Download Our App

Home » कानून » मुख्यमंत्री ने की कार्रवाही की सराहना: पुस्तक मेले के बाद अब लगेगा यूनिफार्म मेला ,जून के अंतिम सप्ताह में होगा आयोजन

मुख्यमंत्री ने की कार्रवाही की सराहना: पुस्तक मेले के बाद अब लगेगा यूनिफार्म मेला ,जून के अंतिम सप्ताह में होगा आयोजन

जबलपुर (जयलोक)
1 अपै्रल 2024 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पूरे मध्य प्रदेश में शिक्षा माफिया के खिलाफ की जा रही है लूट खसोट को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाही करने के निर्देेश दिए थे। जबलपुर कलेक्टर ने इन निर्देशों का गंभीरता से पालन करते हुए शिक्षा माफिया की नींव पर सीधा प्रहार किया और पूरे देश में पहली बार ऐसी कार्रवाही हुई जिसमें 11 स्कूलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 80 लोगों को आरोपी बनाया गया। जिसमें स्कूल के संचालक, प्रबंधक, प्राचार्य , प्रकाशक और पुस्तक विक्रेता आदि शामिल हैं और इनके द्वारा अवैध रूप से 1 लाख 14 हजार बच्चों से 81 करोड़ 30 लाख रूपये अलग से फीस के नाम पर वसूल किए गए हैं। वसूली हुई अतिरिक्त राशि का वापस करने का आदेश भी इन स्कूलों को दिया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने भी जबलपुर कलेक्टर द्वारा की गई इस सहासिक कार्रवाही की सराहना की है और अब पूरे प्रदेश में ऐसी शिकायतों पर इस प्रकार की कार्रवाही की बात कही है। दूसरी ओर अब बारी है शिक्षा माफिया के एक और अंग यूनिफार्म माफिया की।
यूनिफार्म माफिया वो है जो कमीशनखोरी का जाल बिछाकर स्कूलों से सांठगांठ करता है और हर साल स्कूलों की यूनिफार्म में परिवर्तन कराया जाता है। कुछ स्कूलों में तो तीन-तीन यूनिफार्म लगाई गई हैं। जानबूझकर ऐसी चैक वाली, क्रॉस पॉकेट वाली या लोगो-मोनो वाली यूनिफार्म निर्धारित की जाती है जो केवल चुनिंदा यूनिफार्म विक्रेता के पास ही उपलब्ध होती है जो सामान्य बाजार में ना मिले। यूनिफार्म माफिया पूरे देश में काम कर रहा है। लेकिन अब सबसे पहले जबलपुर कलेक्टर ने यूनिफार्म माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाही का कदम बढ़ाया है। इसके पहले चरण में जून माह के अंतिम सप्ताह में यूनिफार्म मेले का आयोजन किया जाएगा। इससे पहले पुस्तक मेले का आयोजन कर पुस्तक प्रकाशक और स्कूल माफिया के खिलाफ प्रभावी कार्रवाही का स्वरूप जबलपुर सहित प्रदेश और देश में देख लिया है।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जय लोक से चर्चा करते हुए बताया कि जून के अंतिम माह में महिला स्व सहायता समूह एवं अन्य ड्रेस निर्माताओं को भी आमंत्रित कर बड़े स्तर पर यूनिफार्म मेले का आयोजन किया जाएगा। हमारा उद्देश्य स्पष्ट है कि कम कीमत में अच्छी गुणवत्ता वाली बच्चों की स्कूल यूनिफार्म अभिभावक खरीद पाएंगे। कलेक्टर श्री सक्सेना ने कहा कि आगे भी हम इस बात का मार्ग सुनिश्चित करेंगे कि हर साल स्कूलों द्वारा यूनिफार्म ना बदली जा पाए। शासन का नियम भी स्पष्ट है कि कोई भी निजी स्कूल केवल दो यूनिफार्म रख सकता है और न्यूनतम तीन साल तक इसमें परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।

यह आपके ब्रांड का प्रतीक,बार-बार न बदलें

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि स्कूलों से चर्चा के दौरान उन्होंने यह बात स्पष्ट रूप से कही है कि किसी भी स्कूल की यूनिफार्म उस स्कूल की पहचान होती है, उस यूनिफार्म से ही उस स्कूल की ब्रांडिंग होती है। इसलिए जल्दी-जल्दी यूनिफार्म बदलना ठीक नहीं है क्योंकि इसके पीछे मुनाफाखोरी और कमीशनबाजी का उद्देश्य ही स्पष्ट नजर आता है।

देश के लिए नजीर बनी कार्रवाही

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा शिक्षा माफिया की नींव पर प्रहार करने की यह सहासिक कार्रवाही अब पूरे देश के समक्ष अब नजीर के रूप में प्रस्तुत की जा रही है। अन्य जिलों में भी पीडि़त अभिभावक स्थानीय जिला प्रशासन से अब यह माँग उठाने लगे हैं कि उनके यहाँ पैर पसार चुके शिक्षा माफिया पर भी जबलपुर प्रशासन जैसी ही कार्रवाही होनी चाहिए। देश में पहली बार कमीशनखोरी के खेल में लगे 75 स्कूलों की जाँच हो रही है, 11 स्कूलों से संबंधित 80 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है। जिसमें स्कूल के संचालक, प्रबंधक, प्राचार्य, पुस्तक विके्रता, प्रकाशक आदि शामिल हैं। इनमें कई लोगों को जेल भेजा गया है। बहुत सारे खुलासे होना बाकी है, सैकड़ों करोड़ रूपये का ये घपला प्रशासन ने पारदर्शिता के साथ उजागर कर दिया है। निश्चित ही देश में ऐसी कार्रवाही प्रारंभ हो जाएगी तो शिक्षा सुगम, सरल और गुणवत्ता पूर्ण हो जाएगी।

Jai Lok
Author: Jai Lok

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS

Home » कानून » मुख्यमंत्री ने की कार्रवाही की सराहना: पुस्तक मेले के बाद अब लगेगा यूनिफार्म मेला ,जून के अंतिम सप्ताह में होगा आयोजन