कुंभ ना जा पाने वाले बाहरी यात्रियों की नर्मदा तटों पर भीड़
जबलपुर (जयलोक)। जबलपुर शहर की ओर आने वाले सभी तरफ के मार्गों पर कुंभ जाने वालों के वाहनों का जमावड़ा लगा हुआ है। शहर में दक्षिण भारत के प्रमुख राज्यों आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु गुजरात, गोवा, कर्नाटक, केरल तथा महाराष्ट्र जैसे राज्यों से प्रयागराज कुंभ जाने वालों को राष्ट्रीय राजमार्ग-30 सडक़ मार्ग से जबलपुर होकर ही जाना पड़ रहा है। जबलपुर-नागपुर मार्ग से सबसे अधिक प्रयागराज जाने वाले यात्री आ रहे हैं। इन यात्रियों के वाहन जबलपुर-नागपुर की सीमा खबासा में ही जाम का शिकार होना पड़ रहा है। वहीं लखनादौन, धूमा, बरगी मार्ग पर भी जगह-जगह वाहन भारी संख्या में रूके हुए हैं। इसी तरह मंडला से होकर जबलपुर आने वाले मार्ग तथा भोपाल-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी कुंभ के यात्रियों के वाहन फँसे हुए हैं। हर तरफ महाजाम के हालात बने हुए हैं।
पिछले दो दिनों पूर्व से ही कटनी और मैहर के आगे वाहनों से कुंभ के यात्रियों को आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। इन यात्रियों को वापस भेजा जा रहा है। ऐसे बहुत से वापस आने वाले यात्रियों का अब जबलपुर में दबाव बढ़ गया है। बहुत से यात्री अब जबलपुर में रूककर नर्मदा स्नान करना पसंद कर रहे हैं। इन यात्रियों का कहना है कि अब वे भले ही प्रयागराज कुंभ जाकर संगम में स्नान कर पाए हों लेकिन वे नर्मदा स्नान तो कर ही सकते हैं। दूरस्थ राज्यों के यात्रियों को नर्मदा स्नान करना भी पुण्य का माना जा रहा है।
लौटने वाले यात्री भी हो रहे परेशान
बहुत से यात्री जैसे तैसे दो दिन जाम में फँसे रहकर धीरे-धीरे आखिर प्रयागराज पहुँच ही गए हैं। इन यात्रियों में जबलपुर के यात्री भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। शनिवार को दिन में रवाना हुए शहर के यात्री आज सुबह दो दिन चलकर 5 बजे के करीब संगम जैसे तैसे पहुँच चुके हैं। बहुत से यात्री जो कि कुंभ का स्नान करके वापस जबलपुर लौटना चाह रहे हैं वे भी महाजाम में फँसे हुए हैं।
मुनाफाखोरों की चाँदी
कुंभ महाजाम में फँसे सडक़ मार्ग के यात्रियों को खाने पीने के समान के लाले पड़ रहे हैं। जैसे तैसे यदि कहीं कुछ खाने पीने का सामान मिल भी रहा है तो उन्हें इन सामानों की मुंहमांगी कीमतें भी देना पड़ रही हैं। छोटे छोटे से ढाबे वाले भी बड़े होटलों के समान खाने पीने का सामान बहुत महंगे दामों पर बेच रहे हैं। वहीं पानी की बोतल भी 50 रूपये में बेची जा रही है। महाजाम के कारण मुनाफाखोरों की तो जैसे चाँदी हो रही है।
आसपास के गाँव कस्बे परेशान
इस जाम के कारण आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों और शहरों, कस्बों, गली-मोहल्लों में रहने वाले लोगों को भी अपनी रोज़मर्रा की जि़ंदगी में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सडक़ पर खड़े वाहनों की लम्बी कतारें, हाईवे पर मेला सा माहौल और ढाबों, होटलों में भी जगह नहीं मिलने जैसी समस्याएं लोगों के सामने हैं। इस जाम में फंसी हुई बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी हैं, जिनकी हालत बेहद खराब हो रही है।
लौटना भी मुश्किल
जो लोग कटनी पार गये हैं उनके लिये लौटना भी एक चुनौती बन गया या है। जाम की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि अब श्रद्धालुओं के लिए वापस लौटना भी मुश्किल हो गया है। टोल नाकों पर भारी भीड़ और लंबी कतारें लग रही हैं, जिसके चलते समय की बर्बादी हो रही है।
ट्रैफिक जाम से परेशान कुंभ यात्रियों को देवजी नेत्रालय में दिया गया आश्रय
(जयलोक)। इन दिनों प्रयागराज कुंभ में देश के हर राज्यों से लोग अपने-अपने उच्च साधनों से सडक़ मार्ग से वहां जा रहे हैं। ऐसे लोग एनएच 30 हाईवे पर ट्रैफिक जाम की समस्या से लगातार परेशान हो रहे हैं। चरगवां रोड पर डॉक्टर पवन स्थापक द्वारा संचालित देव जी नेत्रालय में प्रयाग जाने वाले ऐसे यात्री जो ट्रैफिक जाम के कारण आगे नहीं जा पा रहे हैं उन्हें अस्पताल में आश्रय दिया जा रहा है। कल रात कनेरी मठ के महात्मा एवं उनके श्रद्धालुओं की टीम को देवजी नेत्रालय में आशा आश्रय प्रदान किया गया। इसी तरह एक दिन पहले महाराष्ट्र के एक और संत को भी यह सुविधा दी गई। डॉक्टर पवन स्थापक ने आग्रह किया है कि अपनी क्षमता के अनुसार हाईवे पर परेशान महाकुंभ यात्रियों को सहयोग प्रदान करें इससे भी कुंभ स्नान का पुण्य मिलेगा।
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