संभल। शाही जामा मस्जिद के सर्वे मामले में कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने सोमवार को रिपोर्ट अदालत में पेश करने के लिए और समय की मांग की है। यह रिपोर्ट 29 नवंबर को अदालत में पेश की जानी थी, लेकिन तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए उन्होंने समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था।
अदालत ने उनके अनुरोध पर पहले ही 10 दिन का समय दिया था, जो 9 दिसंबर को समाप्त हो गया। सोमवार को कोर्ट कमिश्नर ने एक बार फिर अदालत से अतिरिक्त समय की मांग की, जिसे मंजूर कर लिया गया। कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट फौरी तौर पर तैयार है, लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण इसे अंतिम रूप देने में विलंब हो रहा है। उन्होंने कोर्ट से 15 दिन का अतिरिक्त समय मांगा और कहा कि रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में प्रस्तुत किया जाएगा। मुस्लिम पक्ष के वकील जफर अली ने कोर्ट कमिश्नर के बार-बार समय मांगने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि हमने इस मामले में अदालत में आपत्ति दर्ज कराई है। अब देखना होगा कि कोर्ट क्या निर्णय लेता है। आगे की कोई भी कार्रवाई हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के बाद ही हो सकेगी। यह मामला 19 नवंबर को उस समय चर्चा में आया जब चंदौसी स्थित सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए एक वाद दायर किया गया। अदालत ने तत्काल कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति कर मस्जिद का सर्वे करने का निर्देश दिया। उसी दिन कोर्ट कमिश्नर ने चंदौसी से संभल पहुंचकर मस्जिद का सर्वे किया।