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मुफ्त स्कीमों के वादों से बचेगी अब भाजपा

नई दिल्ली (जयलोक)। भाजपा अब चुनावों के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त की रेवडिय़ों को बांटने जैसी घोषणाओं (फ्रीबीज) पर ब्रेक लगाने की तैयारी में है। पार्टी ने इसके स्थान पर एक वैकल्पिक मॉडल तैयार किया है, जो सीधे कैश ट्रांसफर या अन्य छूट (नॉन परफॉर्मिंग एक्सपेंडिचर) की जगह राज्य की जीडीपी को गति देने वाले आर्थिक उपायों पर केंद्रित होगा। वैसे इसकी शुरुआत बिहार विधानसभा चुनाव से हो सकती थी, लेकिन इसे असम विधानसभा चुनाव तक के लिए रोक कर रखा गया है। बताया जा रहा है कि मुफ्त की स्कीमों के वादे की बजाय इस नए मॉडल की शुरुआत 2026 में होने वाले असम विधानसभा चुनाव से होगी। भाजपा यह व्यवस्था उन्हीं राज्यों में लागू करेगी, जहां पार्टी खुद सरकार में है, मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में है या जहां अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। वैसे बताया यह भी गया है कि जहां पहले से फ्रीबीज की घोषणाएं हो चुकी हैं या पार्टी ने जिसका वादा किया हुआ है, वह योजनाएं जारी रहेंगी, लेकिन अगले चुनावों में वहां भी नया मॉडल लागू किया जाएगा। यानी 2028 के बाद भाजपा शासित सभी राज्यों में यह व्यवस्था होगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया जा रहा है कि दिल्ली चुनाव के दौरान ही शीर्ष नेतृत्व ने अगले चुनावों में फ्रीबीज का वैकल्पिक मॉडल अपनाने के लिए रणनीति बनाने पर विचार रखा था।

सब्सिडी पर भी होगा पुनर्विचार
राज्य सरकारों को कई तरह की सब्सिडी पर हर महीने भारी खर्च करना पड़ता है। इनमें खाद्य सब्सिडी (जैसे- चावल और गेहूं को 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराना), कृषि सब्सिडी (किसानों को बिजली, उर्वरक और बीज पर दी जाने वाली छूट), शिक्षा और स्वास्थ्य सब्सिडी, परिवहन सब्सिडी तथा ऊर्जा सब्सिडी जैसी योजनाएं शामिल हैं।

असम में 4 लाख स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक सहयोग
असम भाजपा के अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने कहा कि राज्य में लगभग 4 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनमें प्रत्येक समूह में 10 महिलाएं जुड़ी हैं। इस प्रकार कुल 40 लाख महिलाएं इससे लाभान्वित हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार हर महिला को सालाना 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी, जिससे उनका कारोबार बढ़ सके। अगले साल यह राशि 20 हजार रुपये कर दी जाएगी, जिसमें 10 हजार रुपये का लोन होगा, जिसे सस्ती ब्याज दरों पर चुकाना होगा, जबकि शेष 10 हजार रुपये सरकार की ओर से दिए जाएंगे। इस प्रकार, पांच सालों में प्रत्येक महिला को कुल 90 हजार रुपये का सहयोग मिलेगा, जिससे राज्य की आर्थिक गतिविधियों में लगभग 33 हजार करोड़ रुपये का संचार होगा। इस नए फॉर्मूले के तहत भाजपा का लक्ष्य आर्थिक सुधार को प्राथमिकता देना और मुफ्त की योजनाओं की जगह उत्पादक निवेश को बढ़ावा देना है।

 

चोर देश की अर्थव्यवस्था का आधार स्तम्भ हैं

Jai Lok
Author: Jai Lok

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