्त तिथियों के लिये स्लाट बुकिंग की है उनकी स्लाट अवधि आगामी पाँच दिनों के लिये बढ़ा दी गई है। निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसानों को निर्देशित किया जाता है कि वह शनिवार और रविवार को उपार्जन केन्द्र पर धान लेकर नहीं पहुँचें। जिन किसानों की धान उपार्जन केन्द्र पर रिजेक्शन की वजह से अपग्रेड करने के लिये अथवा तुलाई नहीं होने की वजह से पड़ी हुई है, वह उक्त धान की बारिश से सुरक्षा का उपाय सुनिश्चित करें। यह कार्य किसानों को अपने व्यय पर करना है।  सभी उपार्जन केन्द्र प्रभारी को भी निर्देश दिए गये थे कि वो खुले में रखे हुये धान को गोदाम के अंदर शिफ़्ट करने अथवा बारिश से सुरक्षा के समस्त उपाय तत्काल सुनिश्चित करें। लेकिन कई स्थानों पर यह कार्य नहीं किया गया। आदेश में कहा गया था कि  लापरवाही के कारण धान भीगने अथवा खऱाब होने की घटना होती है तो यह माना जायेगा कि जानबूझकर कर नॉन एफएक्यू धान को खपाने के लिये यह लापरवाही की गई है। तद्नुसार व्यक्तिगत जि़म्मेदारी नियत कर कारवाई की जायेगी। सभी नोडल अधिकारी, समिति प्रबंधक, जेएसओ उपार्जन को केंद्रों पर  माकूल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे। अब जहाँ -जहाँ लापरवाही की बात सामने आई है वहां आकलन कर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही की तैयारी की जा रही है।

इनका कहना है

बारिश से नुकसान के सम्बन्ध में आकलन का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। लापरवाही के लिए जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्यवाही जाएगी। पूर्व से ही सभी को स्पष्ट निर्देश दे दिए गए थे और सभी की जिम्मेदारी भी तय की गई थी।
दीपक सक्सेना ,कलेक्टर

Jai Lok
Author: Jai Lok

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED LATEST NEWS

Home » जबलपुर » भारी बारिश से धान को हुए नुकसान का हो रहा आंकलन, खरीदी गई धान के नुकसान के लिए तय होगी लोगों की जिम्मेदारी
best news portal development company in india

Top Headlines

सेबी की कार्रवाई : स्टॉक टिप्स देने वाले वेबसाइट्स और इंफ्लुएंसर्स पर रोक

मुंबई (एजेंसी/जयलोक)। सेबी ने सोशल मीडिया में खुद को इंफ्लुएंसर बताकर शेयर मार्केट के टिप्स और स्टॉक्स की सिफारिशें करने

Live Cricket